छॉइहर(कहानी संग्रह/गोछ )
लेखक – चितरंजन महतो चित्रा
कहानी संग्रह – 10
छॉइहर
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इस कहानी में पांच पात्र हैं जिनमें मुख्य किरदार रोहन और मोहन का है इसके अलावा सूरज नारायण चौधरी जो कि जमींदार है देव नारायण चौधरी जो कि एक टीचर हैं और तीसरे छगन साव जो कि एक दुकानदार हैं
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सूरज नारायण चौधरी द्वारा एक घर बनवाया जा रहा है जहां रोहन और मोहन मजदूरी कर रहे हैं लेकिन काम एक ही पहर तक होता है
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रोहन और मोहन दोनों गोतिआ एवं एक ही परिवार के सदस्य है
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दोनों बिल्कुल साधारण परिवार से आम आदमी है लेकिन रोहन दिन प्रतिदिन बीमार हो रहा है और मोहन सेहतमंद हो रहा है मोहन अपने बच्चों को पढ़ा भी रहा है लेकिन मोहन के बच्चे अनपढ़ हैं
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1 दिन काम से वापस आते समय मोहन रोहन से पूछता है की एक बात जानना है की तुम बड़े आदमी जमींदार के छत्रछाया में हो जबकि मै एक छोटे मास्टर के छत्रछाया में हैं तो तुम्हें मुझसे जिंदगी में आगे जाना चाहिए और इसी बातचीत के दौरान वह दोनों रास्ते में कई सारे पेड़ों के नीचे विश्राम भी करते हैं
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तभी एक ताड़ी बेचने वाला आता है
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तब ताड़ी वाले से रोहन ने ताड़ी पिया और वहीं पर मोहन ने एक गिलास पानी पिया
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वहां से भी दोनों फिर आगे बढ़ने लगे आगे उन्हें छगन साव का दुकान मिला
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छगन साहू की दुकान में पकौड़ी, आलूचॉप ,प्याजी, दारू, बिस्कुट सब मिलता है
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रोहन ने दारू पिया
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1 महीना के बाद मोहन जब शहर से वापस लौट रहा था तभी रोहन की मुलाकात हो से होती है और रोहन, मोहन का सेहतमंद और उसका अमीर होने का गुरु मंत्र पूछता है
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तब मोहन रोहन को अपने मास्टर गुरुजी के पास ले जाते हैं
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रोहन ने मोहन का गुरु मंत्र गुरु जी से पूछा लेकिन गुरुजी ने बताने से इनकार कर दिया
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लेकिन अंत में गुरु जी ने कई शर्तों के साथ रोहन को गुरु मंत्र दिया
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शराब पीना छोड़ना होगा
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खून पसीना एक करके कठिन मेहनत करना होगा
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और किसी अन्य के छत्रछाया में सिर्फ बैठकर नहीं रहना होगा
निष्कर्ष- संगत का असर/प्रभाव
खोरठा Theory + विगत वर्षो के खोरठा भाषा के प्रश्न + Mock Test