खाटू श्याम(Khatu Shyam ) जी कौन हैं ?

कौन हैं खाटू श्याम(Khatu Shyam ) जी ?

खाटू श्याम , महाभारत कालीन  घटोत्कच के पुत्र और भीम के पौत्र  है. इनकी दादी यानि  यानि भीम की पत्नी हिडिम्बा थी। 

इनका असली नाम बर्बरीक था. 

श्रीकृष्ण के वरदान के बाद इन्हें बाबा खाटू श्याम के नाम से जाना गया .

विश्व प्रसिद्ध खाटू श्याम का भव्य मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू  नामक जगह  में स्थित  है।

भगवान श्री कृष्ण के कलयुगी अवतार भी माने  जाते है।  

हिन्दू पंचांग के अनुसार, श्री खाटू श्याम जी का जन्मोत्सव हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस दिन देवउठनी एकादशी भी पड़ती है। बाबा खाटू श्याम का जन्मदिन वर्ष 2022 में  4 नवंबर को था . 

खाटू श्याम की कथा (Khatu Shyam Katha)

पौराणिक कथा के अनुसार बर्बरीक अपने पिता  घटोत्कच से भी शक्तिशाली और मायावी था. देवी दुर्गा ने अपने परम भक्त बर्बरीक की भक्ति से प्रसन्न होकर उसे तीन दिव्य बाण प्रदान किए थे जो लक्ष्य को भेदकर वापस लौट आते थे. महाभारत के समय बर्बरीक ने प्रण लिया कि इस युद्ध में जो हारेगा वह उनकी तरफ से लड़ेंगे. यह बात श्रीकृष्ण  जानते थे। जब बर्बरीक युद्धस्थल पर जा रहा था तब श्रीकृष्ण ने  रास्ते  में ब्राह्मण का रूप धारण कर बर्बरीक से दान में उसका सिर  मांग लिया। फिर बर्बरीक को जब पता चला की ये  कोई साधारण इंसान नहीं बल्कि श्रीकृष्ण है , तब  बर्बरीक ने खुशी से अपना सिर दान कर दिया. लेकिन बर्बरीक ने श्री कृष्ण से प्रार्थना की कि वो पूरा महाभारत युद्ध देखना चाहते हैं। ऐसे में श्रीकृष्ण ने उनके शीश को एक ऊंची पहाड़ी में रख दिया जहां से उसने  पूरा युद्ध देखा । युद्ध उपरांत श्रीकृष्ण ने प्रसन्न होकर  उसे आशीर्वाद दिया की  बर्बरीक तुम्हे कलयुग में श्याम नाम से पूजा जायेगा  .

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