भूमिज
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      • झारखण्ड में भूमिज जनजाति (Bhumij Tribe) निवास –  हजारीबाग, राँची व धनबाद 
      • प्रजातीय संबंध –  प्रोटो ऑस्ट्रेलायड 
      • उपनाम – ‘धनबाद के सरदार‘ ,चुहाड़ (घने जंगलों में रहने के कारण मुगल काल में)
      • भाषा  – मुण्डारी (ऑस्ट्रो-एशियाटिक)
      • समाज – पितृसत्तात्मक 
      • गोत्र की संख्या –  चार [पत्ती, जेयोला, गुल्गु, हेम्ब्रोम]  
      • सगोत्रीय विवाह निषिद्ध 
      •  सर्वाधिक प्रचलित विवाह –  आयोजित विवाह 
        • 1.अपहरण विवाह
        • 2.गोलट विवाह
        • 3.सेवा विवाह
        • 4.राजी-खुशी विवाह 
      • तलाक की प्रथा पायी जाती है 
      • पति द्वारा पत्ते को फाड़कर टुकड़े करने पर तलाक हो जाता है।
      • जातीय पंचायत का मुखिया  – प्रधान 
      • प्रमुख त्योहार  – धुला पूजा, चैत पूजा, काली पूजा, गोराई ठाकुर पूजा, ग्राम ठाकुर पूजा, करम पूजा आदि 
      • प्रमुख पेशा –  कृषि 
      • यह जनजाति अच्छी काश्तकार है। 
      • सर्वोच्च देवता – ग्राम ठाकुर और गोराई ठाकुर 
      • धार्मिक प्रधानलाया कहा जाता है।
      • कमावतश्राद्ध संस्कारों को कहा जाता है।

       

      भूमिज जनजाति के 4 गोत्र एवं उनके प्रतीक

      गोत्र 

      प्रतीक 

      गोत्र 

      प्रतीक 

      पत्ती

      एक पत्त

      गुल्गु

      मछली

      जेयोला

      पक्षी

      हेम्ब्रोम

      एक बादाम