KUSHWAHA SHASHI BHUSHAN MEHTA Biography : Jharkhand MLA

झारखंड के पलामू जिले के तहत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं – पनकी, डाल्टनगंज, बिश्रामपुर, छतरपुर और हुसैनाबाद। इन 5 विधानसभा क्षेत्रों में से छतरपुर विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। वर्तमान में पनकी विधानसभा क्षेत्र के विधायक कुशवाहा शशि भूषण मेहता है। 

कुशवाहा शशिभूषण मेहता का जन्म 22.01.1957 में हुआ था इस तरह से वर्तमान में वे 54 वर्ष के हैं। वर्ष 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कर विधानसभा के सदस्य बने। 

Dr. Shashi Bhushan Mehta
Dr. Shashi Bhushan Mehta

उनके पिता का नाम शिव लोचन मेहता है। शशि भूषण ऑक्सफोर्ड ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के डायरेक्टर भी हैं। उनकी पत्नी I.C.D.S गवर्नमेंट ऑफ़ झारखंड की सदस्य है।

झारखंड के ज्यादातर नेताओं का पढ़ाई लिखाई देखा जाए तो वह बहुत ही कम स्तर का होता है, लेकिन कुशवाहा शशिभूषण मेहता के शिक्षा को अगर हम देखे तो इन्होंने मास्टर डिग्री भी कंप्लीट किया हुआ है, साथ ही इन्होंने LLB की डिग्री भी ले रखी है और रांची यूनिवर्सिटी से इन्होंने वर्ष 1994 में पीएचडी भी किया हुआ है। तो वे बहुत पढ़े-लिखे झारखंड के नेताओं में से एक हैं। 

M.A Phi (गोल्ड मेडलिस्ट), इतिहास (Double M.A), एल.एल.बी और पीएचडी के साथ, उन्होंने झारखंड राज्य में शिक्षा क्षेत्र में पुनर्जागरण की शुरुआत की है। स्कूलों की स्थापना करके उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कक्षा की शिक्षा किसी कक्षा तक सीमित न रहे।

राजनीति में उनके प्रेरणास्रोत कट्टर देशभक्त श्यामा प्रसाद मुखर्जी और शानदार राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी हैं। अपनी प्रेरणाओं की तरह, उन्होंने अपने राज्य के लोगों के कल्याण के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है। चाहे तड़के हो या भीषण गर्मी, वह अपने लोगों की समस्याओं को हल करने और उनके सुख-दुख को साझा करने के लिए उपलब्ध हैं।

झारखंड के पिछड़े इलाकों से आने वाले उन्होंने अपने लोगों तक हर संभव तरीके से विकास की रोशनी पहुंचाने के लिए अथक परिश्रम किया है। वंचितों की स्थिति को ऊपर उठाने के लिए उनका निरंतर प्रयास उनके राजनीतिक लोकाचार का अभिन्न अंग है।

एक दूरदर्शी के रूप में, वह अपने राज्य और अपने लोगों को विकास की सीढ़ी के सबसे ऊपरी पायदान पर देखना चाहते हैं। उनका सपना राज्य के लोगों के लिए एक बेहतर दुनिया है जहां कुशल शिक्षा और पौष्टिक भोजन अब उनके लोगों के लिए सपना नहीं रह गया है।

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