Home
- प्रारब्ध – कर्म का सिद्धांत : हम इस जीवन में जो कुछ भी अनुभव करते हैं, वह केवल इस जनम के कर्मों का नहीं, बल्कि पिछले जन्मों के कर्मों का भी परिणाम है। यह भाग्य का हिस्सा होता है, फिर भी व्यक्ति अपने वर्तमान कर्मों से इसे प्रभावित और बदल सकता है।