प्रदूषण (Pollution)  पर्यावरण में अवांछित पदार्थों के समाविष्ट हो जाने की प्रक्रिया, जो जीवन के सम्मुख संकट उत्पन्न करती है, प्रदूषण कहलाती है।  वैसे प्रदूषक जो अपने मूल स्वरूप में ही पर्यावरण में विद्यमान रहते हैं, ‘प्राथमिक प्रदूषक’ कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ये जिस रूप में उत्पादित होते हैं, उसी स्वरूप में बने रहते हैं। जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड इत्यादि।  वैसे प्रदूषक जो प्राथमिक प्रदूषकों की आपसी अंत:क्रिया के कारण निर्मित होते हैं, “द्वितीयक प्रदूषक’ कहलाते हैं। जैसे- ओज़ोन, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, सल्फ्यूरिक एसिड, परॉक्सीएसीटाइल नाइट्रेट (PAN), धूम (Smog) इत्यादि।  प्रदूषकों के निवारण के आधार पर इसे जैव निम्नीकृत प्रदूषक तथा जैव अनिम्नीकृत प्रदूषकों में बाँटा जाता है।  वैसे प्रदूषक जो सूक्ष्मजीवीय गतिविधियों के कारण निम्नीकृत हो जाते हैं, उन्हें ‘जैव निम्नीकृत प्रदूषक’ कहते हैं। जैसे- कागज़, सब्जी, फल इत्यादि।  वैसे प्रदूषक जिनका अपघटन सूक्ष्म जीवों द्वारा नहीं हो पाता, ‘जैव  अनिम्नीकृत प्रदूषक’ कहलाते हैं। […]

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