नागपुरी भाषा के कहावत , NAGPURI KE Kahavat , Nagpuri paper 2

  

नागपुरी भाषा के कहावत 

NAGPURI KE Kahavat  नागपुरी कहावत 
Nagpuri paper 2 

  1. अदअदी कर नउवा बाँस कर नरहइनी । ( बिना जाने कोई काम करना ) 
  2. अघाल बकुला पोठी तीता । ( भूख मिट जाने के बाद अच्छा चीज भी बेकार लगने लगता है ) 
  3. अनको कर माँय टनको । ( फिजूल कर विवाद में पड़ना ) 
  4. अनारी खालक भाँग , मुँड़ में देलक टाँगा । ( बिना अकल का काम करना ) 
  5. अगहन कर मरद , भादों कर बरद । ( जरूरत से ज्यादा लाभ ) 
  6. अंधरी बिलाइर , धरे सिकार । ( बिना मेहनत फल पाना ) 
  7. अइत जोगी मठ उजड़ ( जरूरत से ज्यादा व्यक्ति का होना नुकसानदेह ) 
  8. अइत चालाँक के तीन ठीन लागेला । ( ज्यादा चालाकी करने से कभी – कभी हानि हो जाता है । ) 
  9. अनकर देखि करी हाय , जे रहे सेउ छाय । ( दूसरों के तरक्की से जलना नुकसान देह होता है । ) 
  10. अनकर धने बिक्रम राजा । ( दूसरों के धन – दौलत पर इतराना ) 
  11. अपने मोरले सरग दिसेला । ( खुद पर दुख आने पर सच्चाई का पता चलता है । ) 
  12. अबर में सउब जबर । ( कमजोर को हर कोई दबाता है । ) 
  13. अंबा आउर मछरी मेंहो तो कहियों भेंट होबे कारी । ( जिसकी बात की कल्पना न की जा सकती है । ऐसी मिलन की संभावना )

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