अंटार्कटिका Antarctica Continent

अंटार्कटिका (Antarctica)

  •  गोंडवानालैंड के विखंडन से निर्मित अंटार्कटिकविश्व का पाँचवा बड़ा महाद्वीप है
  •  इसे ‘निर्जन महाद्वीप‘ (वर्ष भर बर्फ से ढंके होने के कारण यहाँ स्थायी निवास का अभाव) भी कहते हैं.
  • इसे ‘श्वेत महाद्वीप‘ भी कहते हैं। 
  •  इस महाद्वीप को ‘गतिशील महाद्वीप‘ की भी उपमा दी जाती है क्योंकि बर्फ का प्रसार व पिघलना ऋतु के अनुसार होता रहता है।
  • इसको ‘विज्ञान के लिये समर्पित महाद्वीप‘ भी कहते हैं। 
  • यहाँ की ‘क्वीन ऑफ मॉड श्रेणी’ अंटार्कटिका को दो भागों में वर्गीकृत करती है।
  • माउंट एरेबुस शिखर एक सक्रिय ज्वालामुखी शिखर है।
  • एल्सबर्थ पर्वत श्रेणी में अंटार्कटिका की सर्वोच्च  चोटी ‘विन्सन मैसिफ़’ स्थित है। 
  • ‘पाल्मर प्रायद्वीप’ वर्ष में कुछ समय के लिये बर्फ से मुक्त रहता है। फलतः यहाँ काई व लाइकेन जैसी वनस्पतियों का विकास होता है। 
  • हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर एवं प्रशांत महासागर इस महाद्वीप के इर्द-गिर्द मिलते हैं। 
  • अंटार्कटिका के हिमनदों में पृथ्वी का 90 प्रतिशत बर्फ का भंडार है। इस महाद्वीप में पृथ्वी का 70 प्रतिशत मीठा जल मौजूद है। 
  • खनिजों की खानें वगैरह अब तक न होने की वजह से इस महाद्वीप में कोयले, लोहे, यूरेनियम, तांबे, तेल एवं गैस के बड़े भंडार होने की संभावना है। 
  • रॉस सागर व वेडेल सागर अंटार्कटिका में ही स्थित हैं। 
  • विश्व का सबसे  बड़ा ग्लेशियर ‘लैंबर्ट’ यहीं अवस्थित है। 
  • अंटार्कटिका महाद्वीप वैज्ञानिक खोजों के लिये प्रसिद्ध है और जोर देशों ने यहाँ अपनी शोधशालाएँ स्थापित की हैं, अतः इसको ‘विज्ञान के लिये समर्पित महाद्वीप‘ की भी उपमा दी जाती है। 
  • एस.जेड. कासिम के नेतृत्व में भारत का प्रथम वैज्ञानिक दल इस महाद्वीप पर 1981-82 में गया था। 
  • भारत ने अपना अनुसंधान केंद्र ‘दक्षिण गंगोत्री’ मैत्री‘ और भारती स्थापित किया है। 
  •  ‘मैत्री’ नामक अनुसंधान केंद्र ‘शिरमार्चर ओएसिस’ (Schirmarcher Oasis) के पास स्थित है। 
  • भारत ने अपना राष्ट्रीय अंटार्कटिका अध्ययन केंद्र गोवा में स्थापित किया है।  
  • नोट: अंटार्कटिका महाद्वीप पर पहुँचने वाले प्रथम भारतीय लेफ्टिनेंट रामचरण  थे। वर्तमान में भारत का 36वाँ अभियान अंटार्कटिका पर कार्यरत है। 
  • अंटार्कटिका ऐसा एकमात्र महाद्वीप है, जिसका कोई मूल निवासी नहीं है। 
  • 1959 की अंटार्कटिका संधि के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया कि वहाँ का कोई भी भाग किसी देश विशेष का न होकर, सारी पृथ्वी का एक प्राकृतिक प्रदेश होगा, जिसका उपयोग विज्ञान अनुसंधान में होगा। 
  • अंटार्कटिका में व्हेल (Whale) और सील (Seal) पाये जाते हैं।
  • यहीं पर पेंगुइन जैसे न उड़ने वाले पक्षी व ‘क्रिल मछली’ के झुंड पाये जाते हैं। यहाँ के उड़ने वाले पक्षियों में ‘अल्बाट्रोस’ तथा ‘पेट्रेल’ पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। 
  • अंटार्कटिका के ऊपर ओज़ोन रिक्तीकरण की प्रक्रिया 1980 के दशक में नासा के वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाश में लाई गई।
  • रॉस सागर – रॉस सागर अंटार्कटिका में विक्टोरिया लैंड और मेरी बियर्डलैंड के बीच दक्षिण-पश्चिम में अवस्थित है। 
  • रॉस सागर पृथ्वी का निर्जनतम क्षेत्र माना जाता है तथा इसे ‘गार्डन ऑफ ईडन‘ की संज्ञा भी प्राप्त है। 
  • रॉस सागर जैव विविधता, मानव अन्वेषण तथा वैज्ञानिक अनुसंधान की दृष्टि से एक अतुलनीय स्थान है। 
  • पर्यावरणीय सचेतता के कारण CCAMLR (Commission for the Conservation of Antarctic Marine Living Resources) द्वारा अक्तूबर 2016 में रॉस सागर को विश्व का सबसे बड़ा समुद्री संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है।

 

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