हिमालय के प्रमुख दर्रे (Major Passes of Himalayas)
बनिहाल दर्रा
- यह जम्मू-कश्मीर में लघु हिमालय के पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में स्थित है तथा श्रीनगर को जम्मू से जोड़ता है।
- श्रीनगर से जम्मू का राजमार्ग -1(A)’ इसी दर्रे से गुज़रता है।
- शीत ऋतु में यहाँ बर्फ का जमाव हो जाने के कारण आवागमन बाधित हो जाता है। अतः पूरे वर्ष आवागमन के लिये सन् 1956 में यहाँ देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर ‘जवाहर सुरंग’ का निर्माण किया गया।
लानक ला
- यह जम्मू-कश्मीर के ट्रांस हिमालय में स्थित है तथा लद्दाख एवं तिब्बत (भारत-चीन) के बीच संपर्क स्थापित करता है।
- वर्तमान अवस्थिति के अनुसार ‘लानक ला’ दर्रा जम्मू-कश्मीर के चीन अधिकृत क्षेत्र ‘अक्साई चिन’ का हिस्सा है।
- अपने सामरिक महत्त्व की दृष्टि से चीन ने इसी दर्रे से होकर सिकियांग (शिंजियांग) एवं तिब्बत को जोड़ने के लिये सड़क मार्ग का निर्माण किया है।
नाथू ला
- यह सिक्किम के वृहद् हिमालय क्षेत्र में स्थित है तथा गंगटोक एवं ल्हासा (भारत-चीन) के बीच संपर्क मार्ग स्थापित करता है। सन् 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद इसे बंद कर दिया गया था परंतु सन् 2006 में इसे पुनः खोल दिया गया।
- यह दर्रा भारत एवं चीन के बीच होने वाले प्राचीन व्यापारिक सिल्क मार्ग की एक उपशाखा का भाग था।
जोजिला
- यह वृहद् हिमालय के जास्कर श्रेणी (जम्मू-कश्मीर) में स्थित है तथा श्रीनगर, कारगिल एवं लेह (श्रीनगर-लेह) के बीच संपर्क स्थापित करता है।
- श्रीनगर-ज़ोजिला मार्ग के सामरिक महत्त्व को देखते हुए इसे राष्ट्रीय राजमार्ग ‘NH-1D’ घोषित किया गया है तथा इसके निर्माण एवं रख-रखाव का कार्य ‘सीमा सड़क संगठन’ (Border Roads Organisation-BRO) को सौंपा गया है।
लिपुलेख दर्रा
- लिपुलेख दर्रा उत्तराखंड के कुमाऊँ श्रेणी में अवस्थित है जो उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र को तिब्बत से जोड़ता है।
- मानसरोवर तथा कैलाश पर्वत जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों द्वारा इसी दर्रे का उपयोग किया जाता है।
- लिपुलेख दर्रा भारत एवं चीन के बीच होने वाले व्यापार के लिये स्थलीय मार्ग भी प्रदान करता है।
बोमडी ला
- यह अरुणाचल प्रदेश (उत्तर-पूर्वी हिमालय) में अवस्थित है तथा अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत की राजधानी ल्हासा से जोड़ता है।
- बर्फबारी तथा प्रतिकूल मौसम के कारण यह शीत ऋतु में बंद रहता है।
दिफू दर्रा
- दिफू दर्रा अरुणाचल प्रदेश में (उत्तर-पूर्वी हिमालय) भारत, चीन तथा म्यांमार की सीमाओं के पास स्थित है।
- अरुणाचल प्रदेश में स्थित यह दर्रा अरुणाचल प्रदेश एवं मांडले (म्याँमार) के बीच एक छोटा रास्ता उपलब्ध कराता है। भारत एवं म्यांमार के बीच यह एक परम्परागत मार्ग है जो व्यापार एवं परिवहन के लिये पूरे वर्ष खुला रहता है।
काराकोरम दर्रा
- काराकोरम दर्रा, हिमालय के काराकोरम श्रेणियों के मध्य लद्दाख क्षेत्र में स्थित है जो भारत एवं चीन के बीच एक संपर्क मार्ग प्रदान करता है।
- भारत एवं चीन के बीच तनाव की स्थिति होने के कारण काराकोरम दर्रे को वर्तमान समय में आने-जाने के लिये बंद कर दिया गया है तथा चीन द्वारा वर्तमान में इस दर्रे का अतिक्रमण कर लिया गया है।
- हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित सभी दरों में काराकोरम दर्रा सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित है जो लगभग 5,540 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
रोहतांग दर्रा
- रोहतांग दर्रा ,हिमाचल प्रदेश (लघु हिमालय) में स्थित एक प्रमुख दर्रा है जो मनाली को लेह से एक सड़क-मार्ग द्वारा जोड़ता है।
- रोहतांग दर्रा केवल मई से नवंबर तक ही खुला रहता है क्योंकि अन्य समय बर्फीले तूफान तथा हिमस्खलन के कारण इस मार्ग पर यात्रा करना बहुत मुश्किल होता है।
- रोहतांग दर्रा को हिमाचल प्रदेश के ‘लाहुल-स्पीति’ जिले का ‘प्रवेश द्वार’ कहा जाता है। यह दर्रा ‘कुल्लू’ और ‘लाहुल-स्पीति’ को आपस में जोड़ता है।
बुर्जि ला
- बुर्जि ला जम्मू-कश्मीर में (वृहद हिमालय) भारत एवं पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर स्थित है।
- बुर्जि ला,कश्मीर, गिलगित एवं श्रीनगर के बीच का एक प्राचीन मार्ग है। इसी दर्रे से होकर मध्य-एशिया का मार्ग गुजरता है। शीत ऋतु में बर्फ से ढंक जाने के कारण यह व्यापार एवं परिवहन के लिये बंद रहता है।
- यह दर्रा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर घाटी तथा भारत के कश्मीर घाटी को लद्दाख के ‘देवसाई मैदान’ से जोड़ता है।