JHARKHAND GK FOR JPSC/ JSSC
Q.मुण्डारी कविता संग्रह “हिसिर’ के कवि हैं ?
(a) दुलायचंद मुण्डा
(b) काण्डे मुण्डा
(c) रामदयाल मुण्डा
(d) विश्वनाथ मुण्डा
Ans : रामदयाल मुण्डा
EXPLANATION :
मुण्डारी साहित्य की प्रमुख पुस्तकें
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सोंगा-बोंगा मुण्डारी साहित्य की एक प्रमुख कथा है जो देवड़ा द्वारा धार्मिक रीति के साथ कही जाती है। सोंगा-बोंगा को बैलेट के रूप में गढ़ा गया है।
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मुण्डारी पर सर्वप्रथम 1873 में जे. सी. व्हिटली द्वारा ‘मुण्डारी प्राइमर‘ पुस्तक लिखी गई।
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मुंडारी भाषा की पहली व्याकरण ‘मुण्डारी ग्रामर‘ का प्रकाशन 1882 में ए. नोट्रोट द्वारा किया गया। इन्होनें 1899 ई. में मुण्डारी बाइबिल नामक पुस्तक लिखी।
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इनसाइक्लोपीडिया मुण्डारिका को मुण्डारी भाषा एवं साहित्य का विश्वकोष माना जाता है।
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‘मुण्डा दुरह‘ मुण्डारी लोकगीतों का संकलन है जिसकी रचना डब्लू. जी. आर्चर ने 1942 ई. में की।
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1956 ई. में पी. के. मित्रा ने मुण्डारी फोक टेल नामक पुस्तक लिखी।
मुण्डारी भाषा की कुछ अन्य प्रमुख पुस्तकें :
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मुण्डारी ग्रामर ; 1891 में एस. जे. डी. स्मेट
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मुण्डारी ग्रामर ; 1903 में फादर हॉफमैन ने
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मुण्डारी फर्स्ट प्राइमर : फादर हॉफमैन ने 1896 ई. में
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मुण्डाज एंड देयर कंट्रीज : 1912 में एस. सी. राय द्वारा लिखित
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इनसाइक्लोपीडिया मुण्डारिका : 1915 में हॉफमैन द्वारा लिखित
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मुण्डारी फोकटेल : 1986 में पी. के. मित्रा द्वारा लिखित
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बज रही बाँसुरी व सोसो बोंगा : जगदीश त्रिगुणायत
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चंगा दुरंड : बलदेव मुण्डा
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बिरसा भगवान नाटक : सुखदेव वरदियार
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मुण्डारी भाषा में जयपाल सिंह द्वारा ‘आदिवासी सकम‘ पत्रिका का प्रकाशन किया गया था।
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‘मुण्डारी लोक कथाएँ‘ नामक पुस्तक के लेखक जगदीश त्रिगुणायत हैं।
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वर्ष 2000 में रामदयाल मुण्डा द्वारा लिखित ‘मुण्डारी टुड कोठारि‘ पुस्तक हेतु उन्हें साहित्य अकादमी सम्मान प्राप्त हुआ।