पक्ष
पक्ष की परिभाषा
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प्रत्येक कार्य व्यापार के प्रांरभ से अंत तक की काल अवधि में कार्य व्यापार को देखना पक्ष कहलाता है।
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जैसे- वर्षा होने वाली है या हो रही है या होने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
पक्ष के प्रकार/ भेद
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हिन्दी में पक्ष चार प्रकार के होते हैं
(1) नित्यता बोधक अपूर्ण पक्ष
(2) आवृत्ति मूलक पक्ष
(3) सातत्य बोधक पक्ष
(4) पूर्णकालिक पक्ष
1. नित्यता बोधक अपूर्ण पक्ष
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जहाँ क्रिया सामान्य रूप से चल रही हो परन्तु पूरी नहीं हुई हो।
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जैसे आराध्या डॉक्टर है। सुरेश अध्यापक था।
2. आवृत्ति मूलक पक्ष
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जहाँ क्रिया सदैव बनी रहती है।
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जैसेते जस्विनी स्कूल जाती है। दिव्यता पढ़ती है।
3.सातत्य बोधक पक्ष
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जहाँ क्रिया लगातार चल रही हो।
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जैसे- राम पढ़ रहा है। रीता गा रही है।
4. पूर्णकालिक पक्ष
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जहाँ क्रिया पूरा या समाप्त हो गई हो।
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जैसे- रमेश दौड़ चुका है। सीता ने यह पुस्तक पढ़ी है।