झारखण्ड : ऐतिहासिक क्रम Jharkhand: historical order : SARKARI RESULT

 

ईसा पूर्व 

कालक्रम 

घटना/महत्वपूर्ण तथ्य

6000 – 4000

  • असुरों का झारखण्ड में आगमन

4000-3000

  • संभवतः सिंहभूम क्षेत्र में तांबे का आविष्कार 

3000-2000

  • झारखण्ड में कांस्य युग की शुरूआत

2500

  • असुरों द्वारा लोहे का प्रयोग (असुरगढ़ से प्रमाण प्राप्त)

2000-1000

  • झारखण्ड में लौह युग का प्रसार

1500

  • झारखण्ड में नवपाषाण संस्कृति प्रारंभ

717

  • पार्श्वनाथ (जैन धर्म के 23वें तीर्थकर) को पारसनाथ पहाड़ी (गिरिडीह) पर निर्वाण की प्राप्ति हुयी। 

600

  • झारखण्ड में मुण्डा जनजाति का आगमन व असुरों से संघर्ष हुआ।

250

  • अशोक ने आटविक राज्य (झारखण्ड इसी में शामिल था) में बौद्ध धर्म के प्रचार हेतु रक्षित को भेजा।

ईस्वी सन् 

64

  • नागवंशी राज की स्थापना की गयी तथा फणी मुकुट राय द्वारा सुतियांबे को राजधानी बनाया गया। 

78-101

  • झारखण्ड कुषाण शासक कनिष्क के अधीन रहा।

335-380

  • समद्रगुप्त द्वारा आटविक राज्य पर विजय के परिणामस्वरूप झारखण्ड पर उसका अधिकार स्थापित हुआ। 

346

  • नागवंशी शासक प्रताप राय द्वारा अपनी राजधानी को सुतियांबे से चुटिया स्थानांतरित किया गया। 

602-25

  • झारखण्ड पर गौड़ शासक शशांक का नियंत्रण स्थापित हुआ।

604

  • नागवंशी शासक मुकुंद राय की मृत्यु के बाद उमेदनी राय शासक बना। 

606-647

  • हर्षवधर्न के राज्य में राजमहल (कांगाजल) शामिल हो गया। इसी दौरान हर्षवर्धन चीनी यात्री ह्वेनसांग से मिला। 

695-736

  • नागवंशी शासक कंचन राय ने अपनी राजधानी पविरागढ़ से कंचनगढ़ स्थानांतरित की।

695-736

  • इस दौरान अकाल पड़ने के परिणामस्वरूप जनी शिकार की प्रथा शुरू की गयी।

8वी  सदी 

  • काशीनाथ सिंह द्वारा सिंहभूम के सिंह वंश की पहली शाखा की स्थापना की गयी।

1122

  • छोटानागपुर खास के नागवंशी शासक भीमकर्ण ने चुटिया के स्थान पर खुखरा को अपनी राजधानी बनाया।

1205

  • दर्पनारायण सिंह ने सिंहवंश की दूसरी शाखा की स्थापना की।

1206

  • बख्तियार खिलजी नादिया पर आक्रमण हेतु जाते समय झारखण्ड से गुजरा।

1262-71

  • सिंहवंश के राजा युधिष्ठिर का शासनकाल।

1310

  • अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति छज्जू मलिक ने छोटानागपुर खास के नागवंशी शासक से कर वसूला। 

1340

  • मुहम्मद बिन तुगलक के सेनापति मलिक बया ने हजारीबाग के चाई-चंपा क्षेत्र पर आक्रमण किया। 

1359-60

  • फिरोज तुगलक ने बंगाल अभियान पर जाते समय हजारीबाग के सतगावां में एक बड़े इलाके को जीता तथा सतगावां को उसकी राजधानी बनाया।

1368

  • बाघदेव सिंह ने रामगढ़ राज्य की स्थापना की।

1372

  • फिरोजशाह ने झारखण्ड होकर उड़ीसा पर आक्रमण किया।

1401

  • नागवंशी राजा शिवदास कर्ण द्वारा हापामुनि मंदिर (घाघरा, गुमला) की स्थापना की गयी। 

1458

  • उड़ीसा के गंग वंश के राजा ने स्वयं को झारखण्ड का राजा घोषित किया। 

1498

  • संध्या के शासक ने छोटानागपुर के नागवंशी राज्य पर आक्रमण किया।

1538

  • शेरशाह के सेनापति खवास खाँ ने महारथ चेरो को युद्ध में पराजित किया।

1576

  • मुगलों द्वारा आक्रमण में मुगल विरोधी अफगानी जुनैद कर्रानी पराजित हुआ। 

1585

  • शाहबाज खाँ के नेतृत्व में मुगलों ने मधुकरण शाह को पराजित कर छोटानागपुर क्षेत्र में नियंत्रण स्थापित किया। 

1589

  • राजा मानसिंह को बिहार-झारखण्ड का सूबेदार नियुक्त किया गया। मानसिंह ने पलामू के चेरो राजा भागवत राय के विरूद्ध अभियान प्रारंभ किया। 

1592

  • राजा मानसिंह ने राजमहल को बंगाल की राजधानी बनाया।

1605

  • पलामू के राजा भागवत राय ने मुगलों की सेना को पराजित किया। 

1615

  • इब्राहिम खाँ ने दुर्जनशाल को पराजित कर सत्ता पर अधिकार स्थापित किया तथा दुर्जनशाल को ग्वालियर के किले में बंदी बना लिया।

1627

  • जहांगीर द्वारा दुर्जनशाल को मुक्त किया गया। दुर्जनशाल की सत्ता पुनः स्थापित हुयी। 

1627

  • दुजर्नशाल ने अपनी राजधानी कोकरा से दोइसा स्थानांतरित की। 

1632

  • पटना के गवर्नर को जागीर के रूप में छोटानागपुर दिया गया। 

1639

  • दुर्जनशाल की मृत्यु हो गयी।

1640

  • नागवंशी शासक रघुनाथ शाह का राज्याभिषेक हुआ। (1690 तक इसने शासन किया) 

1641

1642

  • हजारीबाग के राजा हेमंत सिंह ने बादम किले का निर्माण कराया।

1643-44

  • मुगल सेनापति जबरदस्त खाँ ने पलामू पर आक्रमण किया जिसके बाद पलामू के राजा प्रताप राय व मुगलों के बीच समझौता हो गया।

1658

  • पलामू में राजा मेदिनी राय का शासन शुरू हुआ।

1660

  • औरंगजेब की सेना ने शाह शुजा को पराजित किया।

1660

  • मेदिनी राय सरगुजा चला गया (1666 में वापस लौटा)।

1666

  • ट्रॉवर्नियर और बर्नियर ने राजमहल का दौरा किया।

1665

  • बोड़ेया (राँची) में रघुनाथ शाह के शासनकाल में लक्ष्मीनारायण तिवारी द्वारा मदन मोहन मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया गया। 

1667

  • दलेल सिंह रामगढ़ राज्य के राजा बने। 

1668

  • बोड़ेया (राँची) में मदन मोहन मंदिर का निर्माण पूर्ण (चहारदीवारी व चबूतरे का निर्माण 1682 में पूर्ण हुआ।) 

1670

  • दलेल सिंह ने अपनी राजधानी हजारीबाग से बादम स्थानांतरित की।

1674

  • पलामू में मेदिनी राय के उत्तराधिकारी रूद्र राय का शासन शुरू हुआ, जो 1680 तक रहा।

1680

  • पलामू में रूद्र राय के उत्तराधिकारी दिक्पाल राय का शासन प्रारंभ, जो 1697 तक रहा।

1685

  • चुटिया (राँची) में राम-सीता मंदिर का निर्माण हुआ।

1690

  • नागवंशी शासक राजा रामशाह का शासन प्रारंभ हुआ।

1691

  • राँची में जगन्नाथपुर मंदिर का निर्माण हुआ।

1692

  • नागवंशी राजा रामशाह और औरंगजेब के बीच समझौता हुआ।

1695-96

  • बंगाल के शोभा सिंह व उड़ीसा के रहीम खाँ ने बंगाल में लूटपाट किया तथा उस पर अधिकार कर लिया।

1697

  • मुगल सूबेदार जबरदस्त खाँ ने शोभा सिंह व रहीम खाँ को पराजित करके राजमहल पर अधिकार कर लिया।

1697

  • पलामू में दिक्पाल राय के उत्तराधिकारी साहेब राय का शासन प्रारंभ, जो 1716 तक रहा। 

1700

  • फर्रुखसियर का राजमहल आगमन। 

1707

  • बहादुरशाह का पुत्र अजीम-उस-सान उत्तराधिकार के युद्ध में जाते समय राजमहल से गुजरा।।

1711

  • बंगाल का नवाब इज्जुद्दौला ने राजमहल की किलाबंदी और घाटों की सुरक्षा का प्रबंध किया।

1715

  • नागवंशी राजा रामशाह की मृत्यु हो गयी तथा यदुनाथ शाह शासक बना। 

1716

  • पलामू में चेरो राजा रणजीत राय का शासन प्रारंभ, जो 1722 तक जारी रहा।

1717

  • सरबुलंद खाँ (बिहार के सूबेदार) ने यदुनाथ शाह पर आक्रमण करके कर वसूला।

1719

  • पलामू के चेरो राजा रणजीत राय ने टोरी पर कब्जा कर लिया।

1720

  • यदुनाथ शाह ने अपनी राजधानी को दोइसा से पालकोट स्थानांतरित कर दी।

1722

  • पलामू में चेरो राजा जयकृष्ण राय का शासन प्रारंभ, जो 1770 तक जारी रहा। 

1724

  • नागवंशी शासक शिवनाथ सिंह का राज्याभिषेक हुआ जिसने 1733 तक शासन किया।

1724

  • रामगढ़ में विष्णु सिंह का शासन प्रारंभ, जो 1763 तक जारी रहा।

1730

  • फखरूद्दौला (बिहार के सूबेदार) ने पलामू के राजा जयकृष्ण राय तथा छोटानागपुर के नागवंशी राजा शिवनाथ सिंह से कर वसूली की। 

1733

  • शिवनाथ शाह की मृत्यु हो गयी तथा उदयनाथ शाह राजा बना। यह 1740 तक शासक रहा।

1733

  • अलीवर्दी खाँ को नवाब शुजाउद्दीन ने बिहार का नया सूबेदार नियुक्त किया।

1733

  • अताउल्ला खाँ (अलीवर्दी खाँ के भाई हाजी अहमद का दामाद) को राजमहल का फौजदार नियुक्त किया गया। 

1734

  • अलीवर्दी खाँ ने चतरा के किले पर आक्रमण कर दिया।

1740

  • हिदायत अली खाँ ने रामगढ़ के राजा विष्णु सिंह पर आक्रमण किया तथा कर की वसूली की।

1740

  • उदयनाथ शाह की मृत्यु हो गयी तथा श्याम सुंदर शाह छोटानागपुर का राजा बना।

1742

  • मराठा भास्कर राव पंडित ने छत्तीसगढ़ होकर झारखण्ड में प्रवेश किया तथा बंगाल पर हमला किया।

1743

  • मराठा रघुजी भोंसले ने झारखण्ड होकर बंगाल पर आक्रमण किया।

1748-50

  • मीर हबीब के नेतृत्व में मराठों ने राजमहल क्षेत्र में लूटपाट किया। 

1757

  • प्लासी युद्ध के दौरान सिराजुद्दौला को राजमहल क्षेत्र में गिरफ्तार किया गया। 

1763

  • मेजर एडम्स के नेतृत्व में सैनिकों का दल मीर कासिम के विरूद्ध अभियान हेतु जाते समय झारखण्ड से होकर गुजरा।

1765

  • संथाल परगना क्षेत्र को ब्रिटिश शासन के अंतर्गत लाने हेतु सैन्य अभियान चलाया गया। 

1765

  • शाह आलम द्वितीय ने ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी को बंगाल व उड़ीसा के साथ-साथ बिहार (झारखण्ड सहित) की दीवानी प्रदान की। 

1766

  • बंगाल इंजीनियर्स के डू ग्लोंस को झारखण्ड से होकर आने-जाने हेतु रास्ते का पता लगाने हेतु दक्षिण बिहार भेजा गया। 

1767

  • अंग्रेजों ने सिंहभूम क्षेत्र में प्रवेश किया।

1767

  • 22 मार्च, 1767 को फर्ग्युसन ने घाटशिला के महल पर कब्जा कर लिया। 

1767-77

  • ढाल विद्रोह का संचालन। 

1769

  • चुआर विद्रोह प्रारंभ।

1770

  • चेरो विद्रोह प्रारंभ।

1771

  • ईस्ट इण्डिया कंपनी द्वारा पलामू किला पर अधिकार किया गया।

1771

  • छोटानागपुर खास के शासक दर्पनाथ सिंह ने अंग्रेजों की अधीनता स्वीकार की।

1772

  • चेरो शासक गोपाल राय ने पलामू के शाहपुर के किला का निर्माण कराया।

1772

  • घटवाल विद्रोह की शुरूआत।

1772-82

  • पहाड़िया विद्रोह का संचालन।

1773

  • छोटानागपुर क्षेत्र पटना काउंसिल के नियंत्रण से मुक्त होकर बंगाल प्रेसीडेंसी के अधीन आ गया। 

1775

  • एस. जी. ह्विटली को पलामू, रामगढ़ एवं छोटानागपुर का सिविल कलेक्टर नियुक्त किया गया। 

1780

1781

  • रानी सर्वेश्वरी ने पहाडिया सरदारों के सहयोग से संथाल परगना क्षेत्र में विद्रोह किया। 

1782-1821

  • तमाड़ विद्रोह का संचालन।

1783-85

  • तिलका माँझी का आंदोलन।

1785

  • भागलपुर में तिलका माँझी को फांसी की सजा दी गयी।

1793

  • स्थायी बंदोबस्त प्रणाली को लागू किया गया।

1793

  • विष्णु मानकी के नेतृत्व में मुण्डा विद्रोह।

1796

1798

  • वीरभूम-बांकुड़ा में चुआर विद्रोह। 

1798-99

1800-1802

  • तमाड़ में दुखन मानकी के नेतृत्व में मुण्डा विद्रोह।

1800-1819

1805

  • जंगलमहल की स्थापना की गयी। 

1806

  • जमींदारी पुलिस की शुरूआत की गयी। 

1807

  • दुखन मानकी के नेतृत्व में तमाड़ में मुण्डा विद्रोह। 

1807

  • भागलपुर जेल में रानी सर्वेश्वरी की मृत्यु हो गयी। 

1820-21

  • हो विद्रोह।

1824

  • दामिन-ए-कोह की स्थापना की गयी।

1825

  • लोहरदगा एवं लेस्लीगंज में मुंसिफों की बहाली की गयी।

1828-32

  • बुद्धु  भगत के नेतृत्व में लरका महाविद्रोह।

1831-32

  • कोल विद्रोह।

1832-33

  • भूमिज विद्रोह (गंगा नारायण का हंगामा)।

1834

  • विल्किंसन रूल लागू किया गया।

1834

  • साउथ वेस्ट फ्रंटियर एजेंसी की स्थापना की गयी।

1834

1837

  • कोल्हान क्षेत्र पर ईस्ट इण्डिया कंपनी की सत्ता स्थापित होग गयी। 

1837

  • विल्किंसन रूल के आधार पर सिंहभूम राज्य का गठन किया गया।

1845

  • झारखण्ड में इसाईयों का प्रवेश हुआ।

1854

  • छोटानागपुर प्रमण्डल की स्थापना की गयी।

1855-56

1856

  • पुलिस बल की स्थापना।

1857

  • विश्वनाथ शाहदेव के नेतृत्व में सिपाही विद्रोह का संचालन।

1858

  • सरकार ने ‘रिकार्ड ऑफ राइट्स’ बनाने का प्रयास किया।

1858

  • शेख भिखारी को फाँसी दी गयी।

1859

  • छोटानागपुर प्रमण्डल में खरीद-बिक्री अधिनियम लागू किया गया।

1863

  • डाल्टनगंज अनुमण्डल की स्थापना की गयी। 

1869

  • छोटानागपुर टिन्योर्स कानून को लागू किया गया। 

1869

  • राँची नगरपालिकाओं का गठन गया।

1869

  • एग्लिकन मिशन का झारखण्ड में प्रवेश हुआ।

1871

  • द यूनाइटेड फ्री चर्च ऑफ स्कॉटलैण्ड का आगमन। 

1872

1874

  • भागीरथ मांझी के नेतृत्व में खरवार आंदोलन हुआ।

1874

  • रोमन कैथोलिक मिशन का आगमन।

1874

  • अनुसूचित जिला अधिनियम लागू किया गया।

1875

1879

  • छोटानागपुर लैंडलॉर्ड एंड टेनेंट प्रोसिड्योर एक्ट लागू हुआ।

1880

1881-82

1886

  • संथाल परगना रेंट रेगुलेशन अधिनियम लागू किया गया।

1891

  • झारखण्ड में आर्य समाज की स्थापना की गयी।

1892

  • डब्लिन यूनिवर्सिटी मिशन का आगमन। 

1894

  • छोटानागपुर वन सुरक्षा कानून पारित किया गया।

1895-1900

1896-97

  • फुत्तेह संथाल के नेतृत्व में आंदोलन किया गया। 

1897

  • छोटानागपुर कम्प्यूटेशन एक्ट पारित किया गया।

1902-10

  • लिस्टर एवं जॉन रीड के नेतृत्व में राँची में भूमि की पैमाइश व बन्दोबस्ती का कार्य

1903

  • जयपाल सिंह का जन्म हुआ। 

1903

  • खूटी अनुमण्डल का निर्माण हुआ। 

1903

  • छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम, 1903 बनकर तैयार हो गया। 

1907

  • जमशेदपुर में इस्पात कारखाने की स्थापना हुयी।

1908

  • छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम, 1908 को लागू किया गया। इसके साथ ही जमीन के स्थानांतरण पर रोक लग गयी।

1911

  • टाटा स्टील (टिस्को) में उत्पादन प्रारंभ।

1912

  • बंगाल से अलग करके बिहार और उड़ीसा प्रात का गठन।

1912

  • जे. बार्थोलमन द्वारा क्रिश्चिन स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन की स्थापना।

1912

  • राँची को बिहार की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया। 

1912

  • संथाल परगना भूधृति अधिनियम पारित किया गया।

1914

  • जतरा भगत के नेतृत्व में ताना भगत आंदोलन। 

1915

  • छोटानागपुर उन्नति समाज की स्थापना। 

1916

  • मौलाना अबुल कलाम आजाद की गिरफ्तारी तथा राँची में नजरबंदी (1916-1919 तक) 

1917

1919-20

  • विभिन्न जिलों में कांग्रेस कमिटियों की स्थापना की गयी।

1924

  • नामकुम (राँची में लाह अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की गयी।

1925

1928

  • साइमन कमीशन के राँची आगमन पर छोटानागपुर उन्नति समाज ने ज्ञापन सौंपा।

1928

1929

  • झरिया में AITUC के सम्मेलन में जवाहर लाल नेहरू अध्यक्ष चुने गये। 

1930

  • ठेबलउराँव की अध्यक्षता में किसान सभा की स्थापना।

1931

  • राँची में राजभवन का निर्माण।

1931

  • दुका हो के नेतृत्व में हरिबाबा आंदोलन। 

1933

  • छोटानागपुर कैथोलिक सभा की स्थापना की गयी। 

1935

  • मानभूम में भूमिज-क्षत्रिय सुधार आंदोलन।

1936

  • बिहार से उड़ीसा को अलग किया गया।

1938

  • छोटानागपुर-संथाल परगना आदिवासी महासभा की स्थापना।

1938

  • स्वामी सहजानंद सरस्वती का संथाल परगना आगमन।

1939

  • छोटानागपुर-संथाल परगना आदिवासी महासभा का नाम परिवर्तित करके आदिवासी महासभा किया गया।

1939

  • सिमको हत्याकांड (उड़ीसा)

1940

  • रामगढ़ में कांग्रेस का 53वाँ अधिवेशन संपन्न।

1940

1941

  • रघुनाथ मुर्मू द्वारा ओलचिकी लिपि का आविष्कार।

1942

  • भारत छोड़ो आंदोलन।

1942

1942

1945

  • मानभूम झण्डा सत्याग्रह

1948

  • दामोदर घाटी निगम की स्थापना (7 जुलाई, 1948)।

1948

1949

  • संथाल परगना काश्तकारी (पूरक प्रावधान) अधिनियम, 1949 पारित किया गया।

1950

  • जयपाल सिंह के नेतृत्व में झारखण्ड पार्टी की स्थापना। 

1950

  • छोटानागपुर संथाल परगना जनता पार्टी की स्थापना (संस्थापक – कामाख्या नारायण सिंह)

1950

  • लाखो बोदरा के नेतृत्व में ‘हो पुनर्जागरण आंदोलन’ का संचालन।

1950-58

  • फेटल सिंह के नेतृत्व में ‘खरवार वन आंदोलन’ संचालित।

1952

  • बिहार विधानसभा के चुनाव में झारखण्ड पार्टी की 33 सीटों पर विजय व मुख्य विपक्षी दल का दर्जा। (1957 में 32 सीटों पर विजयी)

1952

  • भूदान आंदोलन के संदर्भ में विनोबा भावे ने झारखण्ड की यात्रा की।

1954

  • छोटानागपुर संयुक्त संघ की स्थापना की गयी।

1955

  • राज्य पुनर्गठन आयोग का राँची आगमन तथा जयपाल सिंह के नेतृत्व में अलग राज्य की मांग हेतु आयोग के सामने प्रदर्शन। 

1956

  • छोटानागपुर से अलग करके मानभूम जिला को पश्चिम बंगाल में मिलाया गया।

1957

  • राँची आकाशवानी केन्द्र की स्थापना की गयी।

1958

  • टिस्को की स्वर्ण जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जमशेदपुर की यात्रा की।

1959

  • छोटानागपुर संथाल परगना जनता पार्टी का स्वतंत्र पार्टी में विलय किया गया।

1960

  • राँची विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी। 

1961

  • बिहार विधान परिषद् में सीताराम जगतराम ने  पृथक झारखण्ड राज्य के गठन हेतु भारत सरकार से आग्रह करने हेतु एक प्रस्ताव रखा।

1963

  • झारखण्ड पार्टी का कांग्रेस में विलय किया गया। 

1963

  • देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा एच.ई.सी. कारखाने को राष्ट्र को समर्पित किया।

1964

  •   रामगढ़ में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हुआ। 

1964

  • एच.ई.सी. में उत्पादन कार्य प्रारंभ

1965

  • बिरसा सेवा दल की स्थापना की गयी। 

1965

1967

  • अखिल भारतीय झारखण्ड पार्टी की स्थापना की गयी। 

1967

  • बिहार में गठित प्रथम गैर-कांग्रेसी मंत्रिमण्डल (मुख्यमंत्री- महामाया प्रसाद सिन्हा) में झारखण्ड के कामाख्या नारायण सिंह, बसंत नारायण सिंह व रामदेव महतो कैबिनेट मंत्री बने। 

1968

  • अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् की स्थापना (कार्तिक उराँव द्वारा)।

1969

1969

  • हुल झारखण्ड पार्टी की स्थापना।

1969

  • वनवासी कल्याण केन्द्र की स्थापना

1969

  • ईरान के शाह रजा पहलवी की राँची यात्रा। 

1969

  • अब्दुल गफ्फार खाँ (सीमांत गाँधी) की राँची यात्रा। 

1969

  • एन. ई. होरो की अध्यक्षता में झारखण्ड पार्टी की स्थापना की गयी।

1970

  • शिबू सोरेन द्वारा सोनोत संथाल समाज की स्थापना की गयी।

1970

  • जयपाल सिंह का ब्रेन हेमरेज के कारण निधन हो गया। 

1971

  • मार्क्सवादी नेता ए. के. राय ने पृथक झारखण्ड की मांग हेतु एम.सी.सी. (मार्क्सवादी कोऑर्डिनेशन कमिटी) का गठन किया।

1971

  • भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान राँची निवासी लांस नायक अल्बर्ट एक्का शहीद। 

1972

  • राँची संग्रहालय की स्थापना की गयी।

1973

  • कोयलकारो जल विद्युत परियोजना के विरूद्ध आदिवासियों का संघर्ष शुरू हुआ। 

1973

  • शिबू सोरेन व विनोद बिहारी महतो ने मिलकर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का गठन किया।

1973

  • धनबाद के टुंडी प्रखण्ड में शिबू सोरेन के नेतृत्व में धनकटनी आंदोलन द्वारा आदिवासियों के खेतों से महाजनों द्वारा जबरन फसल काटने का विरोध किया गया।

1976

  • राँची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) की स्थापना की गयी।

1976

  • राँची में पटना उच्च न्यायालय के खंडपीठ की स्थापना।

1977

  • सिंहभूम में ‘कोल्हानिस्तान’ नामक एक अलग राष्ट्र की मांग हेतु कोल्हान रक्षा संघ का आंदोलन का संचालन किया गया।

1978

  • सिंहभूम में जंगल कटाई आंदोलन का संचालन किया गया।

1979

  • सोवियत संघ के प्रधानमंत्री कोसीगिन की राँची यात्रा।

1979

  • राँची नगर निगम की स्थापना।

1980

  • रामगढ़ के केदला-कुजू क्षेत्र में कोलियरियों में विस्थापन के विरूद्ध प्रदर्शन किया गया।

1981

1981

  • राँची विश्वविद्यालय में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग की स्थापना की गयी (विभागाध्यक्ष – डॉ. रामदयाल मुण्डा)। 

1981

1981

  • छोटानागपुर संथाल परगना स्वशासी विकास प्राधिकार का गठन किया गया।

1983

1984

  • राँची में झारखण्ड के प्रथम दूरदर्शन केन्द्र की स्थापना की गयी। 

1983

  • पोप जॉन पाल द्वितीय की राँची यात्रा।

1983

  • आदिवासी हो समाज महासभा की स्थापना की गयी। 

1985

  • कुटकू बाँध (गढ़वा) के विस्थापितों द्वारा आंदोलन किया गया। 

1986

  • आजसू (ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन) की स्थापना की गयी। 

1987

  • झारखण्ड समन्वय समिति का गठन किया गया। 

1988

  • भारतीय जनता पार्टी द्वारा बिहार का विभाजन कर वनांचल राज्य के गठन की मांग की गयी।

1989

  • 24 सदस्यीय झारखण्ड विषयक समिति का गठन किया गया।

1990

  • झारखण्ड पीपुल्स पार्टी का गठन किया गया।

1991

  • बिहार विधानसभा में झारखण्ड क्षेत्र विकास परिषद् विधेयक पारित किया गया। 

1991

1992

1992

1993

  • नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज (लातेहार) के विरूद्ध आंदोलन।

1994

  • बिहार विधानसभा में ‘झारखण्ड क्षेत्रीय स्वायत्तशासी परिषद्’ (जैक) के गठन हेतु विधेयक पारित किया गया। 

1995

  • झारखण्ड क्षेत्रीय स्वायत्तशासी परिषद् (जैक) की स्थापना की गयी।

1997

  • बिहार विधानसभा से पृथक झारखण्ड के गठन हेतु प्रस्ताव पारित किया गया। 

1998

  • बिहार पुनर्गठन विधेयक’ पर चर्चा हेतु बिहार विधानसभा में तीनदिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया गया। 

2000

  • बिहार पुनर्गठन विधेयक को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दी गयी।

2000

  • 15 नवंबर, 2000 को बिहार से पृथक करके झारखण्ड राज्य (28वाँ) का गठन किया गया। 

2001

  • झारखण्ड राज्य विद्युत बोर्ड का गठन।

2001

2002

  • झारखण्ड लोक सेवा आयोग का गठन। 

2004

  • झारखण्ड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन।

2005

  • जनजातीय परामर्शदात्री परिषद् का गठन।

2006

  • झारखण्ड राज्य जनजाति आयोग का गठन। 

2006

2007

  • खूटी एवं रामगढ़ के रूप में दो नये जिलों का गठन।

2009

  • झारखण्ड में पहली बार राष्ट्रपति शासन लागू।

2009

  • पलाम में नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय तथा चाईबासा में कोल्हान विश्वविद्यालय की स्थापना।

2012

  • 2012 को लाडली बिटिया वर्ष घोषित किया गया।

2013

  • 2013 को युवा एवं क्षमता विकास वर्ष घोषित किया। 

2016

  • स्थानीयता नीति की घोषणा की गयी।

2017

  • ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया।

2019

  • राँची में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) का आयोजन किया गया।

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