श्री विधि-चावल गहनीकरण पद्धति (SRI Method System of Rice Intensification)
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- यह धान उत्पादन की एक तकनीक है जिसके द्वारा पानी के बहुत कम प्रयोग से भी धान की अच्छी उपज प्राप्त हो जाती है।
- इस तकनीक में पौधों की जड़ों में नमी बरकरार रखना ही पर्याप्त होता है।
- इस तकनीक से धान की खेती में जहाँ भूमि, श्रम, पूँजी और पानी कम लगता है वहीं उत्पादन 300% तक ज़्यादा मिलता है। इस पद्धति में चावल की प्रचलित किस्मों का ही उपयोग कर उत्पादकता बढ़ायी जा सकती है।
- फ्रांसीसी पादरी ‘हेनरी डे लाउलानी’ द्वारा 1983 में मेडागास्कर में श्री पद्धति विकसित किये जाने के कारण इसे धान उत्पादन की मेडागास्कर विधि भी कहते हैं।