श्वसन तंत्र (Respiratory System )

श्वसन तंत्र (Respiratory System)

मनुष्य का श्वसन तंत्र निम्नलिखित अंगों से मिलकर बना होता है

  • 1. नाक (Nose)
  • 2. ग्रसनी (Pharynx) 
  • 3. स्वरयंत्र (Larynx)
  • 4. श्वासनली (Trachea)
  • 5. फेफड़े (Lungs)

  • इसके अतिरिक्त ब्रोंकी (Bronchi) एवं ब्रोंकीओल्स (Bronchioles), डायफ्रॉम व इंटरकोस्टल पेशियाँ भी श्वसन में सहायता करती हैं।
  •  नाक श्वसन मार्ग का प्रथम अंग है। 
  • ग्रसनी, पाचन व श्वसन तंत्र दोनों के अंतर्गत आती है। 
  • वायु ग्रसनी से होते हुए श्वासनली में पहुँचती है। 
  • श्वासनली, वक्षगुहा (Thoracic Cavity) में विभाजित होकर दो श्वसनियों (Bronchus) में बँट जाती है। 
  • प्रत्येक श्वसनी फेफड़ों में पहुँचकर श्वसनिकाओं (Bronchioles) में बँट जाती है। इनका अंतिम छोर वायुकोष (Airsac or Alveoli) में खुलता है। 
  • प्रत्येक वायुकोष (Airsac or Alveoli)फेफड़ों की संरचनात्मक एवं कार्यिकी इकाई होती है।

 

फेफड़े (Lungs

  • वक्षगुहा में दोनों तरफ एक-एक स्पंजी, गुलाबी और लगभग शंक्वाकार फेफड़ा पाया जाता है। 
  • बाएँ फेफड़े की अवतली खाँच को हृदयी खाँच (Cardiac Notch) कहते हैं, जिसमें हृदय (Heart) स्थित रहता है। 
  • फेफड़ों तक अशुद्ध रक्त (Deoxygenated Blood) “फुफ्फुस धमनी’ (Pulmonary Artery) द्वारा पहुँचाया जाता है। यह मानव-शरीर की एकमात्र धमनी है जिसमें अशुद्ध रक्त बहता है। 
  • फेफड़ों द्वारा शुद्ध किया हुआ रक्त (Oxygenated Blood) “फुफ्फुस शिरा’ (Pulmonary Vein) द्वारा हृदय के बाएँ आलिंद (Left Atrium) में पहुँचाया जाता है। यह मानव शरीर का एकमात्र शिरा है जिसमें शुद्ध रक्त बहता है। 
  • डायफ्रॉम की उपस्थिति स्तनधारियों का मूलभूत लक्षण होता है।

 

श्वसन (Respiration) 

  • श्वसन एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें ऊर्जा का उत्पादन होता है। 
  • इस प्रक्रिया में सामान्य स्थितियों में ग्लकोज का ऑक्सीजन का उपस्थिति में ऑक्सीकरण (Oxidation) होता है तथा ऊर्जा (Energy) विमुक्त होती है। 
  • इसी कारण ग्लूकोज (Glucose) को कोशिकीय इंधन (Cellular Fuel) कहा जाता है।
  • श्वसन की प्रक्रिया जीव-जंतुओं तथा पेड़-पौधों सभी में समान रूप से होती है। 
  •  श्वसन क्रिया को निम्न समीकरण द्वारा व्यक्त किया जाता है

ग्लुकोज + ऑक्सीजनकार्बन डाइऑक्साइड + जल + ऊर्जा 

C6H12O6 + 6O2 → 6CO2 + 6H2O +673 Kcal 

 

  • वातावरण से ली गई वायु में 21 प्रतिशत ऑक्सीजन तथा 0.03 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड होता है, जबकि नाक द्वारा छोड़ी गई साँस में लगभग 16 प्रतिशत ऑक्सीजन तथा 3.6 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड होता है। 
  • फेफड़ों के alveoli में बाहर से ली गई वायु में उपस्थित O2, तथा alveoli के ऊपर मौजूद केशिकाओं (Capillaries) में प्रवाहित अशुद्ध रक्त में उपस्थित CO2, का श्वसन झिल्ली द्वारा होने वाला आदान-प्रदान गैस-विनिमय कहलाता है। गैस-विनिमय विसरण विधि द्वारा होता है। 
  •  श्वसन की दर वयस्क मनुष्यों में 12-15 बार प्रति मिनट तथा शिशुओं में लगभग 44 बार प्रति मिनट होती है। 
  • श्वसन क्रिया पूर्ण रूप से तंत्रिकीय नियंत्रण में होती है। 

 

ऑक्सीजन का परिवहन (Transportation of Oxygen) 

  • हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन के साथ मिलकर एक अस्थायी यौगिक ऑक्सीहीमोग्लोबिन (Oxyhaemoglobin) बना लेता है।

Hb + O2 → HbO2 

  • मनुष्य में श्वसन रंजक (Respiratory Pigments) हीमोग्लोबिन होता है। 
  • डीऑक्सीजिनेटेड हीमोग्लोबिन (Deoxygenated Haemoglobin) का रंग बैंगनी (Violet) होता है जबकि ऑक्सीहीमोग्लोबिन (Oxyhaemoglobin) का रंग चमकदार लाल (Bright Red) होता है। यही कारण है कि ऑक्सीकृत (Oxygenated) अर्थात् ऑक्सीहीमोग्लोबिन युक्त शुद्ध रक्त चमकीला लाल होता है तथा अशुद्ध रक्त बैंगनी (Violet) रंग का होता है। 
  • एक सामान्य व्यक्ति में हीमोग्लोबिन की मात्रा औसत रूप से 15 ग्राम/100 मिली. रक्त होती है। 

 

कार्बन मोनोऑक्साइड का प्रभाव:

  • कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) एक अत्यन्त जहरीली (Poisonous) गैस है। 
  • CO के प्रति हीमोग्लोबिन का आकर्षण ऑक्सीजन (O2) से लगभग 250 गुना अधिक होता है। 
  • CO2 की उपस्थिति में हीमोग्लोबिन इससे अभिक्रिया कर लेता है जिससे इसकी O2 को ले जाने की क्षमता कम हो जाती है। फलस्वरूप रक्त में O2,की कमी के कारण मस्तिष्क अवचेतन अवस्था में चला जाता है तथा लंबे समय की अवचेतन अवस्था मृत्यु का कारण बन जाती है। 

ऊँचाई एवं श्वसन (Altitude and Respiration) 

  •  जैसे-जैसे हम ऊँचाई पर जाते हैं हवा का घनत्व तथा ऑक्सीजन की मात्रा घटती जाती है। इस कारण रक्त में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिसे हाइपोक्सिया (Hypoxia) कहा जाता है। 
  • ऊँचाई पर रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा को आवश्यक स्तर पर लाने से शरीर में RBCs का उत्पादन बढ़ जाता है और रक्त में RBCs की संख्या बढ़ जाती है। साथ ही श्वसन दर भी तीव्र हो जाती है।
  • रक्त में ऑक्सीजन की सांद्रता में कमी आने से श्वास की गति बढ़ जाती है।

 

Previous Year Questions :

  • Q.स्तनधारियों में स्वसन होता है ?  फुफ्फुस/फेफड़ा द्वारा
  • Q.स्वसन क्रिया में वायु के कौन से घटक की मात्रा में कोई परिवर्तन नहीं होता है? नाइट्रोजन
  • Q.मानव शरीर में ऑक्सीजन के अभिगमन का सही अनुक्रम है ? फुफ्फुस/फेफड़ा, रक्त,  उत्तक
  • Q.फेफड़ों में गैसीय  विनिमय का स्थल है ? वायुकोष्ठक (Alveoli)
  • Q.जब रक्त में ऑक्सीजन की सांद्रता में कमी आती है तो श्वास की गति ?  बढ़ जाती है
  • Q.कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता निम्नलिखित में से किस को मुख्यतः प्रभावित करती है ?  रक्त की ऑक्सीजन को वाहन करने की क्षमता को
  • Q.निम्नलिखित में से कौन सा जैवरूपांतरण मानव शरीर को अधिकतम ऊर्जा प्रदान करता है ? ATP-> ADP
  • Q.स्वसन में ऊर्जा उत्पादित होती है ? ATP के रूप में
  • Q.मानव शरीर का कौन सा भाग शरीर ताप को नियंत्रित रखता है ?  फेफड़ा

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