समरेश सिंह की जीवनी Samresh Singh Biography With Family Members
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       समरेश सिंह की जीवनी 

      Samresh Singh Biography With Family Members

      Samresh Singh Biography
      Samresh Singh Biography

      समरेश सिंह का पूरा नाम 

      समरेश सिंह

      समरेश सिंह का उपनाम 

      दादा

      लिंग

      पुरुष 

      समरेश सिंह का पेशा / कार्य

      राजनीतिज्ञ 

      समरेश सिंह का जन्मदिन 

      1940/1941

      समरेश सिंह का निधन का दिन 

      1 दिसंबर 2022

      समरेश सिंह का उम्र (वर्ष 2022 में )

      81 वर्ष की आयु में निधन

      समरेश सिंह का जन्म स्थान 

      चंदनकियारी , बोकारो 

      समरेश सिंह का निवास स्थल 

      सिटी सेंटर, सेक्टर 4  , बोकारो

      समरेश सिंह का पैतृक गांव 

      देवलटांड , लालपुर पंचायत ,  चंदनकियारी प्रखंड  , बोकारो

      नागरिकता 

      भारतीय 

      समरेश सिंह का पिता का नाम 

      अरुण चंद्र सिंह

      समरेश सिंह का माता का नाम 

      समरेश सिंह का भाई- बहन 

      समरेश सिंह का धर्म 

      हिन्दू 

      समरेश सिंह का जाति 

      शिक्षा

      12th Pass : Intermediate Ranchi University 1957-58

      समरेश सिंह का वैवाहिक जीवन 

      विवाहित 

      समरेश सिंह की पत्नी का नाम 

      भारती सिंह (देहांत :28 अगस्त 2017 को )

      समरेश सिंह के पुत्रो का नाम 

      बड़े पुत्र राणा प्रताप( अन्य श्रोत में : सिद्धार्थ सिंह ) , 

      छोटे पुत्र संग्राम सिंह 

      पुत्र वधु – श्वेता सिंह 

      चार बार विधायक बने 

      1977 , 1980 , 1985 , 2009 में 

      झारखंड सरकार में मंत्री 

      विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री

      समरेश सिंह से सम्बंधित तथ्य जो शायद आप नहीं जानते है ? 

      • समरेश सिंह झारखंड राज्य के एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। वे झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के उपाध्यक्ष थे। वह बोकारो निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले झारखंड विधान सभा के सदस्य थे।

      • वह झारखंड राज्य सरकार के पहले विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री थे। 

      • वे वनांचल राज्य आंदोलन के प्रमुख नेता थे और उन्होंने दक्षिण बिहार के लिए राज्य की मांग की थी । 

      • वर्ष 1973 में बाघमारा बाजार के बंगालीपाड़ा में क्रांतिकारी युवा दल बनाकर अपनी राजनीति गतिविधियां शुरू की थी . 

      • समरेश सिंह ने अपना पहला मुद्दा बाघमारा में बैंक खोलने की मांग को बनाया और बाघमारा में बैंक खोलने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया. 

      • अपने जीवन काल में वह कई बार जेल भी गए थे .आपातकाल के दौरान वर्ष 1976 में जयप्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति के आंदोलन में कूद पड़े, जिसमें उन्हें भागलपुर जेल भी जाना पड़ा था . उसी दौरान उनकी पत्नी टीबी बीमारी से गंभीर रूप से बीमार हो गईं थी . 

      • 1977 में वह  निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बोकारो विधानसभा से चुनाव लड़े और जनता पार्टी के उम्मीदवार को हरा दिया था. वर्ष 1977 में ही  विधानसभा क्षेत्रों के नए परिसीमन में बोकारो विधानसभा अस्तित्व में आया था.1977 में उनका चुनाव चिह्न कमल फूल था जिसे  मां लक्ष्मी का प्रतीक बताकर लोगो से वोट मांगा था.इस चुनाव के बाद वह भाजपा में आ गए और 1980 में मुंबई में हुए भाजपा के प्रथम अधिवेशन में भाग लिया.बाद में समरेश सिंह के सुझाव पर ही  भाजपा का चुनाव चिह्न कमल फूल बना था। दरअसल उन्होंने कमल फूल को बीजेपी पार्टी का प्रतीक चिह्न अथवा चुनाव चिह्न बनाने का सुझाव अटल बिहारी वाजपेयी को दिया था जिसे ग्वालियर घराने की राजमाता विजया राजे सिंधिया ने इस पर सहमति दी थी। समरेश सिंह  भाजपा के संस्थापक सदस्य भी रहे है। 

      • 1980 के चुनाव में समरेश सिंह भाजपा के टिकट पर कमल के साथ बोकारो से दोबारा चुनाव लड़े लेकिन अकलूराम महतो से हार गए। 

      • फिर 1985 व 1990  के चुनाव  में भाजपा के टिकट पर ही समरेश सिंह ने दो बार चुनाव जीता.

      • वर्ष 1985 में समरेश सिंह ने ,इंदर सिंह नामधारी के साथ मिलकर भाजपा के 13 विधायकों को मिलाकर एक अलग पार्टी ” संपूर्ण क्रांति दल ” का गठन किया था। हालांकि बाद में संपूर्ण क्रांति दल का विलय भाजपा में पुनः हो गया था। 

      • बाद में पार्टी से मतभेदों के कारण भाजपा से अलग हो गए। 

      • वह चार बार विधायक बने और  मंत्री भी बने। 

      • समरेश सिंह को  छऊ नृत्य में भी  दिलचस्पी  था। 

      • वह चार बार विधायक बने और  एक बार झारखण्ड सरकार के मंत्री भी बने। 

        • 1977 का चुनाव जीता 

        • 1985 का चुनाव जीता

        • 1990 का चुनाव जीता

        • 1995  का चुनाव भाजपा पार्टी से टिकट नहीं मिलने के कारण निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और हारे थे।  

        • 2000  का चुनाव झारखंड वनांचल कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे ।

        • 2009 का चुनाव झाविमो पार्टीJVM(P) के टिकट पर चुनाव लड़े और फिर से चौथी बार विधायक बने थे। 

        • 2014 का चुनाव में भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर फिर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़े थे, जिसमें फिर से उन्हें हार मिला था। 

      • 12 नवंबर 2022 को उनका तबीयत खराब हो गया, जिसके बाद उन्हें रांची में स्थित मेडिका हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।  हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद ही 1 दिसंबर 2022 को उनका देहांत हो गया।

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