हाल ही में अभी पंडित रघुनाथ मुरमू का 119 वां जयंती 5 May 2023 को मनाया गया। पंडित रघुनाथ मुरमू संथाली भाषा की लिपि ओलचिकी लिपि के रचयिता थे। उनके 119 वां जयंती के अवसर पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पंडित रघुनाथ मुरमू का गांव दांदबोश पहुंचे।
पंडित रघुनाथ मुरमू का जन्म 5 May 1905 को दांदबोश गांव में हुआ था। यह गांव उड़ीसा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर में स्थित है। वहीं दांदबोश पर पंडित रघुनाथ मुरमू का समाधि स्थल है। उनके समाधि पीठ पर एक प्रतिमा का माल्यार्पण झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा किया गया। उनका निधन 1 February 1982 को 76 वर्ष की आयु में हुआ था।
संथाली भाषा के और साहित्य के विकास में पंडित रघुनाथ मुरमू का अतुल्यनीय योगदान रहा है। उन्होंने संथाली भाषा एवं साहित्य को लेकर कई सारे नाटक, कविता, काव्य लिखे हैं।
उन्होंने ओल चेमेड़ नाम से ओलचिकी लिपि के लिए प्राथमिक पाठ्यक्रम तैयार किया था। इसके अलावा उन्होंने संथाली भाषा में कई सारे नाटकों का भी रचना किया है जिनमें से कुछ प्रमुख है – होर सेरेंग , सिद्धू कानू और बिदु चंदन।