खोरठा भाषा के लेखक तितकी राय Titki Rai Khortha For JSSC CGL

  • Post author:
  • Post category:Blog
  • Reading time:3 mins read

खोरठा भाषा के लेखक तितकी राय 

Khortha For JSSC CGL 

BUY KHORTHA EBOOK WHATSAPP NO : 7903707538

तितकी राय

  • तितकी राय ने अनेक कविताओं की रचना की किंतु दुर्भाग्य है कि लिखित रूप में उनकी रचना उपलब्ध नहीं है मौखिक रूप में ही समाज में कहीं किसी बुजुर्ग के पास रही  

  • बीसवीं सदी के प्रारंभ में खोरठा के प्राचीन कवि तीतकी राय के रचनाओं या कविताओं के विषय में मो सिराजुद्दीन अंसारी ‘सिराज’ द्वारा लिखित पुस्तक “खोरठाक खूंटा तीतकी राय” के माध्यम से संग्रह करने का कार्य किया गया

  • तीतकी राय के पिता का नाम मोती राय था वे भी  खोरठा भाषा में गीत गाया करते थे

  • मोती राय द्वारा गायी  गाथा कुंवर विजयमल है

  • मोती राय का मृत्यु 1959 ई में एक लंबी बीमारी से हुई 

  • तितकी राय राजा रजवाड़ों के दरवाजों में जाकर अपनी रचना गीत कविता खोरठा भाषा में सुनाते थे

    • 1952 ईस्वी में पदमा महाराजा कामाख्या नारायण सिंह के समक्ष भी उन्होंने गीत सुनाया था

  • “खोरठाक खूंटा तीतकी राय” में उल्लेख है कि एक बार ग्राम तांतरी के जमींदार बुट्टूलायक की मां की मृत्यु हो गई थी जमींदार अपनी मां का श्राद्ध बहुत धूमधाम से कर रहे थे बड़ी संख्या में भोज के दिन लोगों को बुलाया गया था वहां तीतकी राय भी थे लेकिन तीतकी राय का मान सम्मान नहीं हुआ जिससे  गुस्सा होकर उन्होंने एक कविता की रचना कर भोज में उपस्थित लोगों को सुनाया जिससे कि जमींदार बुट्टूलायक नाराज हो गए थे और उन्हें एक कमरे में बंद कर दिए और तब तक उन्होंने उसे उसी कमरे में बंद करके रखा था जब तक की तीतकी राय एक अच्छी कविता नहीं सुनाएंगे तब तक उन्हें बंद करके रखा गया था

Leave a Reply