भारत की प्रमुख घाटियाँ (Major Valleys of India )
मर्खा घाटी – लद्दाख
- लद्दाख की प्रसिद्ध घाटी है, हेमिस राष्ट्रीय उद्यान हेतु मार्ग उपलब्ध कराती है।
नुब्रा घाटी – लद्दाख
- सियाचिन हिमनद से निकलने वाली नुब्रा नदी द्वारा निर्मित है।
सुरु घाटी – लद्दाख
- इसका कारगिल कस्बे के लिये काफी महत्त्व है।
कश्मीर घाटी – जम्मू-कश्मीर
- महान हिमालय एवं पीरपंजाल श्रेणियों के मध्य अवस्थित बनिहाल दर्रे द्वारा जम्मू से जुड़ी हुई है। इसकी रचना एक समभिनति में हुई है।
किन्नौर घाटी – हिमाचल प्रदेश
- यह घाटी हिमाचल प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है जो तिब्बत की सीमा के समीप है। यह हिमाचल प्रदेश के अतिम गाँव ‘चिटकुल‘ को मार्ग प्रदान करता है।
पार्वती घाटी – हिमाचल प्रदेश
- हिमाचल प्रदेश के कुल्लू स्थित यह घाटी हिंदू एवं सिख तीर्थ यात्रियों को मणिकरण शहर जाने के लिये मार्ग प्रदान करती है (मणिकरण गर्म पानी के फव्वारों के लिये प्रसिद्ध है)।
सांगला घाटी – हिमाचल प्रदेश
- इसे ‘बास्पा घाटी‘ के नाम से भी जाना जाता है।
मालना घाटी – हिमाचल प्रदेश
- यह हिमाचल प्रदेश में ‘छोटा यूनान‘ के रूप में प्रसिद्ध है।।
कुल्लू घाटी – हिमाचल प्रदेश
- इसे ‘देवताओं की घाटी’ कहा जाता है। इसे सात दिवसीय दशहरा त्योहार के लिये भी जाना जाता है। यह धौलाधर एवं पीर पंजाल श्रेणियों के मध्य अवस्थित है।
पांगी घाटी – हिमाचल प्रदेश
- लाहुल, पंगवाला और भोटिया लोगों का आवास क्षेत्र है।
स्पीति घाटी – हिमाचल प्रदेश
- बौद्धों का प्रसिद्ध ‘ताबो मठ’ इसी घाटी में अवस्थित है।
लाहुल घाटी – हिमाचल प्रदेश
- इसी घाटी से होकर ही चंद्र एवं भागा नदियाँ प्रवाहित होती हैं।
कांगड़ा घाटी – हिमाचल प्रदेश
- प्रमुख सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थल ‘धर्मशाला‘ इसी घाटी में अवस्थित है।
चंबा घाटी – हिमाचल प्रदेश
- भारमौर, डलहौजी एवं खज्जियार प्रमुख पर्यटन स्थल इसी घाटी में अवस्थित हैं।
दून घाटी – उत्तराखंड
- यह घाटी शिवालिक हिमालय एवं लघु हिमालय के मध्य स्थित है। यह हिमालय के अनुदैर्ध्य घाटी का उदाहरण है।
जोहर घाटी – उत्तराखंड
- इसे मिलाम घाटी एवं गौरी गंगा घाटी के नाम से भी जाना जाता है।
फूलों की घाटी- उत्तराखंड
- चमोली जिले में स्थित, वन्य जीवों के लिये प्रसिद्ध है। इसे यूनेस्को के बायोस्फियर नेटवर्क में 2004 में शामिल किया गया।
धर्मा घाटी – उत्तराखंड
- इसका निर्माण धर्मागंगा नदी द्वारा होता है।
सोर घाटी – उत्तराखंड
- यह घाटी पिथौरागढ में स्थित है। यहाँ कत्यूरी राजवंश का शासन था; ये अयोध्या से यहाँ आये थे।
नेलांग घाटी – उत्तराखंड
- यह घाटी उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री नेशनल पार्क में अवस्थित है। यह भारत-चीन सीमा के निकट स्थित है, जिसे वर्ष 1962 के युद्ध के बाद बंद कर दिया गया था। मई 2015 में इसे पर्यटकों के लिये खोल दिया गया है।
न्योरा घाटी – पश्चिम बंगाल
- यह दार्जिलिंग के कलिम्पोंग में स्थित है। इसे 1986 में ‘राष्ट्रीय पार्क’ घोषित किया गया।
चुंबी घाटी – सिक्किम
- चुंबी घाटी के भारत (सिक्किम), भूटान व चीन (तिब्बत) तीनों के मिलन बिंदु पर स्थित होने के कारण सामरिक महत्त्व अधिक है।
- ‘डोकलाम’ क्षेत्र इसी के अंतर्गत आता है।
- यह घाटी सिलीगुडी (भारत का चिकेन नेक) से लगभग 500 किमी. की दूरी पर है। चंबी घाटी पहले सिक्किम का हिस्सा था, जो वर्ष 1792 में तिब्बत का अंग बना।
- यहाँ के स्थानीय निवासियों को ‘प्रोमोवा’ कहा जाता है, जो तिब्बती वंश के हैं। वर्ष 1904 में अंग्रेजी शासन और तिब्बत के बीच हुए समझौते के बाद यह ऊन, याक उत्पाद, सहागा एवं अन्य स्थानीय उत्पादों का बड़ा व्यापारिक मार्ग बनकर उभरा है।
यूथांग घाटी – सिक्किम
- हॉट स्प्रिंग के लिये प्रसिद्ध यूथांग घाटी रोडोडेंड्रान झाड़ियों व अन्य वनस्पति प्रजातियों से ढंकी हुई है।
जुकू घाटी – नागालैंड
- भारत के पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड में स्थित, जून एवं सितंबर माह में संपूर्ण घाटी जंगली फूलों से ढंक जाती है।
अराकु घाटी – आंध्र प्रदेश
- यह घाटी गलीकोंडा, राक्ताकोंडा, सुंकरीमेट्टा एवं. चितामोगोंडी नामक पहाड़ियों से घिरी है।
कंबम घाटी – तमिलनाडु
- यह थेक्काड़ी, वरुसनादु एवं कोडाइकनाल पहाड़ियों से घिरी है।
शांत घाटी – केरल
- जैव विविधता हेतु प्रसिद्ध, यह केरल के पलक्कड़ जिले में नीलगिरी की पहाड़ियों पर स्थित है।
- 1847 में शोध हेतु रॉबर्ट वाइट यहाँ आने वाले प्रथम अंग्रेज थे। कुन्थी नदी यहाँ के वन क्षेत्र से उद्गमित होती है।