सबरनाखा नदिक जनम (sabarnakha nadik janam – Kudmali sahitya)
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 2. सबरनाखा नदिक जनम

कुड़मालि केहनि जुड़ति  (kudmali kehani judati)

(sabarnakha nadik janam – Kudmali sahitya)

Kudmali For JSSC CGL

JSSC CGL Kudmali Syllabus || 

kurmali syllabus and books for JSSC CGL|| 

‘सबरनाखा नदिक जनम’ केहनि कर सिरजइआ सेआम सुंदर माहतअ ‘ सामदा’ हेकेइक एसन तअ इटा पुरखउति कथा हेकेइक । मेनतुक इटा साजाइल साहितेक जखन पांता माहान राखल आहात तअ इटाके असनेइ करिके बाखान करेक दरकार आहेइक । इटांइ सबरनाखा नदिक जनम माने सिसटि केसन करि हेल आहेइक, एकर पेछुइ किना मतामत आहेइक, अकरेइ लेइके केहनिकारे निजेक मत देल आहेइक ।

ठाइन आर पाठ :

  • मुल पाठ – सबरनाखा ( नदि)
  • साबनाखाक माइ – सागर माइ
  • बेटि (10) गंगा, सरसति, तापति, किसना, काबेरि, माहानदि, सिंधु, गदाबरि,नरमदा, सबरनाखा ।
  • बुचा डाड़ि सबरनाखाक जनम भुंइ
  • नगड़िरांचि (झारखंड)
  • पस माइबापपाहान पाहनाइन
  • पाहाड़ पाइना पाहाड़, सेंउअति पाहाड़, गउला, बानसा पाहाड़, कंचअ पाहाड़, माडु (झेइलदा), रांगामाटि ( सिललि), चांडिल, लालभुंइ, उड़िसा ।

सारांस :- केहनिकार कर अनुजांइ बेजांइ पुरना कुड़मालि लउक काथा हेकेइक । सागर माइ कर दस टि बेटि रहथिक – सिंधु, सरअसति, गंगा, सबर – नाखा, माहानेदि, गदाबरि, नरमदा, तापति, किसना आर काबेरि । सागर माइएक बेटि तअ रहथिक, मेनतुक खुभेइ सुधड़ आर दुलारि, गड़हनअ बेस आर गातअ लबिन । मेनतुक अकर सभे ले छुटु बेटि सबरनाखा बेजाइ दुलारि रहलि । अकर सुरत आर जस-गुन कर चरचा बेजांइ धुरे धुरे पड़चि गेल रहलेइक । एकर बेटि गिलिक मन मुलुक देखे लाइ आर जिब-जंतुक हितेक खातिर, अकर मन सतइखन अकताइ रहे हेलेइक । सागर माइए एखराक मनेक धेइ | जानि गेलि। सेइ माहान अंइ खने – खने मुलुक देखे लाइ आर जिउएक भालाइ करेक तेहें बतर भांजिके नउअ बेटि के जम-बु-दिप पाठाउलेइक । छुटु बेटि सबरनाखा बेजांइ दुलारि रहलि, एकर खातिर एके अंइ आपन पासेइ रखलेइक आर माइए एके मरतअ भुंइए पाहाड़े – परबतेक मांझे | पाठाउए लाइ राजि नि हेलि ।

एकर नउअ बेटिंइ आपन माइके बिदाइ मांगलअथिक आर एकाइ – एकाइ गड़ लागिके आगुंइ-पेछुइ जमबुदिप माहान जेंइ जेंदे तेंइ तेंदे डहरअला। अखरा आपन मन | खुसिइ भिनु – भिनु एसन एसन जेइगा खजला, जे सागर । माइएक देस-दुनिआ ले रिसता कबउ ना छुटउक आर सउभे दिन जिउएक हिते रहउक । एखरा आपन आपन जाइगा सटिक करिके आपन खुसिइ बेजांइ दिन तड़िक इ मुलुक माहान एकला एकला बुले लागला । ढेइर बछर कर पअरे एकर नउअ बेटि गिलि आपन माइ ठिन घुरि आउला । । अखरा आइके माइ हारिके देस कर नाना रकम कर केहनि आर बानार सुनाउलथिन ।


सागर माइए अखर ठिन ले बेस बेस बानार जानिके अखराके साबाइसि देलेइक आर आसिसअ देलेइक । अंइ अखराके कहलेइक- “तहरा इ दुनिआ माहान अखइ अमर रहबेहे आर तहर सेबा – पुजा सउभे लगे सउभे दिन सारा खन करबअथुन ।” अकर माइए अखराके इटाउ कहलेइक जे तहर आसे पासे अने-धने परिपुरन रहतेइक आर सनाउ फरतेइक। तहराक पानिइ लक पाप ले गति पाउता आर लके तहराके माइ कहिके डाकबअथुन । एखनअ इ नउअ | बेटिक अहाड़े अने – धने परिपुरन आहेइक । केउ भुखे नि मरअहत मेनतुक, दुखेक कथाउ जे एखन सरअसति मरि गेल आहि ।

इ बानार गिला सबरनाखांइ सुनि सुनि मनउ संसार | देखेक जइने बेड़े बेहाल हेइ ईलि आर माइ हारिके जिगअड़ि करे लागलेइक, ‘माइ’ मकउ देस – मुलुक देखे जाइएक हुकुम दे।” माइए अके मुलुक देखे लाइ हुकुम तअ देलेइक । मेनतुक कहलेइक, “तइं जेतेक चांड़े पारबे, मर ठिन मरतअ भुंइ ले घुरि आउने ।” खेडिंइ तर बेगर मइ बेसि दिन तड़िक तके छाड़िके रहे नि पारब । मइ माएक आइगा पाउते पाउते अके अंइ गड़ लागि के मरतअ भुइ बाटे सटपटाइके चललि । माइए अके बरदान देलेइक, “जा रे बाछा ! तर डहर बाटे कनह रकम कर कांटा – झटा कर सात नि लागतउ । | सबरनाखा बुलते चलते पहाड़ परबत, गाढ़ा ढढ़ाहा कांटा-झाटा 1 के पाइर करिके छटा – नागपुरेक रांचि जिलाक नागड़ि गांउ पहंचअलि ।

अंइ जखन नेगड़ि आउलि, तखन अंइ टुअर छउआ | निअर भेस धारन करिके आपन नाम ‘सबरनि’ राखलि । जखन अंइ हुआं पहंचल रहल, उ-खन अंइ बिसुम थकल आर भुखल रहलि । भुखे डेग देइ नि पारे हेलेइक आर लाउ पातु हेइ गेल रहलि ।

अके गांउएक लके सुधिआउ लेथिक नाम ठेकान । अंड चाल देलेइक अखराके पर बेजांइ धुरे घार आहि । मइ टुअर छउआ हेकिए। मर बापेक ठेकान नखेइक । गांउएक दस लक एके देखे लाइ जड़अ सड़अ हेल रहल आर गांउएक माहतअ पाहान पाहानिअ आउअल रहल। | पाहान पाहानाइन कर छउआ-पुता निहिं रहलेइक । सेइ | माहान अखरा एके निजेक घार लेले आनलउथिक । सबर निंइ पाहान कर घारे आइके सरन लेलि । पाहान – पाहाइने अके आपन छउआ निअर मानिके निजेक घारे राखलउथिक । सबरनि हुं अखराके माइ-बाप मानि लेलेइक । अंइ हुआं रहइत – रहइत हिसकाइ गेलि । ढेइर दिनेक परे अंइ खुभेइ | लबिन आर सिआन हेइ गेलि । अंइ जुआन – जुआन 1 छउआनिटिक बरन माहानउ मानल माइ- बापेक सउभे कामे मदइत करे लागलेइक ।

अंइ आपन माइएक संग पानि आने आर चार धउए लाइ बुचा डाड़ि जाइ लागलि आर हिसकाइल पर अंइ चार धउएक आर पानि आने लाइ बुचा डाड़ि एकाइ जाइ लागलि । किछु दिनेक परे अंइ माइ हारिंइ देखलेइक जे अकर पसुआ बेटि जखन बुचा डाड़ि एकाइ चार धउए आर पानि आने जाइस, तखन चारअ खुभेइ साफा आर पानिअ बिसुम इंजर आनेइक ।

सबरनि माइएक सांचा सुरत पानिक बरन हरेइक । अंइअ एकटि छउआक भेसें रहि रहि के जिगड़ाइ गेल रहलि । उ खने अंइ बुचाडाड़ि खेइला हेइ जाइ हेलेइक । अंइ अहे गुज गुज राइते एकाइ चुपेइ बुचाडाड़ि जाइके हेलेइ आर पानिक भेंसे मन बहला हेलि । उ तखन बुचा डाड़ि ले खुभेइ सांगि जरक रागे फुटिके बहि बाहराइक । आनखाइ देरि तड़िक मन बहलाउल पअर राइतअ राइत अंइ फेइर अकर मरतअ भुंइएक माइ बापेक घार चुपेइ घुरि आउए हेलि ।

अकर पसुआ माइ- बापेक इ सउभे अकर बिरताप लिला ढेइर दिन तड़िक पाता निहिं हेल रहलेइक । ढेइर दिनेक बाढ़े केसे कबे अकर माइएं एक राइते अके खाटिंड सुतल नि पाउलेक । अंइ ससमेराइ पड़ि गेलि आर मने गुजापअ ठेकि गेलेइक । एबार अंइ अके राइत जहि लागलि । सइ न सते एक दिनेक आंधार राइते आचकाइ पाहानाइने आपन बटि सबरनिके बुचा डाड़ि बाटे जाइतके देखलेइक । उ खने पाहानाइन इ करा करम गिला देखिके हकचकाइके दंग रहि गेलि आर अकर ताक तरम देखेक खातिर अकर पेछुइ – पेछुइ सुगम सुगुम दुइअ बुढा-बुढ़ि बुचा डाड़ि गेला । अखरा देखे हेथिक जे अंइ बुचाडाड़िक पानि मेसाइ गेलि आर हुआले डर-डरानेक ढेउ निआर पानि बहे लागलेइक । अखराक गायें डर चापि गेलेइक आर अचंभित हेइ गेला । आगुक सउभे बात जाने लाइ आंधारे अरा चुपेइ लुकाइ रहला ।

किछु खनेक पअरे अखरा एके देखलउथिक जे अंइ बुचा डाड़िले बाहराइके घार बाटे घसघसाइले चलि जाइ साहि । अकर बुचा डाड़िले बाहराल पर डाड़िले पानिक बहि बंद हेइके पेहिलेक चाइले पानि बहे लागलेइक । दुइअ लक निजे – निजेइ गंदराइके मिमांसा करला एधांउ एके दसर काम नि करे देबेइक आर ना तअ कनह कामे बुचाडाड़ि जाइ देबइक । सेइ दिनले सबरनि माइ दारुन जनजाले पड़िके घारे माहान भारि चिनताइ पहर बिताउए लागलि आर हिंदे पाहान पाहानाइने अके आंइखेक अड़े निमिस भरअ रहे देइ नि खजे हेलथिक ।

एहे पहअरे सबरनि माइ कुहुं आपन सागर माइएक ठिन जाइ लाइ खेइआल आउए लागलेइक । अंइ सागर माइ ठिन घुरि जाइ लाइ बेजांइ अकताइ गेलि । मेनतुक पाहान पाहानाइन कर दुलारे, अके अखर दिगे टानि राखे हेलेइक । एहे डुल अंइ हटा हेइके डाढ़ाइ रहइ तेलि। एकर खातिर अंइ बिसुम फेराइ पड़ि गेल रहलि । उटा अकर खातिर एकटा बेजां बड़अ जाला रहइक । अंइ अकताइके | भाभे लागलि । किना करम किना नि? अकर माइ-बाप ठिन लेउ फुचकिके पाराइ लाइअ मुसकिल हेइ गेल आहेइक । अंइ बेजांइ असकसे पड़िके कनह सुगुबुगु निहिं चले लागलेइक ।

जे हेउक एक दिनेक खुभेइ गुजगुज आंधार राइते, | कनह देखाइ निहिं देइ हेलेइक, आकासे बादइर ढापि गेल रहलेइक। बिजलिअ डर डरानेक झकझकाइ हेलेइक । राइज राइज पानि आर आंटे आंटे बिजलिक गरज । अहे तखनेइ सबरनि आपन सागर माइ ठिन घुरि जाइ लाइ मरतअ भुंइएक माइ- बापेक घारले भरखर राइते बाहराइके बुचा डाड़िक बाटे चललि । पाहान – पाहानाइनेउ अके घार घुराइलाइ बिसुम जिगअड़ि कअरे लागलउथिक । मेनतुक अंइ अखराक काथा एकटुअ नि सुनलि। अखरा अके गुड़िआउए लागलउथिन जे आखिर अंइ काहां जाति ? अंइ लुझुर – लुझुर कुदि जाइके बुचा डाड़िंड गादासले झांप दे देलेइक । अकर झांप देते-देतड़ बचा डाड़ि ले हबहबाइके ढेउएक संग बाइन बहे लागलेइक । सबरनिइ आपन पानिक भेंस धारन करि लेलि । पाहान – पाहानाइने पानिक ढेउ देखिके आर अकउ ना थानाइ पाइके अहे ठिनेइ दुइअ लक भंकरि भंकरिके कांदे लागला । सबरनि माइए आपन भेंस धारन करिक अखराके कहलेइक, “तहरा जबे मके चाहबेहे, तबेइ बुचा डाड़िइ आइके मर भेंस देखे पारहिआ ।”

पाहान पाहानाइने अकर काथांइ नि पेतिआला आर अखरा अके सेउरन करलेथिक । मेनतुक सबरनि माइ बिडुल-डुल आगु बाटे भुंइ-पाथरके चिरलेइ फाड़लेइ दन-दनाइक जाइ लागलि । अंइ अखराके कहलेइक, “तहरा मने दुख ना करा । मर मरतअ भुंइए बहिके गेलेइ हिंआक जिउ – जनतुक भलाइ हेतेइक ।” ताउअ अखरा दुइअ लक नि पेतिआला । जखन सबरनि माइए अखर काथा ना मानिके पानिक भेंसे जाइ लागलि, तखन पाहाने पाहाड़, परबत आर धरति माताके सेउरन करलेइक, जे सबरनि माइएक डहर टेकिहाक, जेसे अंइ आगु बाटे जाइ ना पारउक । पाहानेक आबाहने पाहाड़ परबते, आर धरति माइए अकर डहर टेके लाइ कसनि करला ।

पेहिलेक परबत माला पाइना पाहाड़ें सबरनि माइके | टेके लाइ एकर आगुंइ पाइना डुल सझ डांढ़ाइ देलेइक । जेसे अंइ आगु बाटु ना बाढ़े पारउक । एसन पाइना पाहाड़ेक काम देखिके सबरनि माइए अके कहलेइक, “मइ आपन सागर माइ ठिन जाइहे, जाइ लाइ दे । मइ लकेक हितेक खातिर सागर माइ ठिन ले इ मरतअ भुंइए | आउअल रहलिए । मर बहिके गेलिहिं लकेक भालाइ हेतेइक।” ताउअ पाइना पाहाड़े नि मानलेइक डहर माहान आड़ाइ रहल। सेंसे सबरनि माइके पाइना पाहाड़ेक संगे आगु बाटे बाढ़े लाइ लढ़ाई करे पड़लेइक । सबरनिइ पेइना पाहाड़के चिड़ि फाड़िके पाराइ गेलि । जाकर साबुत हुंड़रु झारना आहेइक, जाहां पानि गादगादाइके गिरतेइ रहइक आर पाइना पाहाड़ेक घेटु मचड़ाइके नउइ गेल आहेइक । एखनअ जाइके देखले देखे पाउबेहे । सबरनिक माइएक डरडरानेक बहनले डराइके अकर मांइझेक परबतमाला सेंउआति पाहाड़े हांथ जड़िके अकर अहाड़े डाढ़ाइ देलेइक आर अंइ अके कहलेइक, “जे तंइ जेंदे ले जाइ खजेहिस तेंदेले जाइ । मर बनह बाधा नेखइक ।” सबरनि माइ अकर सेउरने रिझे हेलि आर अके आसिस देलेइक, “जांइ मेरे बाछा तर कराई बसइआ इलाकांइ सतअ खन हेरिहर – रहतउक आर बेड़े आबादअ हेतउ ।” एखनअ गउलाकास इलाकांइ बेजांइ फसल-आबाद हेइक ।


ताकर बादे सबरनि माइ आगु बाटे हबकले – डबकलेइ सार-साराइके बाढ़े लागलि । सेंउआति पाहाड़ेक आगु दुइ टा परबत माला ‘बानसा’ आर ‘कंचअ’ पाहाड़े सबरनि माइक डहर टेके लाइ तेइआर हेइ गेला । मनेक सेंउआतिक जिबन दान देल देखिके अखरा डराइ गेला । बानसा पाहाड़े कंचअ पाहाड़के कहलेइक जे सबरनि माइके तंइ तर धाइर ले जाइएक डहर छाड़ि दिहिं । कारन मके माछेक आइस- बास नि सहाइ । मेनतुक कचअ पाहाड़े अके चाल देलेइक जे मइ पानिक हड़हड़ि साड़ा नि सुने आर सहे पारब, सेइ तेंहे तं तर पास लेइ जाइ दिहिं । बानसा पाहाड़े कहलेइक इटा कनह रकमेइ नि हेइ पारइक । सबरनि माइके डहर देइएक मामला माहान दुइअ कर झागड़ा निआर हेइ गेलेइक आर एक दसर कर उपर पाखान कर काड़े बिधा – बिधि उचरि गेलेइक । इ पाथरेक कांड़ कर निमुंद एखनअ झेइलदा थानाक मउजा माडु आर सिललि थानाक मउजा रांगामाटि माहान देखाइ पाउआइक ।

सबरनि माइ पास आउअल पर अखर झागड़ाक कारनटा बुझि गेलि । सबरनि माइ दुइअ परबत मालाक उपर रागाइ गेलि आर बानसा पाहाड़े माछेक छाप देलेइक, जेसे आइस- बास अंइ साराखन सुंघते रहउक । एखनअ बानसा पाहाड़े माइछ पाथरेक सुरअते देखाइ देइक । असनेइ अंइ कंचअ पाहाड़ेक धाइरे – धाइरे अके काटिके पाराइ गेलि, जेसे कंचअ पाहाड़ केउ पानिक हड़ हड़ साड़ा साराखन सुनाइ देते रहतेइक । | आर सामाने हेलेइक सेटा आइझअ चुड़गु घाटे हेइके बहइ • साहि आर आइझअ पानिक बहिक साड़ा एक दुल-दुलि तड़िक के सुने पारत ।


सबरनि माइ जखन टांइड़ राइज कर इलाकांइ गेलि हेलि। तखन उ- इलाकाक भुंइ रिझलेइक आर अके परछे लाइ हाथे सनाक हाइर लेइके आउलि । सबरनि माइ एसन | बेबाहारे बेजांइ खुसि हेइके हाइर घेचा माहान पिंधलि । सबरनिइ इ इलाकाक भुंइके बरदान देलेइक जे, “तरा मर धारांइ सउभे दिन सना पाउबेहे।” आर आइज तड़िक हुआं सना पाउआइक । इ इलाकाटा करनाइ सुबरनअ राजाकर राइजेक आगु मुलुक बनल रहइक ।


अकर बाटे बाढ़ल पर चांडिल कर पासे हुआंक परबते तांबा आर तुलसिंह माइके आरअधना करलेइथिक आर आपन डहर निजेक भाभे बाछेक हंतिर कहलेइक । सबरनि माइ खुभेइ रिझे हेलि आर कहलि तहर इलाका सतइखन हेरिहर रहतेइक । जेसन तुलसि आर तांबा हामर धारेइ पाउआतेइक । घाटसिलांइ एखनअ तड़िक तांबाक खाइद पाउआइक ।


सबरनि माइ आगु बाटे बाढ़ल पर आगुक भुंइ भागेक लके एकर अबहेला करलउथिक । सेइ माहान माइए रुसिके कहलेइक जे तर इलाकाक लक मर बहिंइ बराबर डुबतेइ रहतउक । सेइ माहान आइझअ लालभुंइ आर उड़िसाक इलाकांइ सबरनाखा नदि माहान बाइड़ आउतेइ रहइक आर लक उपुल – डुबुल हेतेइ रहत । सबरनि माइ आपन सागर माइ ठिन जाइएक खातिर चांड़े पहंचेक खातिर हड़बड़ाइके आगु बाटे सार-साराइके जाइ लागलि । कारन ढेइर दिनले माइ छाड़ाक माहान अकताइ गेल रहलि । सबरनि माइ आपन सागर माइएक पास पहचइत पहचइते आपन दुइअ हांथे अके घेंचांई आंकुआड़ि करिके अकर करांइ मेसिगेलि । जेटाले सागर माहान मेसाइएक पेहिल सबरनाखा नदि कर दुइटा धारा हेइ गेल आहेइक । जेटा आइझअ एखन आहेइक ।


छटअ नागपुरेक छांटल चार,

बुचा डाड़िक पानि ।

बसि – बसि भात रांधेइ,

केंउझरेक रानिइ ।।

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