झारखण्ड में स्थानीय शासन Local Government in Jharkhand

Jharkhand GK

झारखण्ड में स्थानीय शासन

Local Government in Jharkhand 

झारखण्ड में स्थानीय शासन

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ग्राम प्रशासन

  1. ग्राम पंचायत -पंचायत स्तरीय 

  2. पंचायत समिति -प्रखण्ड स्तरीय

  3. जिला परिषद्- जिला स्तरीय

नगरीय प्रशासन

  1. नगर निगम

  2. नगरपालिका

  3. क्षेत्रीय विकास प्राधिकार

  4. अधिसूचित क्षेत्र समिति

  5. छावनी बोर्ड

ग्रामीण प्रशासन / पंचायती राज 

  • झारखण्ड में झारखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2001 सन् 2001 में लागू किया गया जिसके तहत राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज की स्थापना की गई है। 

    • अधिसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के लिए 80% तथा गैर-अधिसूचित क्षेत्र में 50% आरक्षण की व्यवस्था की गई है। 

    • महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी है।

 त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था में विभिन्न स्तरों पर निम्न शामिल हैं:

  1. ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत 

  2. प्रखण्ड स्तर पर पंचायत समिति

  3. जिला स्तर पर जिला परिषद् 

 ग्राम पंचायत 

  • यह पंचायतीराज प्रणाली की में सबसे नीचे के स्तर पर अवस्थित है।

  • झारखण्ड पंचायती राज अधिनियम, 2001 के तहत प्रत्येक 5,000 ग्रामीण जनसंख्या पर एक ग्राम पंचायत के गठन का प्रावधान किया गया है। 

  • वर्तमान में झारखण्ड में कुल 4364 पंचायत हैं तथा सभी पंचायतों में ग्राम पंचायत कार्यरत है। इसमें से 2074 पंचायतों को अधिसूचित घोषित किया गया है तथा इन पंचायतों में ग्राम पंचायत के सभी पद अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित हैं।

 

  • इसके तहत प्रत्येक 500 की जनसंख्या पर एक ग्राम पंचायत सदस्य के चयन का प्रावधान किया गया है।

  •  ग्राम पंचायत के चुनाव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। 

  • ग्राम पंचायत का प्रधान मुखिया तथा एक उपमुखिया होता है।

  • इन दोनों का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है। 

  • मुखिया का निर्वाचन ग्राम पंचायत के सदस्यों द्वारा प्रत्यक्ष निर्वाचन विधि से किया जाता है 

  • ग्राम पंचायत के सदस्य दो-तिहाई बहुमत से मुखिया के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित कर उसे पद से हटा सकते हैं।

  • मुखिया की अनुपस्थिति में उप मुखिया द्वारा उसके कार्यों का निर्वहन किया जाता है। 

    • परंतु उप मुखिया 6 माह से अधिक समय तक मुखिया के रूप में कार्यों का निर्वहन नहीं कर सकता है। 

    • 6 माह तक मुखिया के अनुपस्थित रहने पर अनिवार्यतः नये मुखिया का निर्वाचन किया जाता है।

  • ग्राम पंचायत का पदेन सचिव पंचायत सेवक होता है जिसकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है। वह सरकार तथा ग्राम वासियों के बीच कड़ी का कार्य करता है।

ग्राम पंचायत को मुख्यतः तीन स्रोतों से आय की प्राप्ति होती है:

  • करारोपण से प्राप्त आय

  • राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान

  • लोगों एवं अन्य संस्थाओं से स्वैच्छिक दान 

 ग्राम पंचायत के चार अंग होते हैं:

  1. ग्राम सभा-ग्राम पंचायत की व्यवस्थापिका

  2. ग्राम पंचायत-ग्राम पंचायत की कार्यपालिका

  3. ग्राम कचहरी-ग्राम पंचायत की न्यायपालिका

  4. ग्राम रक्षा दल-ग्राम पंचायत की पुलिस व्यवस्था

ग्राम सभा

  • यह गाँव के स्थानीय नागरिकों की आम सभा होती है। इसमें गाँव के सभी व्यस्क मतदाताओं को शामिल किया जाता है। 

  • प्रत्येक गाँव में एक ग्राम सभा होती है जबकि एक ग्राम पंचायत का निर्माण सामान्यतः दो-तीन गाँवों को मिलाकर होता है। ग्राम पंचायत के सदस्यों का निर्वाचन ग्राम सभा के सदस्यों द्वारा ही किया जाता है। 

  • ग्राम पंचायत, ग्राम सभा के प्रति उत्तरदायी होता है तथा ग्राम सभा द्वारा ग्राम पंचायत के कार्यों की निगरानी की जाती है। अतः ग्राम सभा को सुरक्षा प्रहरी की संज्ञा दी जाती है।

  • ग्राम सभा के प्रमुख कार्यों में ग्राम पंचायत के प्रशासनिक कार्यों का अनुमोदन करना, संबंधित प्रस्तावों पर विचार-विमर्श एवं उनका अनुमोदन तथा ग्राम पंचायत के सदस्यों का चुनाव करना शामिल है। 

ग्राम पंचायत 

  • यह ग्राम सभा की कार्यकारिणी समिति के रूप में कार्यरत होती है। 

  • कार्यकारिणी समिति में मुखिया सहित 9 सदस्य होते हैं।

  •  ग्राम पंचायत के मुखिया का प्रमुख कार्य ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत की बैठकों का आयोजन एवं उसकी अध्यक्षता करना, वित्तीय एवं कार्यपालिका संबंधी कार्यों का संपादन करना तथा ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत के निर्णयों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। 

ग्राम कचहरी

  • यह गाँव के छोटे-मोटे दीवानी एवं फौजदारी मामलों को निपटाता है। 

  • इसका प्रमुख सरपंच कहलाता है जिसका चुनाव प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली के आधार पर किया जाता है। 

  • ग्राम कचहरी में सरपंच सहित कुल 9 सदस्य होते हैं तथा वे आपस में से एक उपसरपंच का चुनाव करते हैं।

  • ग्राम पंचायत का मुखिया तथा उसकी कार्यकारिणी समिति का कोई सदस्य ग्राम कचहरी के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के लिए पात्र नहीं होता है। 

  • ग्राम कचहरी के सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है। 

  • ग्राम कचहरी अधिकतम 10,000 रूपये तक के मामले निपटाने का कार्य करती है तथा इसे अधिकतम 3 माह के साधारण कारावास एवं 1,000 रूपये तक जुर्माना लगाने का अधिकार प्राप्त है। 

  • जुर्माने की राशि नहीं चुकाये जाने की स्थिति में कारावास की अवधि 15 दिन तक बढ़ायी जा सकती है।

ग्राम रक्षा दल 

  • यह गाँव की पुलिस व्यवस्था है जिसमें 18 से 30 आयु वर्ग के युवाओं को शामिल किया जाता है। 

  • ग्राम रक्षा दल का नेता दलपति कहलाता है जिसकी नियुक्ति मुखिया एवं कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों  की सलाह पर की जाती है।

  •  यह दल गाँव में शांति व्यवस्था बनाये रखने, गाँव की रक्षा करने तथा संकटकालीन परिस्थितियों में गाँव के लोगों की सहायता करने का कार्य करता है।

2. पंचायत समिति

  • पंचायत समितिपंचायती राज व्यवस्था में द्वितीय स्तर पर स्थित है।

  • इसकी स्थापना प्रखण्ड (Block) स्तर पर की जाती है तथा संबंधित प्रखण्ड के नाम पर इसका नामकरण किया जाता है। 

  • राज्य के सभी 264  प्रखण्डों में पंचायत समिति कार्यरत है। इसमें से 131  प्रखण्डों को अधिसूचित घोषित किया गया है तथा इन प्रखण्डों में पंचायत समिति के सभी पद अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित है। 

झारखण्ड में पंचायत समिति में निम्न लोग शामिल होते हैं:

  • निर्वाचित सदस्य 

    • प्रत्येक 5,000 की जनसंख्या पर 01 सदस्य का निर्वाचन 

    • पंचायत समिति का प्रधान प्रमुख कहलाता है तथा उसकी सहायता के लिए एक उपप्रमुख होता है। दोनों का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है।

    • प्रमुख तथा उपप्रमुख का चयन पंचायत समिति के सदस्य अपने सदस्यों के बीच में से आपसी मतों द्वारा करते हैं।

    • पंचायत समिति के सदस्य दो-तिहाई बहुमत द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित कर प्रमुख को उसके पद से हटा सकते हैं। 

  • पदेन सदस्य 

    • प्रखण्ड क्षेत्र से निर्वाचित सभी मुखिया

  • सह सदस्य 

    • जिला क्षेत्र से निर्वाचित विधायक

    • जिला क्षेत्र से निर्वाचित लोकसभा के सदस्य(सांसद)

    • जिला क्षेत्र से निर्वाचित राज्यसभा के सदस्य (सांसद)

पंचायत समिति का प्रमुख का कार्य 

  • पंचायत समिति के प्रमुख का कार्य समिति की बैठकों का आयोजन एवं उसकी अध्यक्षता करना है। 

पंचायत समिति का उपप्रमुख का कार्य 

  • प्रमुख की अनुपस्थिति में उपप्रमुख द्वारा उसके कार्यों का संपादन किया जाता है।

प्रखण्ड विकास पदाधिकारी (Block Development Officer – BDO) 

  • पंचायत समिति का पदेन सचिव होता है। 

  • इसका कार्य पंचायत समिति के निर्णयों का क्रियान्वयन करना है।

  •  प्रखण्ड विकास पदाधिकारी पंचायत समिति की कार्यवाही में हिस्सा लेता है परंतु वह मतदान नहीं कर सकता है।

पंचायत समिति के कार्यों को निम्न 3 भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  • राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विकास कार्यक्रमों के संचालन हेतु निर्देशित कार्य। 

  • सामुदायिक विकास कार्यक्रम : 

    • जिसके तहत कृषि, सिंचाई, पशुपालन एवं मत्स्य पालन, लघु एवं कुटीर उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य कल्याणकारी कार्य शामिल हैं। 

  • ग्राम पंचायत के कार्यों का निरीक्षण तथा जाँच, 

  • ग्राम पंचायत के बजट का संशोधन 

  • नये कर लगाना 

  • प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के कार्यों का पर्यवेक्षण

 

पंचायत समिति के आय का प्रमुख स्रोत 

  • सरकार से प्राप्त अनुदान 

  • भूमिकर व उपार्जित कर 

3. जिला परिषद्

  • पंचायती प्रणाली के शीर्ष पर जिला परिषद कार्यरत है इसकी स्थापना जिला स्तर पर की जाती है

    • संबंधित जिला के नाम पर इसका नामकरण किया जाता है। 

  • राज्य के सभी 24 जिलों में जिला परिषद् कार्यरत है। 

    • इसमें से 13 जिलों को अधिसूचित किया गया है तथा इन जिलों में जिला परिषद् के सभी पद अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित हैं।

  •  झारखण्ड में जिला परिषद् में निम्न लोग शामिल होते हैं:

  1. निर्वाचित सदस्य 

  • प्रत्येक 50,000 की जनसंख्या पर 01 सदस्य का निर्वाचन

  • निर्वाचित सदस्यों का चुनाव जनता के द्वारा प्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति से किया जाता है

  • जिला परिषद् के सदस्य अपने सदस्यों के बीच में से आपसी मतों द्वारा अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चयन करते हैं। 

  • जिला परिषद् का प्रधान अध्यक्ष होता है

  • अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष दोनों का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है

  • जिला परिषद् के सदस्य दो-तिहाई बहुमत द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित कर अध्यक्ष को उसके पद से हटा सकते हैं। 

  • अध्यक्ष को राज्य सरकार द्वारा भी उसके पद से हटाया जा सकता है।

  1. पदेन सदस्य 

  • जिला क्षेत्र से निर्वाचित सभी पंचायत समिति प्रमुख

  1. सह सदस्य 

  • जिला क्षेत्र से निर्वाचित विधायक

  • जिला क्षेत्र से निर्वाचित लोकसभा के सदस्य(सांसद)

  • जिला क्षेत्र से निर्वाचित राज्यसभा के सदस्य (सांसद) 

जिला परिषद् का अध्यक्ष का कार्य

  • अध्यक्ष का कार्य समिति की बैठकों का आयोजन एवं उसकी अध्यक्षता करना है।

  • इसके अतिरिक्त वह राज्य सरकार को जिला परिषद् के कार्यों की सूचना देता है 

  • जिला परिषद् के सचिव का प्रतिवेदन प्रतिवर्ष जिलाधिकारी को प्रस्तुत करता है। 

  • ग्राम एवं पंचायत समिति के कार्यों पर भी निगरानी रखता है।

जिला परिषद् का उपाध्यक्ष का कार्य

  • अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष द्वारा उसके कार्यों का संपादन किया जाता है। 

  • उप विकास आयुक्त (Deputy Development Commissioner – DDC) 

    • जिला परिषद् का पदेन सचिव होता है। 

    • वह अध्यक्ष के आदेश पर जिला परिषद की बैठक बुलाता है। 

    • इसके अतिरिक्त वह जिला परिषद् का प्रमुख परामर्शदाता होता है और सभी समितियों में समन्वय स्थापित करता है। 

  • जिला परिषद् के कार्यों को निम्न 6 भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

(i) परामर्शकारी कार्य 

  • जिसके अंतर्गत जिले में विकास कार्यों और सरकार द्वारा जिला परिषद् को प्रदत्त कार्यों का क्रियान्वयन करना शामिल है। 

(ii) वित्तीय कार्य 

  • जिसके अंतर्गत पंचायत समितियों के बजट का परीक्षण करना तथा उनको स्वीकृति देना शामिल है। इसके अतिरिक्त केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा आवंटित निधियों को पंचायत समितियों में विभाजित करने का कार्य भी जिला परिषद् द्वारा किया जाता है। 

(iii) समन्वय एवं पर्यवेक्षण कार्य 

  • जिसके अंतर्गत जिले के प्रखंडों द्वारा तैयार विकास योजनाओं का समन्वय एवं पर्यवेक्षण करना शामिल है। 

(iv) नागरिक सुविधा संबंधी कार्य

(v) कल्याणकारी कार्य

(vi) विकासात्मक कार्य 

जिला परिषद् के आय के स्रोतों को तीन वर्गों में विभक्त किया जा सकता है.

  • विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार द्वारा आवंटित राशि 

  • राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान राशि

  • केंद्र सरकार से प्राप्त अनुदान राशि

  • भूमिकर, अन्य उपकर तथा स्थानीय करों में हिस्सा 

  • व्यक्तियों या संस्थाओं द्वारा दिए गए स्वैच्छिक अनुदान

नगरीय प्रशासन 

किन शहरों में गठन 

  • नगर निगम

9

आबादी 10 लाख से अधिक 

  • नगर परिषद्

18

आबादी 5-10 लाख के बीच 

  • नगर पंचायत

22

उन छोटे शहरों में जिसका नगरीकरण तीव्र गति से हो रहा हो

  • अधिसूचित क्षेत्र समिति (NAC)

छोटी नगरपालिका 

1

आबादी 5k -10k लाख के बीच

  • नगरीय स्थानीय प्रशासनिक निकायों की कुल संख्या

50

1. नगर निगम – वर्तमान समय में झारखण्ड में 9 नगर निगम विद्यमान हैं:

नाम 

स्थापना 

  1. रांची

  • रांची नगरपालिका  – 1869 

  • 15 सितम्बर, 1979

  1. मेदिनीनगर

  • Medninagar Municipal Corporation is one of the oldest Municipal it was established in 1868

  • Medninagar Municipal Corporation- 

1 AUG 2017

  1. हज़ारीबाग़

हजारीबाग नगर पालिका- 1886

हजारीबाग नगर निगम – 2015 

  1. गिरिडीह

19 SEPT 2017

  1. देवघर 

26 June 2010

  1. धनबाद

01-02- 2006

  1. चास

  • 9 फरवरी, 2015

Chas Municipality –21 Jan 1977

Municipal Corporation – 9 February 2015.

  1. मानगो

11 AUG2017

  1. आदित्यपुर 

  • 7 फरवरी, 2015

  • आदित्यपुर नगर परिषद की स्थापना वर्ष 1963 में हुई थी।

  •  दिसंबर, 2001 में झारखण्ड में राँची नगर निगम (अंगीकरण एवं संशोधन) अधिनियम, 2001 लागू कर महापौर (Mayor) तथा उपमहापौर (Deputy Mayor) के प्रत्यक्ष निर्वाचन का प्रावधान किया गया। 

    • इस अधिनियम से पूर्व इनका निर्वाचन पार्षद तथा एल्डरमैन द्वारा किया जाता था। 

    • राँची नगर निगम को कुल 55 वार्डों में विभाजित किया गया है।

    • महापौर तथा उपमहापौर दोनों का कार्यकाल 5  वर्ष के लिएहोता  है तथा वह महापौर को शहर का प्रथम नागरिक कहा जाता है।

    •  महापौर नगर निगम का नाममात्र का प्रधान होता है। नगर निगम का वास्तविक प्रधान कमिश्नर होता है जिसकी नियुक्ति झारखण्ड सरकार द्वारा की जाती है। 

  • वर्तमान समय में राज्य में एकमात्र अधिसूचित क्षेत्र समिति (NAC) जमशेदपुर है। 

नगरीय प्रशासन से संबंधित अन्य तथ्य

  • झारखण्ड की प्रथम नगरपालिकाMedninagar नगरपालिका 

    • स्थापना – 1869 ई. में

  • झारखण्ड की प्रथम नगर निगम -राँचीनगर निगम 

    • स्थापना – 1979 में

  • झारखण्ड का एकमात्र क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (Regional Development Authority) – राँची क्षेत्रीय  विकास प्राधिकरण (RRDA) 

    • स्थापना – 1975 ई. में 

  • झारखंड में पांचवी अनुसूची के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र

    • अधिसूचित क्षेत्र के सदस्यों को सरकार द्वारा मनोनीत किया जाता है 

    • वर्ष 2007 में भारत के राष्ट्रपति के आदेशानुसार झारखण्ड राज्य में निम्न क्षेत्रों को भारतीय संविधान की पांचवीं  अनुसूची के अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्र का दर्जा प्रदान किया गया है:

Full covered अधिसूचित क्षेत्र 

Partially covered अधिसूचित क्षेत्र 

1. राँची 

2. लोहरदगा

3. गुमला 

4. सिमडेगा 

5. लातेहार

6. पूर्वी सिंहभूम 

7. पश्चिमी सिंहभूम

8. सरायकेला-खरसावां

9. साहेबगंज

10. दुमका

11. पाकुड़

12. जामताड़ा

13. Khunti 

1. पलामू,सतबरवा प्रखण्ड का राबदा व बकोरिया पंचायत 

2. गढ़वा का भंडरिया प्रखण्ड 

3.गोड्डा का सुंदरपहाड़ी व बौरीजोर प्रखण्ड 

  • झारखण्ड का एकमात्र छावनी बोर्डरामगढ़ में 

    • यह प्रत्यक्ष रूप से केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है तथा राज्य सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं होता है। 

    • छावनी का कमांडिंग ऑफिसर छावनी बोर्ड का पदेन अध्यक्ष होता है। 

    • छावनी बोर्ड के आधे सदस्य निर्वाचित तथा आधे सदस्य मनोनीत होते हैं।

           

            

Source- https://lgdirectory.gov.in/welcome.do?OWASP_CSRFTOKEN=ET4X-9UXA-RUAP-4TQP-LDSK-SNZG-SF9A-K0HR#

State/UT Name (05/12/2020)

JHARKHAND

No. of Districts

24

No. of District Panchayat

24

No. of Sub-districts

264

No. of Blocks

264

No. of Intermediate Panchayat

263

No. of Villages

32712

No. of Village Panchayat

4352

No. of Traditional Bodies

N.A

No. of Urban Bodies

50

No. of Cantonment Board

1

Urban Localbodies of JHARKHAND State

Urban Localbody Name(In English)

Urban Localbody Type

No. of Wards

1

Adityapur

Municipal Corporations

35

2

bachra nagar panchayat

Town Panchayat

10

3

BADAKI SURIYA

Town Panchayat

12

4

Barharwa

Town Panchayat

14

5

Basukinath

Town Panchayat

12

6

Bishrampur

Municipality

20

7

Bundu

Town Panchayat

13

8

Chaibasa

Municipality

21

9

Chakradharpur

Municipality

23

10

Chakulia

Town Panchayat

12

11

Chas

Municipal Corporations

35

12

Chatra

Municipality

22

13

Chhatarpur

Town Panchayat

16

14

CHIRKUNDA

Municipality

20

15

DEOGHAR

Municipal Corporations

38

16

Dhanbad

Municipal Corporations

58

17

Dhanwar

Town Panchayat

11

18

Domchanch

Town Panchayat

14

19

Dumka

Municipality

22

20

Garhwa

Municipality

21

21

Giridih Municipal Corporation

Municipal Corporations

36

22

Godda

Municipality

21

23

GUMLA

Municipality

22

24

Hariharganj

Town Panchayat

16

25

Hazaribag

Municipal Corporations

36

26

Hussainabad

Town Panchayat

16

27

Jamshedpur

Notified Area Council

16

28

Jamtara

Town Panchayat

16

29

Jhumri Telaiya

Municipality

28

30

Jugsalai

Municipality

22

31

KAPALI

Municipality

21

32

Khunti

Town Panchayat

19

33

Kodarma

Town Panchayat

15

34

Latehar

Town Panchayat

15

35

Lohardaga

Municipality

23

36

MADHUPUR

Municipality

23

37

Mahgama

Town Panchayat

0

38

Mango

Municipal Corporations

31

39

Manjhiaon

Town Panchayat

12

40

Medininagar

Municipal Corporations

35

41

Mihijam

Municipality

20

42

Nagar Untari Nagar panchayat

Town Panchayat

17

43

Pakur

Municipality

20

44

Phusro

Municipality

28

45

RAJMAHAL

Town Panchayat

14

46

Ramgarh Nagar Parishad

Municipality

32

47

Ranchi

Municipal Corporations

55

48

SAHIBGANJ

Municipality

28

49

Seraikella

Town Panchayat

11

50

Simdega

Municipality

20

Total

1097

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