राष्ट्रीय धातुविज्ञानी पुरस्कार (National Metallurgist Award 2022)
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राष्ट्रीय धातुविज्ञानी पुरस्कार 2022 (National Metallurgist Award 2022)

  • राष्ट्रीय धातुविज्ञानी दिवस पुरस्कारों की शुरुआत तत्कालीन इस्पात एवं खान मंत्रालय ने 1962 में की थी। 
  • धातुकर्म के क्षेत्र में धातुविज्ञानियों के शानदार योगदान को मान-सम्मान देने के लिये पुरस्कार शुरू किये गये थे। 
  • पहला राष्ट्रीय धातुविज्ञानी पुरस्कार 1963 में दिया गया था और उसके बाद से हर वर्ष पुरस्कार प्रदान किया जाता है। 
  • राष्ट्रीय धातुविज्ञानी पुरस्कार की प्रत्येक वर्ष तीन फरवरी को दिया जाता है। क्योकि तीन फरवरी, 1959 को  डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने राउरकेला में भारत  का पहला  ब्लास्ट फर्नेस का लोकार्पण किया था।
  • राष्ट्रीय धातुविज्ञानी पुरस्कार के तहत  अलग अलग 5 क्षेत्रो में पुरस्कार दिया जाता है। 

क्रम संख्या

पुरस्कार का नाम

पुरस्कारों की संख्या

पुरस्कार राशि

1

जीवन पर्यन्त उपलब्धि पुरस्कार

1

शून्य

2

राष्ट्रीय धातुविज्ञानी पुरस्कार

1

शून्य

3

युवा धातुविज्ञानी (पर्यावरण विज्ञान)

1

100000

4

युवा धातुविज्ञानी (धातु विज्ञान)

1

100000

5

लौह एवं इस्पात सेक्टर में अनुसंधान एवं विकास के लिये पुरस्कार

1

100000

कुल

 

5

300000

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