4.माय के लोर (माँ का आँसू ) सोंध माटी(कहानी संग्रह)

 

4.माय के लोर (माँ का आँसू )

सोंध माटी(कहानी संग्रह)

मुख्य पात्र – सुरजा (गरीब मजदूर)

छोटा बेटा – नरेंन

अन्य पात्र – सुरजा की बूढ़ी माँ  ,मंगरा , गिरजा बाबू (गांव का अमीर व्यक्ति )

निष्कर्ष – सुरजा, महाजनों के शोषण से मुक्ति के लिए अपनी मां को छोड़ कर शहर  चला जाता है

माय के लोर

1Q. ‘माय के लोर’ कहनी केकर लिखल लागे? विनोद कुमार 

2Q.  ‘माय के लोर’ कहनी कोन किताबे सामिल हे? सोंध माटी 

3Q.  ‘माय के लोर’ कहनीक मुइख पात्र कोन लागे? सूरजा

4Q.  सूरजा कइसन लोक रहे? मजदूर

5Q.  आइझ हामर बावाँ आँइख फरकत हे, जरूर कोनों बेस बातहेतक ई के कहल ? सूरजा की माँ 

6Q.  सूरजा आपन माय ठीन आइ के की कहल?  घर से दूर जाकर पैसा कमाने की बात

7Q. सुरजा के कितने भाई थे ?  एकलौता था

8Q.  “हाम तो पाकल आम नियर हियउ कखनी मर जीबो,नाय जो  “ माय के लोर कहानी में यह किसने कहा था ? सुरजा की मां ने अपने बेटे से 

9Q.  सुरजाक बाप कधिया मोरल रहइ? सुरजाक छोटे पहर 

10Q.  सुरजाक बेटा नाम रहइ? नरेना

11Q.  सुरजाक परिवार मैं कितने सदस्य थे ? 4

  • सुरजा , सुरजा की मां , सुरजा की पत्नी ,सुरजाक बेटा

12Q.  गिरजा बाबु कोन कहनीक पात्र लागे? माय के लोर

13Q.  गिरजा बाबु माय के लोर कहनीञ कइसन पात्र लागे? गांव का अमीर व्यक्ति

14Q.  सुरजा केकर घारे मजुरी करो हल? गिरजा बाबु घारे

15Q.  सुरजा के माये केकर घारे काम करे कहो हइ? गिरजा बाबु घारे

16Q. ‘माय के लोर’ कहनीत्र मंगरा कहाँ काम करो हलइ? बाहइरे(गांव के बाहर )

17Q.  सुरजा बपा कहाँ काम करो हलइ?बखरीन(गांव में ही ), गिरजा बाबूधारे 

18Q. सुरजा को सप्ताह के कौन सा दिन काम से  छुट्टी मिलता था ? एक भी दिन नहीं

19Q.  सुरजा बाहइर कमाइके खातिर कोकरा देख के जाय खोजे ? मंगरा के देख

20Q.  नरेनाक बीमार पहर सुरजा गिरजा बाबु के कई  रूपिया माँगल ? पाँच  रूपिया

  • लेकिन गिरजा बाबू ने उसे पाँच  रूपिया नहीं दिया उल्टा डांट कर कहने लगा कि पहले अपना बाप का कर्जा चुका लो फिर उधार मांगना

21Q. सुरजा के साथ साथ और कौन-कौन उसके साथ बाहर चले गए ? तीन कोई 

  • सुरजा ,उसकी पत्नी और उसका बेटा नरेना

22Q. सुरजा के बाहर जाने के बाद घर में अकेला  कौन रह गया ?  उसकी मां 

23Q. सुरजा का गाड़ी कितने  बजे था ? सात बजे सुबह 

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