हाल ही में संथाली भाषा को देश के कोने कोने के जनमानस तक पहुंचाने के लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान के द्वारा अध्येताकोश तैयार किया है। इसके माध्यम से संथाली भाषा व देश के अन्य पारंपरिक भाषाओं का अस्तित्व बचाया जा सकता है।
देश के पारंपरिक भाषाओं को हिंदी और अंग्रेजी के माध्यम से दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि उन भाषाओ को सिखने और समझने में मुश्किलों का सामना ना करना पड़े ।
केंद्रीय हिंदी संस्थान “अध्येता कोष निर्माण योजना” के तहत पूर्वोत्तर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में बोली जाने वाली भाषाओं को हिंदी और अंग्रेजी के माध्यम से जोड़ रहा है।