सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose)
- सुभाषचन्द्र बोस का जन्म – 23 जनवरी सन् 1897 , ओड़िशा के कटक शहर में, हिन्दू परिवार में हुआ था
- पिता का नाम – जानकीनाथ बोस (वकील)
- माँ का नाम – प्रभावती देवी
- जानकीनाथ बोस बंगाल विधानसभा के सदस्य भी रहे थे। अंग्रेज़ सरकार ने उन्हें रायबहादुर का खिताब दिया था।
- प्रभावती और जानकीनाथ बोस की कुल मिलाकर 14 सन्तानें थी जिसमें 6 बेटियाँ और 8 बेटे थे।
- सुभाष माता पिता के नौवीं सन्तान और पाँचवें बेटे थे।
- सुभाष के बड़े भाई – शरतचन्द्र बोस
- सुभाषचन्द्र बोस का शिक्षा :
- प्राइमरी शिक्षा : प्रोटेस्टेण्ट स्कूल से
- 1909 में उन्होंने रेवेनशा कॉलेजियेट स्कूल में दाखिला लिया।
- 1915 में उन्होंने इण्टरमीडियेट की परीक्षा बीमार होने के बावजूद द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण की।
- कलकत्ता विश्वविद्यालय (बीए, दर्शशास्त्र, 1916 -1919)
- कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (मानसिक और नैतिक विज्ञान ट्रिपोस में बीए, 1921)
- 15 सितम्बर 1919 को ICS परीक्षा पास करने के लिए इंग्लैण्ड चले गये। उन्होंने 1920 में ICS परीक्षा पास कर ली। 22 अप्रैल 1921 को ICS से त्यागपत्र भी दे दिया । सुभाष जून 1921 में मानसिक एवं नैतिक विज्ञान में ट्राइपास (ऑनर्स) की डिग्री के साथ भारत वापस लौट आये।
- 20 जुलाई 1921 को गाँधी और सुभाष के बीच पहली मुलाकात मुम्बई में गांधी मणिभवन में हुई।
- सुभाष चंद्र बोस की पत्नी – एमिली शेंकल (ऑस्ट्रियन, विवाह – 1942 में )
- सुभाष चंद्र बोस की पुत्री – अनिता बोस
- 51वाँ हरिपुरा कांग्रेस अधिवेशन (1938) : अध्यक्ष – सुभाष चन्द्र बोस
- अधिवेशन में सुभाष ने योजना आयोग की स्थापना की। जवाहरलाल नेहरू इसके पहले अध्यक्ष बनाये गये।
- सुभाष ने बंगलौर में मशहूर वैज्ञानिक सर विश्वेश्वरय्या की अध्यक्षता में एक विज्ञान परिषद की स्थापना भी की।
- 1939 का त्रिपुरी कांग्रेस अधिवेशन :
- 1939 में गान्धी उन्हें अध्यक्ष पद से हटाना चाहते थे। गान्धी ने अध्यक्ष पद के लिये पट्टाभि सीतारमैया को चुना।
- 29 अप्रैल 1939 को सुभाष ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
- फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना: 3 मई 1939 को सुभाष ने कांग्रेस के अन्दर ही फॉरवर्ड ब्लॉक के नाम से अपनी पार्टी की स्थापना की।
- सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु : 18 अगस्त 1945 (उम्र 48)
- द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान की हार के बाद, नेताजी ने रूस से सहायता माँगने का निश्चय किया था। 18 अगस्त 1945 को नेताजी हवाई जहाज से मंचूरिया की तरफ जा रहे थे। इस सफर के दौरान वे लापता हो गये। इस दिन के बाद वे कभी किसी को दिखायी नहीं दिये।
- जापान के टोकियो शहर में रैंकोजी मन्दिर के बाहर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा लगी
- सुभाष चन्द्र बोस के नारा :
- तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा
- ‘जय हिंद’
- सुभाष चन्द्र बोस द्वारा लिखित पुस्तक :
- आत्मकथा “एक भारतीय यात्री (An Indian Pilgrim)”
- भारत का संघर्ष (The Indian Struggle)
- पीएम नरेंद्र मोदी ने 2022 में दिल्ली के इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फुट ऊंची प्रतिमा (Netaji Subhas Chandra Bose Statue) को राष्ट्र को समर्पित किया था। देश में लगने वाली नेताजी बोस की यह सबसे लंबी प्रतिमा है।
- मोदी ने इस साल 23 जनवरी को इंडिया गेट पर नेताजी बोस के होलेग्राम स्टेच्यू का अनावरण किया था ।