- बेसर शैली का विस्तार विंध्य और कृष्णा के बीच में है, इसे ‘दक्षिणावर्त’ भी कहा जाता है।
- बेसर शैली में नागर और द्रविड़ शैली के तत्त्व मिश्रित हैं।
- बेसर शैली के मंदिरों में देउल, गर्भगृह और जगमोहन (सभा मंडल) होता था। इस शैली के मंदिर अर्द्ध गोलाकार होते थे।
- होयसल, राष्ट्रकूट काल के ऐहोल मंदिर, कैलाश मंदिर (एलोरा) आदि बेसर शैली से निर्मित हैं। “