तेलंगाना के रुद्रेश्वर मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोधर की उपाधि

 कर्नाटक के होयसल मंदिर (Hoysala Temples of Karnataka)

साल 2022-23 के लिए वैश्विक धरोहरों(World Heritage) के तौर पर कर्नाटक के बेलुर में होयसला मंदिर(Hoysala Temples of Belur) और हैलेबिड(, Halebid) व सोमनाथपुर(Somnathapura) का चयन किया गया है।

होयसल मंदिर जो भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI) का एक स्मारक है, को 12वीं शताब्दी में बनाया गया था। 

होयसल मंदिर, हाइब्रिड या बेसर शैली के अंतर्गत आते हैं क्योंकि उनकी अनूठी शैली न तो पूरी तरह से द्रविड़ है और न ही नागर।

होयसलेश्वर मंदिर

होयसलेश्वर मंदिर (Hoysaleshvara Temple) जो कर्नाटक के हलेबिड में है, इसे 1150 ईस्वी में होयसल राजा द्वारा  बनवाया गया था। 

चेन्नेकेशवा मंदिर

कर्नाटक के सोमनाथपुरा में चेन्नेकेशवा मंदिर (Chennakeshava Temple) जिसे नरसिम्हा III की देखरेख में 1268 ईस्वी के आसपास बनाया गया था। 

केशव मंदिर

कर्नाटक के हसन ज़िले के बेलूर में केशव मंदिर (Kesava Temple) विष्णुवर्धन द्वारा निर्मित किया गया था।

तेलंगाना का रुद्रेश्वर मंदिर या  रामप्पा मंदिर

तेलंगाना के रुद्रेश्वर मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोधर की उपाधि प्रदान कर दी है। 

इसे रामप्पा नाम से भी जाना जाता है। 

रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 1213 ईस्वी में काकतीय साम्राज्य के द्वारा  कराया गया था। 

मंदिर का निर्माण  काकतीय राजा गणपति देव के  सेनापति रेचारला रुद्र ने करवाया था । 

यह भगवान शिव को समर्पित मंदिर है और मंदिर के अधिष्ठाता देवता रामलिंगेश्वर स्वामी हैं।

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