राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-ऑयल पाम
National Edible Oil Mission-Oil Palm(NMEO-OP)
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केन्द्र की मोदी सरकार ने 18 AUGUST ,2021 को पाम ऑयल मिशन (Palm Oil Mission) की योजना को मंजूरी दे दी है.
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सरकार ने देश में खाद्य तेलों (Edible oil) की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 11,040 करोड़ रुपए के पाम ऑयल मिशन (National Edible Oil Mission-Oil Palm- NMEO-OP) को मंजूरी दी है.
उद्देश्य:
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घरेलू खाद्य तेल की कीमतों को कम करना जो महँगे पाम तेल के आयात से तय होती हैं।
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वर्ष 2025-26 तक पाम तेल का घरेलू उत्पादन तीन गुना बढ़ाकर 11 लाख मीट्रिक टन करना।
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इस मिशन में वर्ष 2025-26 तक पाम तेल की खेती के क्षेत्र को 10 लाख हेक्टेयर और वर्ष 2029-30 तक 16.7 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाना शामिल है।
विशेषताएँ:
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पाम ऑयल एक तरह का खाने का तेल है जो ताड़ के पेड़ के बीजों से निकाला जाता है. इसका इस्तेमाल होटल, रेस्तरां में खाद्य तेल की तरह होता है.
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पाम तेल विश्व का सबसे अधिक खपत वाला वनस्पति तेल है।
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पाम तेल के शीर्ष उपभोक्ता भारत, चीन और यूरोपीय संघ (EU) हैं।
राष्ट्रीय तिलहन और आयल पाम मिशन
(National Mission on Oilseeds and Oil Palm)
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वर्ष 2004-05 में शुरु की गई तिलहन, आयल पाम(Palm Oil) व मक्का स्कीम को वर्ष 2014-15 में राष्ट्रीय तिलहन व आयल पाम मिशन नाम दिया गया।
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1986 में तिलहन पर प्रौद्योगिकी मिशन की स्थापना थी
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इस मिशन का लक्ष्य 12वीं योजना की समाप्ति पर तिलहनों से प्राप्त वनस्पति तेलों, आयल पाम और टीबीओ के उत्पादन को 7.06 मिलियन टन से बढ़ाकर 9.51 मिलियन टन करना है।
पीली क्रांति (Yellow Revolution)
उन क्रांतियों में से एक है जिन्हें देश में खाद्य तिलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिये शुरू किया गया था।