राम नारायण सिंह/Ram Narayan Singh की जीवनी
- राम नारायण सिंह उपनाम – छोटानागपुर का शेर /छोटानागपुरेक केसरी
-
राम नारायण सिंह जीवनी लेखक – जयवीर साहू (Book – दु डायर जिरहुल फूल)
- जन्म – 18 दिसंबर 1885 जिला- चतरा (पुराना हजारीबाग) गांव- तेतरिया,हंटरगंज
- पिता का नाम – भोला सिंह (किसान ,फारसी भाषा के विद्वान )
- मातृभाषा – खोरठा
- पत्नि का नाम – अझोला देवी (विवाह -1907 -मृत्यु -1936 ) ; 1940-42 – दूसरा विवाह(विधवा )
- शिक्षा
- लोअर प्रायमरी स्कूल (छोटकी जोरी हजारीबाग)
- जोरी मीडील वर्नाक्यूलर स्कूल, 1902-मीडील परीक्षा पास
- 1911 में संत जेवियर कॉलेज से आइए परीक्षा पास
- डॉ राजेंद्र प्रसाद के संपर्क में आए
- 1913 ईस्वी में रिपन कॉलेज से b.a. पास
- यूनिवर्सिटी कॉलेज से कानून की पढ़ाई
- 1919 से वकालत शुरू किया
- नौकरी
- 2 वर्ष तक असिस्टेंट सेटलमेंट ऑफिसर का नौकरी किया
- उप समाहर्ता (एसडीएम) के पद पर कार्यरत राम नारायण बापू महात्मा गांधी से प्रभावित होकर 1921 में असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए
- 2 वर्ष तक 1921 में कारावास का सजा हुआ
- सम्मान
- चतरा कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं सभापति बने
- 1924 ईस्वी में हजारीबाग जिला बोर्ड के पहले वाइस चेयरमैन बने, फिर जिला मजिस्ट्रेट व स्थाई चेयरमैन बने
- 1921 से 1940 तक कांग्रेस समिति के सदस्य रहे
- 1927 ईस्वी में पहली बार छोटानागपुर की ओर से इंडियन लेजिसलेटिव असेंबली के सदस्य बने और कांग्रेस पार्टी की ओर से केंद्रीय विधान सभा के सदस्य चुने गए
- सांसद
- आजादी के आंदोलन में रामगढ़, हजारीबाग क्षेत्र में नेतृत्व
- 1940 में रामगढ़ तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन का आयोजन उन्हीं के अगुवाई में
- राम नारायण सिंह के नाती प्रो प्रमोद कुमार हिंदी दैनिक रांची एक्सप्रेस से 26 जून 1983 के अंक में उनके जीवन पर एक लेख लिखा
- 1963 तक राम नारायण सिंह दिल्ली में रहकर योग आश्रम के मुखिया के रूप में सेवा करते रहें
- विधवा से विवाह करने के बाद नारी शिक्षा में इनका ध्यान केंद्रित हुआ और इसके लिए उन्होंने स्कूल कॉलेज भी खोला
- हंटरगंज हाईस्कूल और चतरा कॉलेज की बुनियाद इन्होंने ही रखा
- रविंद्र नाथ टैगोर ने तुलना किया जाता है
- मृत्यु – 24 जून 1964 (चतरा अस्पताल ),दुर्घटना से (23 जून )