पर्यावरण से संबंधित संगठन (Environmental organizations)

      बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (मुंबई)

      • स्थापना – 1883
      • जैव-विविधता पर पर्यावरण संरक्षण हेतु भारत में सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन, 
      • प्रतीक-ग्रेट हार्नबिल

      भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (कोलकाता)

      • स्थापना – 1890 
      •  वन्य पादप संसाधनों का वर्गीकरण एवं पुष्प अध्ययन

      भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (कोलकाता

      • स्थापना – 1916 
      • प्राणिजात संसाधनों का अन्वेषण, सर्वेक्षण एवं प्रलेखीकरण।

      भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (चेन्नई)

      • स्थापना – 1962
      • पशु कल्याण हेतु भारत सरकार का वैधानिक सलाहकार

      वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर इंडिया

      • स्थापना – 1969 
      • वैश्विक जैविक विविधता संरक्षण

      टेरी (The Energy and Resources Institute)(नई दिल्ली

      • स्थापना – 1974
      • पर्यावरण व ऊर्जा संरक्षण, धारणीय विकास को बढ़ावा देना।

      सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (CSE)

      • स्थापना – 1980
      •  भारत का अग्रणी पर्यावरणीय गैर-सरकारी संगठन है जिसके संस्थापक अनिल  कुमार अग्रवाल थे। यह पर्यावरण पत्रिका ‘डाउन-टू-अर्थ’ का प्रकाशन करता है। 

      भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून

      • स्थापना – 1981
      • वन संसाधनों का मूल्यांकन करना

      भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून (उत्तराखंड)

      • स्थापना – 1982
      • वन्यजीव अनुसंधान व प्रबंधन हेतु प्रशिक्षण व अकादमिक कोर्स

      सलिम अली पक्षी विज्ञान केंद्र (कोयंबटूर)

      • स्थापना – 1990 
      • पक्षी शोध संस्थान

      केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (नई दिल्ली

      • स्थापना – 1992
      • वन्यजीवों (विशेषतः चिड़ियाघरों में

      राष्टीय वनीकरण और पर्यावरण विकास बोर्ड

      • स्थापना – 1992
      • देश में वनीकरण. वक्षारोपण. पारिस्थितिकी-विकास का बढ़ावा

      भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट नोएडा (NCR)

      • स्थापना – 1998
      • संकटापन्न प्रजातियों का प्राकृतिक आवास में संरक्षण

      राष्ट्रीय जैव-विविधता प्राधिकरण (चेन्नई)

      • स्थापना – 2003
      • जैव-विविधता अधिनियम, 2002 के क्रियान्वयन हेतु

      प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (CAMPA)

      • स्थापना – 2009
      • यह गैर-वन प्रयोग के लिये वन भूमि की हुई क्षति-पूर्ति हेतु पौधरोपण कार्यक्रम है

       

      पर्यावरण से संबंधित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठन (Various international organizations related to environment)

      बर्ड लाइफ इंटरनेशनल

      • स्थापना -1922
      • पक्षियों और उनके आवासों का संरक्षण

      प्राकृतिक संरक्षण हेतु अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN),जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड)

      • स्थापना -1948
      • संकटग्रस्त जीव-जंतुओं के लिये ‘रेड डाटा बुक’ जारी करता है।

      ग्रीनपीस, एम्सटर्डम (नीदरलैंड)

      • स्थापना -1971
      • एक स्वतंत्र वैश्विक अभियानकारी संस्था, पर्यावरण संरक्षण व विकास को प्रोत्साहन देना

      वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (स्विट्ज़रलैंड) ,WWF

      • स्थापना -1961
      • पर्यावरण शोध, संरक्षण, पुनर्स्थापना, स्लोगन- ‘फॉर ए लिविंग प्लैनेट’, सबसे
      • बड़ा वैश्विक स्वतंत्र संरक्षण संगठन। प्रतीक चिह्न ‘जाएंट पांडा’

      संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), नैरोबी

      वन्यजीव व्यापार निगरानी नेटवर्क (TRAFFIC)

      • स्थापना -1976
      • यह IUCN एवं WWF का संयुक्त संरक्षण कार्यक्रम है। यह एक गैर-सरकारी  वैश्विक नेटवर्क है जो वन्यजीवों और पौधों के व्यापार पर निगरानी रखता है।

      वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (WRI)

      • स्थापना -1982
      • धारणीय विकास को पर्यावरण से जोडना

      अंतर्राष्ट्रीय उष्ण कटिबंधीय काष्ठ संगठन (ITTO)

      • स्थापना -1986
      • उष्ण कटिबंधीय वनों के संरक्षण, प्रबंधन, उपयोग व व्यापार को बढ़ावा देना

      जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC), जेनेवा (स्विट्जरलैंड)

      • स्थापना -1988 
      • मानवीय गतिविधियों से जलवायु परिवर्तन के खतरों का मूल्यांकन (UNEP व WMO द्वारा स्थापित)

      यूनाइटेड नेशंस फोरम ऑन फॉरेस्ट (UNFF)

      • स्थापना -2000
      • सभी तरह के वनों के संरक्षण, प्रबंधन और सतत् विकास को बढ़ावा देना है।

      वन्यजीव तस्करी के विरुद्ध गठबंधन (CAWT)

      • स्थापना -2005
      • सार्वजनिक-निजी सहयोग पर आधारित गठबंधन जिसका उद्देश्य वन्यजीव एवं संबंधित उत्पादों के अवैध तस्करी की तरफ लोगों और सरकार का ध्यान आकर्षित करना। 

      वन कार्बन भागीदारी सुविधा (FCPF)

      • सरकारों, व्यवसायों, नागरिक समाज और देशी जनों की एक वैश्विक भागीदारी  है जो देशों के REDD + प्रयासों में वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करती है।

      वेटलैंड्स इंटरनेशनल, नीदरलैंड

      • स्थापना -1996
      • आर्द्रभूमियों का संरक्षण एवं पुनःस्थापना।

      वर्ल्ड वाच इंस्टीट्यूट (WWI)

      • स्थापना -1974
      • वैश्विक पर्यावरणीय चिंताओं पर स्वतंत्र शोध

       वर्ल्ड नेचर ऑर्गेनाइजेशन

      • पर्यावरण संरक्षण हेतु वैश्विक अंतर-सरकारी संगठन

      जलवायु परिवर्तन से संबंधित कुछ प्रमख सम्मेलन (Some of the major conferences related to climate change)

       

      जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) 

      • स्थापना – 1994
      • जलवायु परिवर्तन पर प्रथम बहुपक्षीय सम्मेलन था जिसमें रियो अर्थ समिट, 1992 से संबंधित देश  शामिल हो गए। इसकी सदस्यता सार्वभौमिक के करीब है। कन्वेंशन को सत्यापित करने वाले देशों की संख्या 197 है।

      बर्लिन सम्मेलन

      • स्थापना -1995 
      • UNFCCC का प्रथम सम्मेलन बर्लिन में हुआ था, जिसे COP-1 कहते हैं।

      क्योटो प्रोटोकॉल

      • स्थापना -1997
      • UNFCCC से जुड़ा एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता जो अंतर्राष्ट्रीय रूप से बाध्यकारी उत्सर्जन कटौती लक्ष्यों  को पार्टियों हेतु प्रतिबद्ध करता है। परंतु यह 16 फरवरी, 2005 से कार्यशील हुआ। इसे COP-3 कहते हैं।
      • कार्बन क्रेडिट की अवधारणा यही से आई।

      बाली सम्मेलन

      • स्थापना -2007
      • यह UNFCCC का 13 वा सम्मेलन (COP-13) था। इस सम्मेलन में बाली मैप (Bali Road 2007 Map) को अपनाया गया था। शमन या न्यूनीकरण (Mitigation) एवं अनुकूलन (Adaptation) अवधारणा पहली बार यहीं आई।

      कानकुन सम्मेलन

      • स्थापना -2010
      • यह UNFCCC का 16वाँ सम्मेलन (COP-16) था। इस सम्मेलन में अधिकतम तापमान वृद्धि सीमा को 2°C रखा गया जिसे भविष्य में 1.5°C तक ले आना था। ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF) की स्थापना हुई।

      वारसा सम्मेलन

      • स्थापना -2013
      • यह COP-19 था, जो पोलैंड की राजधानी वारसा में संपन्न हुआ था। देशों ने इंटेंडेड नेशनली डिटरमाइंड कंट्रीब्यूशन (INDC) को तैयार करने का निर्णय लिया। REDD+ वारसा हेतु फ्रेमवर्क तैयार हुआ। 

      पेरिस सम्मेलन

      • स्थापना -2015
      • यह UNFCCC का 21वाँ सम्मेलन (COP-21) था। लिये गए निर्णयों में वैश्विक औसत तापमान वृद्धि को इस शताब्दी में पूर्व औद्योगिक स्तर से 2°C से नीचे रखना और आगे 1.5° C तक तापमान बाद की अवधि हेतु जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध कार्य करने की योजना प्रस्तुत की गई।

      मराकेश सम्मेलन

      • स्थापना -2016
      • UNFCCC का 22वाँ सम्मेलन (COP-22) मोरक्को के शहर मराकेश में पेरिस समझौते के क्रियान्वयन हेतु आयोजित हुआ। ‘मराकेश कार्य घोषणा’ एवं ‘जलवायु सुभेद्य फोरम’ इस सम्मेलन के प्रमुख परिणाम थे। 

      बोन सम्मेलन

      • स्थापना -2017
      •  यह UNFCCC का 23वाँ सम्मेलन था जिसका आयोजन जर्मनी के बोन शहर में हुआ।

       काटोविस सम्मेलन

      • स्थापना -2018
      •  यह UNFCCC का 24वाँ सम्मेलन था, जो पोलैंड के काटोविस में आयोजित किया गया था। इसमें तीन प्रमुख मुद्दे- पेरिस समझौते के कार्यान्वयन संबंधी मुद्दों को अंतिम रूप देना, तानालोआ संवाद-2018 का समापन और 2020 से पूर्व उठाए जाने वाले कदमों का सर्वेक्षण शामिल थे।

       

      जैव-विविधता पर सम्मेलन (conference on biodiversity)

      जैव-विविधता सम्मेलन (CBD)

      • 1993 से लागू
      •  जैव-विविधता संरक्षण,

      कार्टाजेना जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल 

      •  स्थापना-2003
      • जीवित संशोधित जीवों (Living Modified Organism) के सुरक्षित हस्तांतरण, हैंडलिंग और उपयोग से संबंधित।

      नागोया सम्मेलन, नागोया (आईची, जापान)

      • स्थापना-2010
      • आईची लक्ष्य (20 महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य) तय किये गए एवं वर्ष 2011-20 के दशक को जैव-विविधता दशक घोषित किया गया।

      सतत् विकास पर सम्मेलन (conference on sustainable development)

      पृथ्वी सम्मेलन या पर्यावरण एवं सतत् विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCED), रियो डि जेनेरियो (ब्राज़ील)

      • स्थापना-1992
      • जलवायु परिवर्तन, जैव-विविधता और सतत् विकास पर रियो घोषणा पत्र। 
      • एजेंडा 21- सतत् विकास संबंधित कार्य योजना। 

      रियो +5

      • स्थापना-1997
      • एजेंडा 21 के पाँच वर्षों के कार्यों की समीक्षा।

      रियो +10 (जोहांसबर्ग सम्मेलन) दक्षिण अफ्रीका

      • स्थापना-2002
      • इसे ‘सतत् विकास पर विश्व सम्मेलन’ भी कहते हैं। सहस्राब्दी विकास लक्ष्य (MDG) को लागू करने का लक्ष्य।

      रियो +20 रियो डि जेनेरियो, ब्राजील

      • स्थापना-2012
      • MDG के स्थान पर सतत् विकास लक्ष्य (SDG) अगले 15 साल (17 लक्ष्य व 169  प्रयोजन) अर्थात् 2030 तक के लिये धोषित।

       

      अन्य सम्मेलन 

      जेनेवा प्रोटोकॉल, जेनेवा, स्विट्जरलैंड

      • 1925 में संधि 1928 में लागू
      • रासायनिक व जैविक हथियारों पर प्रतिबंध।

      रामसर सम्मेलन

      • स्थापना-1971 
      • यह किसी विशेष पारिस्थितिकी तंत्र (आर्द्रभूमि) से संबंधित वैश्विक संधि वाला एकमात्र सम्मेलन है जो 1975 में लागू हुआ था। 
      • यह आर्द्रभूमियों व उनके संसाधनों के संरक्षण और युक्तिसंगत उपयोग हेतु एक अंतर-सरकारी और बहुउद्देशीय सम्मेलन था। 
      • भारत इसमें  1982 में शामिल हुआ।

      मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल

      • स्थापना-1987
      • ओजोन परत संरक्षण हेतु 

      वियना सम्मेलन

      • 1988 में लागू
      • ओजोन परत के क्षरण हेतु ज़िम्मेदार पदार्थों के विनियमन हेतु बहुपक्षीय पर्यावरण समझौता।

      बेसल कन्वेंशन

      • स्थापना-1989
      • यह विकसित देशों से विकासशील देशों व कम विकसित देशों (LDC) के मध्य होने वाले खतरनाक अपशिष्टों के स्थानांतरण पर रोक लगाता है। 
      • यह 1992 से प्रभावी है परंतु यह रेडियोऐक्टिव पदार्थों के हस्तांतरण पर रोक नहीं लगाता। 
      • भारत में यह 1992 से लागू है। 

      अनवरत जैविक प्रदूषक (PoP) पर स्टॉकहोम सम्मेलन

      • स्थापना-2001
      • यह एक वैश्विक संधि है जिसमें मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण को रसायन से बचाना शामिल है। 
      • यह संधि 2004 से अस्तित्व में आई।
      •  भारत में यह 2006 से लागू है। 

      वन्यजीव, वनस्पति की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) जेनेवा, स्विट्ज़रलैंड

      • 1975 से लागू
      • वन्यजीवों के अवैध व्यापार को रोकना। 
      • इसे ‘वाशिंगटन कन्वेंशन’ भी कहते हैं। 
      • भारत  CITES में 1976 में शामिल हुआ था।

       प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर सम्मेलन, बॉन (जर्मनी) में संधि

      • 1979 में संधि ,1983 से लागू
      • इसे ‘बॉन सम्मेलन’ भी कहा जाता है। 
      • वैश्विक स्तर पर प्रवासी वन्यजीवों और उनके आवासों को संरक्षित करना

       यूनाइटेड नेशन कन्वेंशन टू कॉम्बैट डिज़र्टिफिकेशन (UNCCD)

      • स्थापना-1994
      • यह 1996 से वास्तविक रूप में आया जो कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय समझौता है। 
      • यह मरुस्थलीकरण और भूमि अवनयन की समस्या के समाधान हेतु अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका, कैरेबियन द्वीप समूह, मध्य एवं पूर्वी यूरोप तथा उत्तरी भूमध्य सागरीय क्षेत्रों में कार्यरत है। 
      • भारत सहित 194 देश तथा यूरोपीय यूनियन इसके हस्ताक्षरकर्ता देश में शामिल हैं।

       

      पर्यावरण से संबंधित कुछ अवधारणाएँ (Some concepts related to environment)

       

      GCF (ग्रीन क्लाइमेट फंड)

      • यह 2010 में COP-16 (कानकुन) के अनुच्छेद 11 के तहत एक वित्तीय तंत्र है। 
      • GCF विकासशील देशों में प्रोजेक्ट, कार्यक्रम, नीतियों एवं अन्य क्रियाविधियों को वित्तीय समर्थन देता है। 

       GEF (वैश्विक पर्यावरणीय सुविधा)

      • 1991 में वर्ल्ड बैंक द्वारा शुरू परंतु रियो अर्थ समिट,1992 के दौरान पर्यावरणीय संपोषणीय विकास की वित्तीय सहायता (अनुदान) हेतु इसकी स्थापना की गई। 
      • प्रारंभिक सहयोगी UNDP, UNEP एवं वर्ल्ड बैंक थे परंतु 1994 में इसे विश्व बैंक से अलग कर स्वतंत्र स्थायी संस्था बना दिया गया। 
      • यह CBD, UNFCCC, स्टॉकहोम (POPs), UNCCD एवं मीनामाटा कन्वेंशन ऑन मरकरी हेतु वित्तीयन करता है।

      REDD+

      • यह UNFCCC के अंतर्गत परिभाषित एक तंत्र है जो विकासशील देशों को निर्वनीकरण एवं वन निम्नीकरण में कमी द्वारा उनके उत्सर्जन कटौती के लिये पुरस्कृत करता है। 

      अनुकूलन (Adaptation)

      • इसका अर्थ उन क्रियाकलापों से है जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिये क्षमता निर्माण कर सकें। 

      शमन (Mitigation)

      • इनमें वे क्रियाएँ शामिल हैं जो वातावरण में ताप अवशोषक हरितगृह गैसों के उत्सर्जन में कमी लाती है।

      अंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा  गठबंधन (ISA) 

      • भारत ने COP-21 में सौर ऊर्जा संपन्न 121 विकसित एवं विकासशील देशों के साथ इसकी शुरुआत की।

      मिशन इनोवेशन

      • 24 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और यूरोपीय कमीशन ने मिलकर स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता हेतु इसका शुभारंभ पेरिस सम्मेलन में किया। 
      • इस हेतु एक ब्रेकथू ऊर्जा गठबंधन बनाया ताकि निजी क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके। इसके अंतर्गत नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों में निवेश को दोगुना करना है।

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