खोरठा मुहावरा KHORTHA MUHAVRA FOR JSSC मुहावरा ( खोरठा में मुहावरा को आहना कहते है )
- सिंघ नाज आंटेक – झगड़ा करना
- ओंबा हवेक – हालत खराब होना/मुँह की खाना
- आपन गोड़े छेव दिएक – अपने आपको हानि पहुँचना
- अंग लागेक – मन लगना
- अंत पावेक – रहस्यं मालुम होना
- अंगना कादो करेक – किसी के घर बार-बार आना
- आँइख फुटेक – डाह करेक, ईर्ष्या होना
- आँइख खुजेक/फुटेक – दुनिया से परिचित होना
- आँइख उलटेक – बेइमानी करना
- आइग-काठी करेक – खाना बनाने की तैयारी
- आइग टांगेक – जोखिम भरा काम करना / जरूरत से ज्यादा नटखट होना
- अंगरी करेक – दबाव देते रहना
- अड़ाइल रहेक – जोखिम के स्थान पर उपस्थित रहना
- आसन दिएक – जमजमा कर बैठना/जिद करना / सम्मान करना
- आड़े ऑइखे देखेक – गैर बराबरी का भाव
- ऑइख देखवेक – डराना, धमकाना
- आइझ-काइल्ह हवेक – मृत्यु निकट होना
- आइझ काइल्ह करेक – टाल मटोल करना
- आड़े हवेक – जिम्मेवारी से भागना
- आड़े थनवेक – टेढ़ी नजर से देखना/ गुस्सा करना
- आसापति हवेक – गर्भवती होना
- आइग लागेक – किसी चीज की कभी/मांग से कम फुर्ती
- आँइख लागेक – सोना/ झपकी मारना
- एड़ी रगड़ेक – याचना करना
- इरा इरी करेक – अनावश्यक प्रतियोगिता
- ईधाइर ऊधाइर हवेक – जिम्मेवारी से भागना
- ईचरा – इँचरी करेक – पूछ-ताछ करना/खोज करना
- अछल-गदल हवेक – पूरा-पूरी होना/भरपूर /भरा-पूरा
- एक गोड़े डंडाइक – हुकुम माने ले तैयार रहेक
- उपरा-चउरी करेक – सिर्फ अपनी भलाई देखना /होड़ करना
- आगु-आगु हवेक – अग्रणी भूमिका /नेतागिरी करना
- उधिआइ हवेक – गुस्सा करना / थोड़े में ही गुफा करना
- उटका-पुरान करेक – पुरानी बातों को उधेड़ना
- ओलथ हवेक – छिपना /जिम्मेवारी से भागना
- उल्खा-उल्खी करेक – दिये गये मदद की चरचा करना
- उलट पतरिया हवेक– धोखा देना
- उतना हवेक – निश्चित होना / गिरना
- एड़बेरिया हवेक – देर होना
- अतवाइन करेक – परेशान करना
- आड़े-बीड़े हवेक – सामने से हटना/ जिम्मेवारी से भागना
- कान पातेक – ध्यान से सुनना
- काने तेल दइ सुतेक – निश्चित होना/बेफिक्र होना
- कउआइर करेक – हल्ला करना
- कटुआ नाज उठवेक – कुछ काम नहीं करना
- काठ मारेक – हक्का-बक्का होना
- कचहरी करेक – गपें हांकना
- कुकुरपेटा हवेक – पेट ही नहीं भरना, इधर उधर भटकना
- कठ फार हवेक – तगड़ा जबान/स्वीकार होना
- कपार पीटेक – भाग्य को दोष देना
- कंधा जोरेक – सहयोग करना
- कानेक सोना हवेक – काफी प्रिय होना / दुलारू
- खाटी तोरेक – निकम्मा आदमी/ कोई काम नहीं करना
- खाटी गतेक – अशक्त होना / भारी बीमार होना/ मृत्यु के निकट
- कान पाकेक – सुनते-सुनते थक जाना
- कान अंइठेक – कसम खाना / दुबारा गलत काम न करना
- कोदो कुटेक – परेशान करेक / करना
- कोरा लिएक – अपनाना
- कांध काठी पोछेक – अग्नि संस्कार/ दाहसंस्कार / श्राद्ध कर्म करेक
- कांटा घोरेक – राह बंद करना
- कान काटेक – प्रतियोगिता में आगे बढना
- काँटा-कुसा हटवेक– मार्ग प्रशस्त करना निर्विघ्न बनाना
- कुरइ पावेक – फल पाना/ सजा मिलना
- खुंटा गाड़ेक – स्थिर होना
- खइरका टुंगेक – पूरी तरह दे देना / समर्पित करना
- गतर झारेक – मेहनत करना
- गाल फुलवेक – नाराज होना/असहमत होना
- गाल बजवेक – गप्पें हाँकना
- गड़ाइल रहेक – बिना काम के बैठे रहना
- गांठ बांधेक – याद रखना
- गात चोरवेक – कामचोरी करना
- गाछ चघवेक – किसी को उत्साहित करना बड़ाई करना
- गोड़ छाँदेक – विनती करना
- घोड़ा खुटेक – जीत होना / हार मानना
- घोड़ाज बइसल रहेक – हड़बड़ी में रहना करना
- घइला भोरेक – दिन पूरा होना/मृत्यु निकट होना
- घेरान घेरेक – प्रतिबंध लगवेक
- चांचइर खेलवेक – परेशान करेक /करना
- चवइ करेक – चुगली करना
- छाँहइर देखेक – आत्ममुग्ध/फैशन करेक -असल काम छोइड़ के
- छलकल चलेक – दिखावा करना/फैशन करना
- छागइर मुंहा हवेक – किसी भी बात को गोपनीय नहीं रखना
- छव-पांच करेक – निश्चय नहीं कर पाना
- छागइर जीवा हवेक – लालची होना
- छेवांइद करेक – बहाना बनाना
- जीव जांतेक – इच्छा को दबाना
- जीव काठ करेक – कठोर बनाना
- जइर बहराइक – बैठे रहना कोई काम नहीं करना
- जोखा लागेक – उपयुक्त अवसर पाना
- जीव जुड़ाइक – मन में संतोष होना
- जीउ पानी हवेक – परेशान होना
- जीउ करेक – हिम्मत करना / साहस करना
- जीउ झांझर हवेक – किसी के प्रति दिल टुट गया
- झाइल बजवेक – फालतू काम
- झाला-झाली करेक – याद करना
- टपर गावेक – भूखों मरना/बेकाम का होना
- टर-टर करेक – बकवास करना
- टांगे ढोल पीटेक – अत्यधिक खुश होना/भारी खुशी
- टांगा बजरावेक – सटीक जबाब देना
- ठेपो देखवेक – इन्कार करना, बेइमानी करना
- ठेन-मेस करेक – अनिश्चय की स्थिति होना
- डेढ़िआइल चलेक – घमंड करना
- डंडा सकतावेक – किसी काम के लिए तैयार होना/निश्चय कर लेना
- ढनकल भुलेक – अभाव ग्रस्तता
- डिंडा उठेक – गृहत्याग/बुनियाद की समाप्ति वंश विहिन
- ढाक बजवेक – जोर-शोर से प्रचार करना
- ठेंस करेक – दोषारोपण
- ढेंढ करेक – बहानेबाजी
- ताल रोपेक – जबाब देना
- ताल ठोकेक – लड़ने के लिए आमंत्रित करना
- तिरिंग फिरिंग करेक – शिकायत करना
- तरनाइल भुलेक – लड़ने के लिए तैयार होकर घुमना
- तीन बेनवा करेक/हवेक – परेशान करना/ बुरा नतीजा करना
- तीहा करेक – उपाय करना
- तोञ तकार करेक – अपमान करना
- थाप राखेक – विश्वास करना
- थाह लगवेक – असलियत का पता लगाना
- थोथी कुटेक – बकवास करना
- दादूर खेदेक – भगाना
- दादा भइआ करेक – खुशामद करना
- दाना मांजइर हवेक– चारों तरफ घुमना-चहुँ दृष्टि
- दू जीवाही हवेक – गर्भवती होना
- दांत पजवेक – अच्छे भोजन की कल्पना करना
- नाक रगड़ेक – क्षमा मांगना
- नाठेक गुरू हवेक – उस्तादों का उस्ताद /बदमाशो का सरदार
- नाक कटवेक – प्रतिष्ठा में आंच आना
- नाके नून कसेक – परेशान करना
- नाना थाना करेक – पेरशान करना
- नाके नथुआ लगवेक – बस में करना
- नाका-नाकी हवेक – आमने-सामने होना/भिड़त
- पांड़े बनेक – बुद्ध बनना
- पेंचा धारेक – जोर जबर्दस्ती करना / गर्दन पकड़ना
- फुरचुंदिये आग लागेक – तीव्र गुस्सा
- बांवे दाहिने करेक – अव्यवस्थित बंटवारा
- बातिएं दूध पिएक – अल्पवास /अवयस्क
- मुंहे लगाम दिएक – चुप रहना
- माछी मारेक – बेकार का / निकम्मा
- माला जपेक – अजवाइर/ फालतू बैठा रहना
- मिन मेख बहरावेक– दोष खोजना
- मुंहगर हवेक – बाचाल होना
- मुंह छांदेक – याचना करना
- मलकल भुलेक – दिखावा करना /फैशन करना
- मुंड फुचकावेक – जिम्मेदारी से भागना/धोखा देना
- मुँह चोंयवइल करेक – बेकार बहस करना
- लार कुटेक – मीठी-मीठी बातें करके काम निकालना
- लेसा मुंदा करेक – लीपा पोती करना
- सरग चढ़ेक – बहकना
- सरगे मुतेक – अहंकारी होना
- सिंघ नाज आंटेक – झगड़ा करना
- हरदी बोलेक – हार मनवा
- हाड़ें हरदी लगवेक – खूब सताना
- हाही दांदी हवेक – परेशान होना
- हुंदुआ कुटेक – खूब परेशान करना / बहुत मारना
- हाला हुजरा करेक – वादी-प्रतिवादी को आमने -सामने लाना
- हाडें घुन लागेक – क्रमशः कमजोर होना/गरीब होना
- हाड़ कांपेक – काफी डर जाना
- हाड़ रगड़ेक – काफी मिहनत करना