khortha (खोरठा ) For JSSC JPSC
KHORTHA (खोरठा ) PAPER-2 FOR JSSC
मनचरइयां (यात्रा वृतांत पुस्तक )
MANCHARAIYAN YATRA VRITANT KHORTHA
लेखक – पंचम महतो
प्रकाशक – बालीडीह खोरठा कमिटी ,बोकारो
भूमिका लिखने वाला – दिनेश दिनमनी
प्रकाशन वर्ष – 2008
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खोरठा भाषा में यात्रा वृतांत की एकमात्र पुस्तक मनचरइयां है
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मनचरइयां पुस्तक में आठ यात्रा का वर्णन है
इन सभी यात्राओं का क्रम
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काठमांडू
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अंडमान
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उज्जैन
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धरतीक सरग शांतिकुंज
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तिरुपति
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गंगासागर
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हवाई यात्रा
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कोणार्क यात्रा
अंडमान का यात्रा
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लेखक का अंडमान यात्रा वृतांत करील नामक पत्रिका में जनवरी 2009 में छपा था लेकिन लेखक के यात्रा वृतांत संग्रह मनचरइयां में शामिल है
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लेखक 30 जनवरी 2007 को धनबाद से हावड़ा ब्लैक डाइमंड एक्सप्रेस से गए
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हावड़ा से दमदम हवाई अड्डे फिर वीर सावरकर हवाई अड्डा ,सहारा इंडिया प्लेन से कंपनी के काम से गए थे
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अंडमान ,पोर्ट ब्लेयर में स्थित है।
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इस यात्रा में उनके साथ उनकी पत्नी सरस्वती और बेटा राजन था
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लेखक ब्लेयर होटल कमरा नम्बर 209 में रुके थे।
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इस यात्रा में लेखक ने अंडमान में दिया जाने वाला काला पानी की सजा का वर्णन किया है
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पोर्ट ब्लेयर शहर में ही अटलांटा प्वाइंट(अटलोच ) में सेल्यूलर जेल है,जिसमे 698 कोठरी है।
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सेल्यूलर जेल 1896 से 1906 ईसवी के बीच बना है यहीं पर काला पानी का सजा भारतीय आंदोलनकारियों को दिया जाता था
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इसके निर्माण में सवा पांच लाख रूपये खर्च हुआ था
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20 नवंबर 1857 मेंअंडमानी कमेटी बनाया गया जिसके सदस्य डॉक्टर फ्रेडरिक जॉन इन्हीं के रिपोर्ट के आधार पर अंडमान में 60 फुट ऊंचे पहाड़ी को काट कर के सेल्यूलर जेल बनाया गया हूं यहां 1860 से 1872 तक राजनीतिक कैदियों को रखा जाता था
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शेर अली को यहीं पर जेलर डॉ बैरि इहाँक का बात नहीं मानने के कारण फांसी दिया गया था
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सेल्यूलर जेल के बाहर वीर सावरकर पार्क है जहां सात आंदोलनकारियों का मूर्ति बनाया गया है
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इनके नाम है
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इंद्र भूषण
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बाबा मान सिंह
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मोहित मोइत्रा
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राम सूखा
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महावीर सिंह
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मोहन किशोर नामदास
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विनायक दामोदर सावरकर
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विनायक दामोदर सावरकर को नासिक कांड के लिए 50 साल का सजा मिला था
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इन्हें 1911 में लाया गया था
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दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1943 से 1945 तक यह जापान के अधीन रहा
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सुभाष चंद्र बोस ने यहां पहला बार तिरंगा फहराया(1945 ) था
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लड़ाई हारने के बाद जापानी सिपाही अंडमान को छोड़कर भाग गए हैं और यह अंग्रेजों के अधीन रहा और अब यह भारत का केंद्र शासित प्रदेश है
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सेल्यूलर जेल वर्तमान में राष्ट्रीय स्मारक बन गया है।
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अंडमान में 572 द्वीपों का समूह है।
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यहां जारवा, ओंगी ,शोम्पेन सेंटिनलइज, ग्रेट अंडमानी निकोबारी आदिम मनुष्य रहते हैं
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यह द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में 92-94 देशांतर एवं 6 -14 अक्षांश विस्तार में अवस्थित है
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अंडमान द्वीप 647 किलोमीटर लंबा, 52 किलोमीटर चौड़ा जबकि निकोबार द्वीप समूह 259 किलोमीटर लंबा 84 किलोमीटर चौड़ा है
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दोनों द्वीपों का कुल क्षेत्रफल 8249 किलोमीटर2 है
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यहां सबसे बड़ा द्वीप 1445 वर्ग किलोमीटर और सबसे छोटा द्वीप 0.8 वर्ग किलोमीटर है
Q.’अंडमान जातरा बरनन (वृतान्त) कर लिखवइया लागथ? पंचम महतो
Q.पंचम महतो कर लिखल एकल जातरा बरनन किताब कर नाम है ? मन चरइयाँ
Q.मन चरइयाँ कर भूमिका कोन लिखल हथ?दिनेश दिनमणि
Q.मन चरइयाँ’ किताब कर प्रकाशक कोन लागे? बालीडीह खोरठा कमिटी
Q.मनचरइयाँ’ किताब कर प्रकाशन बछर लागे? 2008
Q. लेखक अंडमान की ले गेल रहथ ? कम्पनी कर काम से
Q.सेलुलर जेल कर पासेक पार्क कर नाम हे ? सावरकर पार्क
Q.अंडमान निकोबार द्वीप समूह में कुल कितने द्वीप हैं? 572
Q. अंडमान द्वीप समूह में सबसे बड़े और सबसे छोटे द्वीप का क्षेत्रफल है
1445 वर्ग किमी से 0.8 वर्ग किमी
Q.अंडमान द्वीप कतेक लंबा-चौड़ा हइ?647 किमी लंबा ,52 किमी चौड़ा
Q.अंडमान निकोबार द्वीप गोछ के मोट छेतर फल कतेक हइ? 8249 वर्ग किमी
Q. अंडमान निकोबर द्वीप गोछ कहां हइ? बंगाल के खाड़ी
Q.अंडमान निकोबार बंगाल के खाड़ी में कतेक आक्षांस आर देशांतरें हइ?
92-94 देशांतर 6-14 अक्षांश
Q.अंडमान-निकोबारें कोन-कोन आदिम जनजाति पावल जा हथ?
ओंगी, शोम्पेन ,जारवा,ग्रेड अंडमानी
Q.अंडमान निकोबार कई गो द्वीपें मानुस रहो हथ?
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38 द्वीपें – 26 गो अंडमान 12 निकोबार
Q.अंडमान द्वीपें कोन बछरे सेलुलकर जेल बनल हलइ? 1896-1906 के मोझे
Q. पोर्ट ब्लेयर के कोन ठावें सेलुलर जेल बनल हइ? अटलांटा प्वाइंट
Q. सावरकर के सेलुलर जेल कोन बछरें लेगल गेल हलइ? 1911
Q.लेखक कोन तारीख के अंडमान खातिर हवाई जहाज चढ़ला? 30 जनवरी 2007
Q. पोर्टब्लेयर हवाई अड्डाक की नाम हइ? सावरकर हवाई अड्डा
Q.लेखक पोर्ट ब्लेयर के कोन होटले ठहरल हला? ब्लेयर होटल
Q. होटल ब्लेयर के कतेक कमरा नंबर में लेखक ठहरल हला? कमरा न. 209
Q. सेलुलर जेल के जेलर के की नाम हलइ?डॉ बैरी
Q.अंडमान-निकोबार द्वीप कबे जापान के अधीन भेल हलइ? द्वितीय विश्व जुइधे
Q.अंडमान-निकोबारे कबे नेताजी सुभाष तिरंगा फहरल हला? 1943 ,1945 दोनों
काठ मांडुक डहरें यात्रा वृतांत
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इस पाठ में लेखक पंचम महतो द्वारा नेपाल यात्रा वर्णन प्रस्तुत किया गया है।
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लेखक अपनी टीम के साथ रकसौल के रास्ते नेपाल की सीमा में प्रवेश करता है।
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वीरंगज जो नेपाल का एक प्रमुख व्यावसायिक केन्द्र है, लेखक की टीम शाम को पहुँचता है।
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वीरगंज से काठमांडु जाने के दो रास्ते हैं
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एक वागमती नदी के किनारे किनारे जो समतल है।
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दूसरा रास्ता पहाड़ों के रास्ते है।
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पहाड़ के रास्ते से वे 8 बजे रात काठमांडु पहुंचते हैं।
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नेपाल की राजधानी काठमांडु स्थित प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के निकट शिव शक्ति लॉज में डेरा लेते हैं।
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यह मंदिर बागमती नदी के किनारे अवस्थित है।
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बागमती नदी के किनारे नेपाल का प्रसिद्ध श्मशान घाट है, जो काशी स्थित मनिकर्णिका घाट की तरह महत्व रखता है।
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इसके अतिरिक्त ये नेपाल के राजा का राजभवन, रानी बाँध, त्रिभुवन हवाई अड्डा को देखते हैं।
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सुपर मार्केट का भ्रमण करते हैं।
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पुर्णिमा की रात्रि में मंदिर में श्रृंगार पूजा और भोग प्रसाद चढ़ाया जाता है।
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तीसरे दिन सुबह वापसी के लिए प्रस्थान करते हैं और विसुनपुर के रास्ते जनक पुर की ओर चल पड़ते हैं।
Q . लेखक काठमांडु जातरा कोन दिने आपन घार से सुरूकरला? भादर महिनाक पहिल पखें
Q . नेपाल स्थित वीरगंज कैसा शहर है? व्यावसायिक केन्द्र
Q . वीरगंज से नेपाल जाने के कई प्रमुख रास्ते हैं
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एक बागमती के किनारे-किनारे
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पहाड़ी-पहाड़ के रास्ते
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हवाई मार्ग से
Q . काठमांडु के माने की हवो हइ? काठेक मंडइ (मदिर घर)
Q . काठमांडु सहरेक बाजार के की नाम हइ? सुपर मार्केट
Q . काठमांडु हवाई अड्डाक की नाम हइ? त्रिभुवन हवाई अड्डा
Q . काठमांडु नाम जइजका शिव मंदिरेक की नाम हइ? पशुपतिनाथ मंदिर
Q . काठमांडुञ कोन लॉज में लेखक ठहरल हला? शिवशक्ति लॉज
Q . पशुपति नाथ मंदिर कोन नदिक करधाज स्थापित हइ? बागमती नदी
Q . पुर्णिमा राइतें पशुपति मंदिरे कोन जीव के बलि देल जा हइ? काड़ा के
Q . बागमती नदियाक करघाञ श्मशान घाट के की महत हइ? काशीक मनिकार्निका घाट रकम
Q . पहारेक फुरचुंदी उपर जातरी सब के कोन जीव काटेक डर रहो हइ? जोंक काटेक
Q . काठमांडु से वापसी में लेखक कोन डहरेक डहर धरला? जनकपुर के
(3) उज्जयिनी यात्रा वृतांत
लेखक – श्री पंचम महतो
सार संक्षेप-
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मध्य प्रदेश के शहर उज्जयिनी की यात्रा का इस पाठ में रोचक वर्णन है।
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उज्जयिनी मध्य प्रदेश का एक धार्मिक, ऐतिहासिक. सांस्कृतिक आध्यात्मिक शहर है।
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उज्जयिनी के अवतिंका, कनक श्रृंगार, कुशस्थली. मद्यावती, कुमुदवती अमरावती, विशाला, संदीपनि आदिनाम भी है।
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यहां महाकालेश्वर-शिव का प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर है।
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यह शहर शिप्रा-क्षिप्रा नदी के किनारे अवस्थित है।
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विक्रम संवत की सुरूआत राजा विक्रमादित्य के द्वारा यहीं से चलायी थी। प्रत्येक वर्ष नववर्ष की पूर्व संध्या में मेला लगता है।
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यहां कभी कालीदास, बराहमिहिर, आर्यभट्ट, राजा विक्रमादित्य हुआ करते थे।
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मर्तृहरि, अग्निमित्र, गंधर्वसेन, सम्राट विक्रमादित्य यहां के राजा थे।
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1732 से यहां प्रति 12 वर्ष पर सिंहस्थ कुंभ मेला का आयोजन होने लगा।
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झारखण्ड के धनबाद से शिप्रा एक्सप्रेस से जाया जा सकता है।
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लेखक ने फागुन महीने में यात्रा आरंभ की। बोकारो धनबाद से काशी, प्रयाग, मथुरा, वृंदावन, जयपुर, उदयपुर, पुस्कर, अजमेर, गांधीनगर, द्वारिकाधाम, एलोरा, अजंता, नासिक, पंचवटी, भोपाल इंदौर, उज्जैन की यात्रा करते हैं।
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वृंदावन में दो दिन रहकर होली खेलते हैं यमुना में स्नान करते हैं।
Q.लेखक किस महीने में उज्जयिनी की यात्रा के लिए निकलते हैं? फागुन में
Q.उज्जयिनी कोन राइजें हइ?’मध्य प्रदेशे
Q.उज्जयिनी कोन मंदिर खातिर बेजाज प्रसिद्ध हइ? महाकलेश्वर मंदिर
Q. उज्जयिनी कोन नदीक करघात्र बइसल हइ? क्षिप्रा-क्षिप्रा नदी
Q. शिप्रा नदिये कबे मेला लाग हइ? विक्रमी संवततेक पूर्व साइंझे
Q.उज्जयिनी शहरे कोन साल से सिंहस्थ कुंभ मेला शुरू भेलइ? 1732 ई.
(4 ) धरतिक सरग शांति कुंज यात्रा वृतांत
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लेखक द्वारा धार्मिक कार्यक्रम के तहत, गायत्री साधना शिविर में भाग लेने के लिए हरिद्वार स्थित शांति कुंज की यात्रा का है।
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लेखक शांति कुंज रेल से गए थे।
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द्वारिका स्थित शांति कुंज आश्रम के स्थापना पंडित श्री राम शर्मा ने की थी।
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हरिद्वार में ब्रहम कुंड स्थित है.
Q.मनचरयां के लेखक बाट ले करल गेल हरिद्वारेक जातरा कइसन जातरा हलइ?
धार्मिक
Q. लेखक कोन ठांव के धरतिक सरग कहल हथे?शांति कुंज के
Q. शांतिकुंज भारतेक कोन ठांव हइ?हरिद्वार
Q. मनचरयां किताबेक लेखक कोन सवारिएं हरिद्वार गेला? रेल से
Q. द्वारिका स्थित शांति कुंज आश्रम के स्थापना के करल हलइ? पंडित श्री राम शर्मा
Q. हरिद्वार स्थित ‘शांतिकुंज’ केकर परधान आश्रम हकई? गायत्री परिवारेक
Q. धरतिक सरग यात्रा वृतांत के लेखक कोन कामें शांति कुंज हरिद्वार गेल हला?
गायत्री साधना शिविरे भाग लिए ले
Q. धरतिक सरग यात्रा वृतांते बतवल हरिद्वारेक कुंड के की नाम हइ? ब्रहम कुंड
Q. धरतिक सरग यात्रा वृतांते बतवल हइ जे रिसिकेस के आवइत गंगा सात धाराज बंटाइल हइ। ओकरा की कहल गेल हइ? सप्त सरोवर
(6) तीरूपति यात्रा
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यह यात्रा वृतांत में लेखक द्वारा तिरूपति की की गई यात्रा का वर्णन है।
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लेखक अपने एक मित्र की ऑख की चिकित्सा के सिलसिले में चेन्नई गये थे।
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तिरूपति बालाजी का मंदिरचेन्नई शहर से 175 किमी दूरआंध्र प्रदेश राज्य के तिरूमलाई शहर की पहाड़ी पर है।
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यह पहाड़ी तिरूमलाई से 32 किमी दूर अवस्थित है।
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तिरूपति बालाजी विष्णु का ही एक नाम है।
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मंदिर की व्यवस्था सरकार के द्वारा की जाती है।
Q. तिरूपति मंदिर देश के कोन राज्ये हइ? आंध्र प्रदेश
Q. तिरूपति मंदिर कोन शहरें हइ? तिरूमलाई
Q. तिरूपति मंदिर के बेवस्था केकर हाथे हइ? सरकार के हाथे
Q. तिरूपति मंदिर कइसन ठांवे बवनल गेल हइ? पहाड़ उपरे
Q. तिरूपति बालाजी कोन देवताक नाम हकइ? विष्णु के
Q. तिरूपति जातरा वृतांत के लेखक कोन बतरें तिरूपति दर्शन खातिर गेल हला? आपन संगी के आइखेक इलाज खातिर
Q. तिरूपति मंदिर चेन्नई शहर से कतेक दूरे हइ? 175 किमी
(6) गंगासागर जातरा
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लेखक द्वारा गंगासागर धार्मिक स्थल की यात्रा का रोचक वर्णन है।
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लेखक अपनी माँ के साथ गंगा सागर की यात्रा करते हैं।
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गंगा सागर धार्मिक स्थल कलकता से लगभग चालीस कोस दूर है।
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गंगा नदी(हुगली नदी) का जिस स्थान पर समुद्र के साथ संगम हुआ है। उस स्थान को गंगासागर कहा गया है।
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गंगासागर पश्चिम बंगाल राज्य की दक्षिण सीमा मे बंगाल की खाडी पर स्थिति है।
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गंगासागर धाम को प्राचीन समय में पाताल लोक के नाम से भी जाना जाता था।
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मकर सक्रांति को यहा मेला लगता हैं।
गंगासागर जातरा का मार्ग
1. हुगली नदी की घाट के साथ पानी के स्टीमर या वोट से
2. डायमंड हार्बर तउक रेल से फिर वहां से स्टीमर से
3. कलकता से नाम पाड़ा तक सड़क के रास्ते।
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नामपाड़ा से हुगली नदी की धार के साथ स्टीमर, नाव आदि से सागर द्वीप तक
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सागरद्वीप 8 कोस लंबा और तीन कोस चौड़ा अंडे की आकृति का है। इसमें तीन तरपु हुगली नदी है और एक तरफ समुद्र।
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इसकी कथा है कि राजा सागर ने एक बार अश्वमेघ यज्ञ कर घोड़ा छोड़ा था। कुछ शरारती तत्वों ने अश्वमेघ घोड़े को पकड़ कर कपिलमुनि के आश्रम के पास बांध दिया था। अश्वमेघ घोड़े के साथ चल रहे राजा सागर के पुत्रों ने जब यह देखा तो कपिल मुनि को बहुत भला बुरा कहा। कपिल मुनि उन्हें शाप देकर भस्म कर दिया। बाद में राजा सागर का बड़ा बेटा अंशुमान के कपिल मुनि से क्षमा मांगने पर उन्हें शाप मुक्त कर दिया। राजा सागर के साठ हजार पुत्रों को यहां मोक्ष की प्राप्ति हुआ था
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समुद्र में ज्वार भाटा उठने के कारण बहुत लोग मर जाते थे इसलिए कहा गया है – सब तीरथ बार-बार गंगा सागर एक बार।
7. कोर्णाक जातरा
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लेखक ने 12 जनवरी, पुस महीने में यात्रा आरंभ की और 14 जनवरी को चन्द्रभागा नदी और समुद्र के मुहाने पर लगने वाले मेले में पहुंचते हैं।
Q. कोर्णाक जातरा के लेखक कोन महिनाय गेल हला? जनवरी
Q. कोन तारीख के कोर्णाक जातरा वृतांत लेखक जातरा सुरू करला? 12 जनवरी
Q. कोर्णाक मंदिर देसे के कोन राइजे हइ? उड़ीसा
Q. कोर्णाक मंदिर के कोन राजा बनवल हलइ? कलिंगनरेश
Q. कोर्णाक मंदिर कोन बछरें बनवल गेल हइ?12वीं शताब्दी
Q. कोर्णाक मंदिर कतना एकड़ जमीने बनवल गेल हइ? 11 एकड़
Q. कोर्णाक मंदिर बनवइक में कतेक मजदूर काइ ?1200 मजदूर – 12 बछर
Q. बछर कोर्णाक मंदिर कोन देवताक मुरूत बनवल गेल हइ? सूर्य देवता
Q. एखन कोर्णाक मंदिरेक ऊचाइ कतेक हइ?128 फीट
Q. पइहले कोर्णाक मंदिरेक ऊंचाई कतेक रहइ? 200 फीट
Q. पुरीधाम ले कोर्णाक मंदिर कतेक दुई हइ? 32 मील पूरब
Q. कोर्णाक मंदिरे काइ गो चक्र-चक्का के छापा उखरवल हइ आर पइत चक्रे कइगो तिल्ली हइ? 24 चक्र – 8 गो तिल्ली
Q. कोणांक मंदिरेक मुइख दुवाइर कहिया से बंद हइ? 1903 से
8. हवाई जातरा – यात्रा वृतांत
सार संक्षेप
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लेखक पंचम महतो जब अंडमान निकोबार की यात्रा के सिलसिले में दमदम हवाई अड्डा कलकता से पोर्टब्लेयर तक एअर सहारा इंडिया से गए थे उसी यात्रा का वर्णन है।
Q.कोन ठांवेक जातरांय लेखक पंचम महतो हवाई अड्डा जातरा करला? अंडमान निकोबार द्वीपेक जातरांय
Q. कोन हवा जहाजें लेखक पंचम महतो हवाई जातरा करल हला? एअर सहारा इंडिया
Q. लेखक के ई कइसन हवाई जातरा हलइ? पहिल हवाइ जातरा
Q.हवाई जहाज वृतांते लेखकेक जहाज कतेक उपरे उड़ल जा हलइ? 36000 फीट
Q. लेखकेक हवाई जातरांय सब जातरी के के परेशान करल हलइ? एगो दू बछरेक छउवा
SARKARI LIBRARY