6. छटपटि (Chatpatti-Kudmali Sahitya)
कुड़मालि केहनि जुड़ति (kudmali kehani judati)
Kudmali For JSSC CGL
JSSC CGL Kudmali Syllabus ||
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‘छटपटि’ बसंत कुमार मेहता कर रचल केहनि हेकेइक । इटा एक सामाजिक केहनि हेकेइक । इटांइ घार परिबारे मद नेसा आर असिकखा कर लेइ बाखान आहेइक ।
पाठ :- अहिला, रमभा, सरला नामेक जेनिक नेते पाठ आहेइक । एकर संगे मरदेक नेते रमभा कर पुरुस जेंइ माताल । रहइ आर एक साधु बाबा रहइक ।
केहनि कर सुरुआत कांदा काठिले हेइक आर सेंस कमर बांधि दुखेक बादिंइ लढ़ेक ले ।
किना हेलउ – काहे कांदेहिस ? अहिलांइ रमभाके मन मारिके कहलेइक ।
‘आर ना पुछें मर दुखे राबन कांदइस’ । इ टुराक घारे एकअ दिन थल नाइ, निते दिने कचकच !
किना तर किसान अतेक लिलज हेकउक । दमाट लिलज, अके कने पुराइ पारतेइक । तके अकर फरमाइस पुराए हेतउ । कतेक धंकारि देखल आहिए, जेसे – जेसे अके देबसिक, तेसनेइ अकर फरमाइस आरअ बाढ़लेइ जाइक । आर नि देले – किना अंइतके मारउ पिटउ ?
मारा- पिटा…आर बाबा । तबे घार के घार रहे देल ना । चेंदढ़ाक घारे कबउ सुख नाइ, नरक टाटकाइ नरक । मद खाइके डउन । सारा खने चेंचाइत के रहत । गिल पिल हेइके पिटा मारा तअ अकर इ गातेक हेरइद तेल । पइसा कउड़ि जे पाउतउ काबड़ाइके लेलेइ जातउ । हाटा बाजारे मलकि बुलत आर आरअ घुरि आइके नाच नेचनि कसबिक संगे । तं अके बारन काहे नि करसिक ?
करे आर नि करिए। मानले नअ । अखर पेछुइ आइज हिंआ तअ काइल हुआ। तंइ टाका पइसा काहे देसिक ?
मर किना साध लागल आहि । हाड़का बाकसा ताड़, दिरखा कलंगा, झाड़ि झुड़ा, हांड़ि-कुंड़ ढुंढि जे पाउतउ ले लेइ जातउ आर कन देख देखानेक पेछुइ लुगा फाटाक संगे संगे आर जे पारताक सेइ किनि देतेइक । निते आमास, कन काले एक आध दिन घारे रहता । आर लाज नअ सरम, इ लकके तअ भुसड़िक कखनअ नि बदताक । कखन हले काकरअ संगे हा हा हि हि हेल देखि तअ मर जिउ कचटि जाइक ।
तबे के बगड़ाल आहथिक ना किना । काहे नि अझा – गुनि करसिक । तबे किना अके केउ महनि देलेइ आहथिक। तबे न कन भुत टा चापल आहेइक । अझा गुनि | ठिन चार देखाइके झुंपाले जदि इ सउब छाड़ि देतेइक । देखि लिहिं सरलके। अकरअ तअ एसनेइ हेल रहलेइक । अकर जिउ त आरअ तिता लपु हेइ रहलेइक ।
परसु दिनेक काथा, सरला मर ठिन आउअल रहलि । ढेर खुन बसल रहलि, केतिक निजेक बिरताप कहि सुनाइ इक । सखा देउनाक काथा मइअ पुछल रहल, तंइ जे || सखा देखाल करल रहिस ।
करले रहिए तबे सेंथिआ । फांकेइ कसटअ आर अलुहाक खरचा। अकर राजि ना हेके मके इ झुंपे हेलि ।
झुपानेक किरिआ कांड़ेक काथा । काकउ कहेक नेखि । निजेइ आउअत राइकसेक मुंहे आड़ि देउआ । झुंपाएक नामे घारेक लके केसे काहां रहे नि देबधिक । आर हुआ देउनाक संगे भुखल छंड़ाक दल रइहत । एक टु एका हेले दिआ फुंकि निझाइके जे निहिं से करे खजत । चेंचाइ करअ नाइजअ निहिं । नाहले बदनामेक डर । इ झुंपा झुंपि अझा देउआन बदल मरल टाइ निसटअ काथा । तं भुलिअ के आर हुआं जाइस ना। तंइ जेसनेइ भाभे मर चंदरअ भाटु के फासार – फुसुर करिके लाइने आनिह ।
तबे एकर कर किना?
करम किना । कारतिक मासे आबे हेलाक एक बइरागि | साधु । अकर गित मके हिते लागलि । निते खुखड़ि डाके | अंइ गाह हेलाक
‘काहे रे मन बाउल
आहिस काहां अंटकल
भरमे डुबि डांभाडल ।
एतने रहउ नाता लर
उतर रहउ तंइ अकर
चलल से दसरे डहर ।
संसारेक रित रे भाइ
कबे कन फुचकत रे भाइ
भेंटाल नेखिस एकाइ ।
आउएक बेरांइ एकाइ आउले
संगे कनह नि आनले
तबे रहे खजअहिस संगे
गुचाइ देहिं मनेक फेरि
बिगि देहिं माइआक ढांपनि
कन जे कबे काकर
जिउ के काहे फांफर
देखि अकर भिनु डहर |
गितेक भाभ सुनि मर नस नाड़ि गिलिक भार घटेइक । बुझेक संचेक समझदारि बदलि गेलि । मइअ तार अंगअ हेलं । पेहिल जे भितरे साध रहि रहि के जागे हेलि, सिराइ | गेलेइक आर सउभे कामके महुं हुलुकेइ सानतअ रहि के करे पारे लागलं ।
बेस ! एखन तर पुरुस किना रकम ।
बेस आहेइक तबे गितेक फले आर मर भाभ धारा बदलल देहि लरआइ गेल आहेइक । टिके कहत नरमि आर समझदारिक पांइते आघुआइके कनह पुरुस ढांढाइ निहिं पारत । एखन नेचनि कसबिक पेछुइ घुरा घुरि सउभे बनदअ करि देल आहेइक ।
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तबे एखन ठिके आहिआ । मेनतुक ना कहें सेटा । काइले घार छाड़ि पाराइ हेलाक । कहेइस कि मइ एसन देबदुत रकम बहु संग रह निहिं पारब ।
आचमभा काथा, तबे एबार करबे किना ?
करब किना, जिउ ना जाइ छटपटिक साध । आपन लक टाके छाड़ि आर काहां जाब ? मर बुइध आर भरसाउ तअ उहे । एकाइ तअ नि आनले आहेइक । बाज- बाजनाक संगे बारातिअ संग करि आनल आहात । आइग लागउक बइरागि साधुक गितें आर अझा देउआनेक भुते । एबार मर पुरुसेक संगे केउ नाचि भुलति तअ अकर चुंदिक चुइल उखनाउबेइक आर मर पुरसक अहे बनाबेइक जेसन रहे मर बाप । एबार मइअ बुझलं झक झलेक जिबने जिउ के मन मारा रहा टा मरल समान हेकेइक ।
एहे डुल नाना रकमंक मद मातालेक बिरतांत कर कथा एहे छटपटि केहनि माहान हेल आहेइक ।