5 सितंबर, 20222 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी श्री वी.ओ. चिदम्बरम पिल्लई को उनकी 151 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
श्री वी.ओ. चिदम्बरम पिल्लई
(Valliyappan Olaganathan Chidambaram Pillai)
- वह एक लोकप्रिय कप्पलोटिया थमिज़ान(Kappalottiya Tamizhan) (तमिल खेवनहार – जहाज चलानेवाला तमिल आदमी) और “चेक्किलुथथा चेम्मल” के रूप में जाने जाते थे।
- श्री वी.ओ. चिदम्बरम पिल्लई का पूरा नाम वल्लियप्पन उलगनाथन चिदंबरम पिल्लई है।
चिदंबरम पिल्लई का जन्म :
- चिदंबरम पिल्लई का जन्म 5 सितंबर, 1872 को तमिलनाडु के तिरुनेलवेली ज़िले के ओट्टापिडारम में हुआ था।
- उनके पिता का नाम उलगनाथन पिल्लई था। उलगनाथन पिल्लई पेशे से एक प्रख्यात वकील थे।
- उनके माता का नाम परमी अम्माई था।
- उनकी पत्नी का नाम मीनाक्षी था।
चिदंबरम पिल्लई का स्वतन्त्रा संग्राम में योगदान :
- चिदंबरम पिल्लई 1905 में बंगाल के विभाजन के बाद राजनीति में शामिल हुए थे ।
- चिदंबरम पिल्लई ने 1906 में स्वदेशी स्टीम नेविगेशन कंपनी (SSNCO-Swadeshi Steam Navigation Company) के नाम से एक स्वदेशी मर्चेंट शिपिंग संगठन का गठन किया। भारतीय जहाज कंपनी शुरू करने के कारण अंग्रेज सरकार ने उन्हें अत्यधिक प्रताड़ित किया।
- उन्होंने स्वदेशी प्रचार सभा, धर्मसंग नेसावु सलाई, राष्ट्रीय गोदाम, मद्रास एग्रो-इंडस्ट्रियल सोसाइटी लिमिटेड और देसबीमना संगम जैसी कई संस्थाओं की स्थापना की।
- चिदंबरम पिल्लई और सुब्रमण्य शिवा ने मिलकर स्वदेशी संगम या ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक’ नामक एक संगठन का गठन किया।
- तूतीकोरिन कोरल मिल्स की हड़ताल (23 फरवरी ,1908) की शुरुआत में चिदंबरम पिल्लई ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चिदम्बरम और सुब्रमन्य सिवा हड़ताल का नेतृत्व किए।
- वे बालगंगाधर तिलक के शिष्य थे।
- वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े थे।
चिदंबरम पिल्लई द्वारा लिखी गयी साहित्यिक रचना :
- मेयाराम (1914)
- मेयारिवु (1915)
- एंथोलॉजी (1915)
- आत्मकथा (1946)
- थिरुकुरल के मनकुदावर के साहित्यिक नोट्स के साथ ((1917)
- टोल्कपियम के इलमपुरनार के साहित्यिक नोट्स के साथ (1928)।
चिदंबरम पिल्लई की मृत्यु :
- चिदंबरम पिल्लई की मृत्यु 18 नवंबर, 1936 को तूतीकोरिन में हुई।
- चिदम्बरम कप्पलोट्टिय थमिज़ान और सेक्किलुत्त सेम्मल के नाम से विख्यात हुए।
- भारत सरकार ने उनके जन्म शजाब्दी वर्ष 5 सितंबर 1972 में उनके नाम से डाक टिकट चालू किया।