खेदा रानि (Kheda Rani) Purkhauti katha (kudmali lok-katha )
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 4. खेदा रानि (Kheda Rani)

पुरखउती कथा (कुड़माली लोककथा )

Purkhauti katha (kudmali lok-katha )

‘खेदा रानि’ कुड़मालि कर एक पुरखउति कथा हेकेइक । एकर नामकरन राजाक दारांइ रानिके घार ले बाहिर खेदि दिएक कारन ‘खेदा रानि’ हेल आहेइक । माने घार ले । बाहराल रानि ।

एक राइजे एक राजा कर सात गअ रानि रहलेइक । मेनतुक कनह रानिक कर छउआ पुता निहिं रहलेथिक । एकर खातिर राजा आर अंकर सउब रानि सउब दिन छउआक खातिर लालसा रहलेइक । एकर चरचा परजा सभिंइ करे लागला । गांउ घारे इटा माइनअता आहेइक जाकर कनह छउआ पुता निहिं रहइक, अके सगुन निहिं मानथिक आर अके देखिके केउ घार ले बाहराले काम पुरा निहिं हेउअइक । राजा घारेक कथा कहिके केउ डअरे आर केउ राजाके टका-टकि निहिं करे हेलथिक । मेनतुक सउभे काइ निजे निजेइ काहा कहि हेइ तेला । हेनअ संजउग एक दिन राजा बिहाने उठके घुरा – बुला करे हेल । सेइ बेरांइ डहरे बाभहन जातिक लक जजमानि करे लाइ जा हेला । राजाके देखिके अखरा मुड़ गादि रहला । काहे कि अके देखले अखराक जाउआ टा सुभ निहिं हेतेइक । एके मनेक धारना रहलेइक । जखन राजांइ अखराके पुछलेइक तहरा काहां जाहा आर इठिन हेंठ मुड़ करि चुपचाप हेइके काहे डाढ़ाइ आहा ? सतअ – सतअ कहबेहे ।

तखन अखरा अकर कारन बाताइ देल । एहे सुनिके राजांइ एकर उपाइ करे कहलेइक । तखन बामहन सभे कहलेइक – घार घुरेक डहरे जन गाइछ टाइ पेहिल पाउबेहे अकर फर लेइके सातअ रानिके खिआइ देबाहाक, छउआ हेतेइक ।


बामहन कर कहाक अनुजांइ राजांइ एसनेइ करल । मेनतुक आम गिला खालि 6 रानिंद खाला आर छटअ रानिके एकर लेइ कनह जाने निहिं देलथिक । जखन छटकि | रानिंग कनह खाइएक लेइ लढ़ि-पाटि भिंजल देखि कहल तअ कनह नि खाल आहिए? एहे जबाब पाउलि । तखन छटकि रानिंइ लढ़ि पाटि टाइ धइके खालि । हेनअ संजउग बा बाकि काकरअ पउआति ना हेइके खालि छटकि रानिए पाउआति हेलि । एहे देखिके बाकि छउअ रानि छटकि रानि ले रागे लागला ।


गिदर जनमेक दिन आउलेइक आर छटअ रानिक दुइ गअ जडुआ गिदर हेलेइक । एक बेटि आर एक बेटा । मेनतुक गिदरेक आदर-दुलारेक भउग टा छटकि रानि निहिं भगे पारल आर ना तअ राजाहिं । काहे ना बाकि रानि सउभे | एहे दुइअ गिदरके नकरेक दारांइ लउभ देइके कुमहार गाढ़ाइ | फेंका कराल रहला आर अकर बदल छटकि रानिक पासे लढ़ि आर बाढिन ढाकाइ राखि देल ला | राजांइ जखन गिदर देखे लाइ छटकि रानिक पास आउअल तअ मिछा छउआ पाइके छटकि रानिक उपर खिसाइ गेल आर अके राजा घार ले बाहर खेदि ले ।


एहे ठिन हेलेइक ‘खेदा रानि’ । अकर बादे रानिंइ बन झाड़े कुंमा ढापु बनाइ रहे लागल | हिंदे आल छउआके एक कुमहार आर कुमहारिने पाउअल । तखन एहे दुइअ गिदर के भगबानेक फर संचि लालन पालन करे लागला । बड़अ हेल परे अकर नाम पाइक आर पांडु राखल । गिदर खेलेक | खातिर कुमहारे बेटा टाके एक काठेक घड़ा बनाइ देलेइक | आर चांपा बेटि टिके एक बांसेक सुपति । एहे दुइ भाइ बेहिन काठेक घड़ा आर बांसेक सुपति माहान खेले लागला ।


एहे डहरेइ छउअ रानि पति दिनेक पारा राजाक बांध सिनान -नाहान करे जा हेला । तखन बेटा छउआ टांइ आपन काठेक घड़ा टाके कहइस –


किना काठेक घड़ा,

काठेक घड़ा पानि पिअ पिअ… !


एसनेइ बेटि छउआ टिंइ कहइस –

बांसेक सुप बांसुक रुप, पानि पछड़े पछड़े…!


एसन खेइल कथा रानि सउभे आना गना करेक घेड़िइ अनाइ तेला । एक दिन किना मन हेलेइक ना सेइ गिदर गिलाके सुधिआलउथिक । पेहिल बेटा छउआ टाके पुछल


‘ए बाबु ! तर इ काठेक घड़ा टाके तंइ पानि पिए पानि पिए कहेहिस ! काठेक घड़ा टांइ केसेके पानि पितउ ?


तखन छउआ टांइ एकर जबाब देलेइक – जदि कनह माइए लढ़ि जनम देइ पारइक तअ काठेक घड़ा टाइ पानि केसे के निहिं खातेइक ?


एकर बादे बेटि छउआ टिके पुछलेथिक – हें नुनि ! तर एहे बांसेक सुप टांइ केसेके पानि पछड़ातउ ?


तखन बेटि छउआ टिंइ एकर जबाब देलेइक – जदि कनह माइए बाढ़िन जनम देइ पारइक, ता हेले सुपे पानि काहे नाइ पड़ातेइक ?


गिदर गिलाक मुहे एसन कथा सुनिके रानि राक भइ सामाइ गेलेइक, आखिर कार केसेके एहे छउआ सउभे हामराक करमअ कांड गिला जानला ?


तखन सेइ गिदर गिलाले बांचेक खातिर फेइर रानि सउभे नकरके किछु धन-धानेक लउभ देइके धुरफांदि करिके कनह डुल छउआ गिलाके बांधे देथुन हेले मरता दुइअ ।


हिंदे एहे फेंकल दुइअ छउआ गिलाके दुइ गअ बेस सुंदर पददअ फुल सेइ रानिक बांधे फुटलेइक । जेंइ नाहाइ जात तेंइए फुल गिलाके देखतेइ रहि जात । एक दिन सेइ रानि सउभ अहे फुल गिलाके तरे खजथिक । तखन फुल पाराइ दिए लागल आर फुल गिलाके रदन बाहराइ लागलेइक – 


ए दादा ! पांडु कने तड़े फुल

ना तड़े दिहिं बेहिन

इ तअ दुसमन माइ दादा,

दुसअमन माइ !


एसनेइ जखन दसर फुल दिगे तड़े लाइ हांथ बाढ़ाइक तखनअ दसर फुले रदन धरइक-


ए बेहिन चांपा !

कने तड़े फुल बेहिन, 

कने तड़े फुल ।

तड़े ना दिहिं दादा !

इह दुसमन माइ दादा,

इ तअ दुसमन माइ ।


एसन एसन सुनि अखराक मन घुरे लागल आर अखरा घार जाइके बेजार माने रउगि बनल राजांइ जखन एखरा रगि हेउएक खबर पाउअल तखन एकर कारन पुछलेइक । | तखन अखरा सउब बिबरन कहि सुनाउला आर एकर । उपाइअ कहला जे सेइ बांध टाक दुइअ फुल तड़िके पिसिके खाले हामराक जर-जाला ठिक हेतेइक ।


राजाक हुकुम अनुजाइ सउभिइ सेइ दुइअ फुल गिलाके तड़ेक कसनि करे लागला । मेनतुक केउ आर तरे निहिं | पारला। एहे माहान सेइ कुमहार कुमहारिन कुहुं अहे फुल | गिला तरे लाइ कहलेइक, अखराउ आउला तखन पस छउआ आर धरमेक माइ’ बाप बुझिके फुल गिला अखराक पास आउला आर चुमा खाला फेइर घुरि मांइझ दिगे चलि गेला ।


जखन सउब लक हाइर मानि लेल तखन सेंसेक काले | सेइ छटअ रानि माने खेदल रानिके डाकाल । मेनतुक छटअ | रानिंइ तअ गिदर जनमल परे अकर छुआइत कामान । नख चुइल निहिं करल रहलि, सिनान नाहान कनहइ निहिं करल रहलि । एसन इसथिति माहान केसे केइ घुरि राजाक घार आउति ? तखन राजांइ अकर खातिर सउब जगाड़ करि देल । तबे छटअ रानि आउलि आर बांध गेलि । फुल सभेइ जेसेइ माइके देखे पाउला ना दउड़ेलइ कद कदाइ बांध ले | बाहराइ आइके बेटा बेटि बनिके माइएक दुइअ थाने दुध चुसे लागला । एहे सउब देखिके सउब हाका चाका हेइ रहला ।


तखन राजांइ छटअ रानि आर छउआ पुताके पालकिंड साजाइके राजदरबार आनल आर राजांइ बाकि छअ रानिके सेइ बांधे धकलि देलेइक । एकर परे राजांइ छउआ सेइ धरमेक माइ बाप (कुमहार- कुमहारिन) के धन-धान देइके मान सममान करलेइक आर निके सुखे राजा रानि छउआ पुताक संग रहे लागला आर राइज काइज चलाइ लागला ।



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