ऋग्वेद
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यह सबसे प्राचीनतम वेद माना जाता है।
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यह एक ऐसा वेद है जो ऋचाओं में बद्ध है।
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ऋग्वेद में कुल 10 मंडल, 1028 सूक्त एवं 10,580 ऋचाएँ हैं।
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इस वेद के पढ़ने वाले ऋषि को ‘होतृ’ कहते हैं।
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ऋग्वेद का पहला एवं 10वाँ मंडल सबसे अंत में जोड़ा गया है।
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ऋग्वेद के तीसरे मंडल में सूर्य देवता ‘सविता’ को समर्पित गायत्री मंत्र है।
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ऋग्वेद के 9वें मंडल में सोम देवता का उल्लेख है तथा 10वाँ मंडल चार्तुवर्ण्य समाज की संकल्पना का आधार है।
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प्रत्येक वेदों का 1-1 उपवेद है इस तरह से कुल 4 उपवेद है ,ऋग्वेद का एकमात्र उपवेद आयुर्वेद है.आयुर्वेद के कर्ता धन्वंतरि हैं
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ऋग्वेद के दो ब्राह्मण ग्रंथ हैं
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ऐतरेय
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कौषितकी अथवा शंखायन।
नोट: संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा ‘ऋग्वेद’ को विश्व मानव धरोहर के साहित्य में शामिल किया गया है।