सल्तनतकालीन हस्तशिल्प

       सल्तनतकालीन हस्तशिल्प (Sultanate Period Handicrafts)

      • सल्तनत काल में वस्त्र-निर्माण के क्षेत्र में तीव्र वृद्धि देखी गई। ईसका कारण था बुनने वाले पहियों, सूत कातने के यंत्रों तथा बुनाई के यंत्रों का आगमन।

      • सकाल में सती, ऊनी व रेशमी कपड़ों का उत्पादन किया जाता था। 

      • इस समय एक विशेष प्रकार के सूती वस्त्र ‘छींट’ का उत्पादन किया जाता था तथा महीन कपडे व मलमल बंगाल के सिलहट, ढाका तथा दक्कन के देवगिरि में बनाए जाते थे। (सिलहट और ढाका वर्तमान में बांग्लादेश में स्थित है।) 

      • इस काल में कपड़ों पर चित्रित कढ़ाई तथा सोने के तार से कपड़ों पर कढ़ाई का काम प्रचलित था। 

      • इसके अतिरिक्त रंगाई उद्योग भी इस काल में विकसित अवस्था में था। 

      • गुजरात में लाल एवं नीले रंग की उत्कृष्ट चटाईयों का निर्माण किया जाता था, जिनमें पशु-पक्षियों की आकृतियाँ उभारी जाती थीं तथा पच्चीकारी की जाती थी। 

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