मुगलकालीन हस्तशिल्प

  • Post author:
  • Post category:Blog
  • Reading time:3 mins read

 मुगलकालीन हस्तशिल्प (Mughal handicrafts)

  • मुगल काल में शासकों का प्रोत्साहन पाकर विभिन्न कलाओं, जैसे वस्त्र निर्माण, धातु कर्म, चित्रकारी, कागज़ निर्माण, चमड़ा उत्पादन आदि शिल्पों के विकास में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। 

  •  मुगल काल में कागज़ एवं सूती वस्त्र उद्योग काफी उन्नत अवस्था में थे। कागज़ की उपलब्धता के कारण चित्रकारों के लिये अभ्यास करना आसान हुआ और उनकी कला में निखार आया। 

  • सूती वस्त्रों के निर्माण के महत्त्वपूर्ण केंद्र थे- आगरा, बनारस, बुरहानपुर, पाटन, जौनपुर, बंगाल, मालवा आदि। 

  • रंगसाजी का कार्य भी खूब प्रचलित था। 

  • रंगसाजी के केंद्रों के रूप में फैज़ाबाद एवं खानदेश प्रसिद्ध थे। 

  • इसके साथ ही लाहौर, गुजरात, आगरा आदि रेशमी एवं मलमल के कपड़ों के लिये तथा अमृतसरऊनी वस्त्रों के निर्माण-केंद्र के रूप में प्रसिद्ध थे। 

  • मुगल काल के दौरान अस्मत बेगम द्वारा इत्र का निर्माण (आविष्कार) किया गया, जिसके पश्चात् इत्र निर्माण को बढ़ावा मिला। 

  • इस समय कन्नौज इत्र निर्माण के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध था।