झारखण्ड राज्य शासन प्रणाली के संबंध में प्रमुख संवैधानिक उपबंध

राज्य शासन प्रणाली के संबंध में प्रमुख संवैधानिक उपबंध 

  • अनुच्छेद 153 – राज्य के लिए राज्यपाल का उपबंध
  • अनुच्छेद 154 -राज्य की कार्यपालिका शक्ति
  • अनुच्छेद 155 – राज्यपाल की नियुक्ति 
  • अनुच्छेद 156 – राज्यपाल की पदावधि
  •  अनुच्छेद 157 – राज्यपाल की नियुक्ति के लिए आवश्यक अर्हताएं
  • अनुच्छेद 158 – राज्यपाल के पद के लिए शर्तें
  • अनुच्छेद 159 – राज्यपाल द्वारा शपथ 
  • अनुच्छेद 160 -आकस्मिक स्थिति में राज्यपाल के कृत्य 
  • अनुच्छेद 161 – राज्यपाल की क्षमादान की शक्तियाँ 
  • अनुच्छेद 162 – राज्यपाल की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
  •  अनुच्छेद 163 – राज्यपाल की सहायता एवं सलाह हेतु मंत्रिपरिषद
  •  अनुच्छेद 165 राज्य का महाधिवक्ता 
  • अनच्छेद 166 – राज्य सरकार के कार्यों का संचालन
  • अनुच्छेद 167 – राज्यपाल को जानकारी आदि देने के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य 
  • अनुच्छेद 168 – राज्य विधान-मंडल का गठन 
  • अनुच्छेद 170 -विधान सभा की संरचना 
  • अनुच्छेद 172 – विधान सभा की अवधि 
  • अनुच्छेद 173 -विधान सभा की सदस्यता के लिए अर्हता 
  • अनुच्छेद 174 -विधान सभा के सत्र, सत्रावसान और विघटन 
  • अनुच्छेद 175 – सदन में अभिभाषण एवं संदेश भेजने के संबंध में राज्यपाल के अधिकार 
  • अनुच्छेद 178 -विधान सभा के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष 
  • अनुच्छेद 179 – अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पदत्याग तथा पद से हटाया जाना 
  • अनुच्छेद 180 – अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष तथा अन्य व्यक्तियों की शक्ति
  •  अनुच्छेद 191 -सदस्यता के लिए निरर्हताएं 
  • अनुच्छेद 196 -विधेयकों के प्रारंभ एवं पारित करने हेतु उपबंध 
  • अनुच्छेद 199 -धन विधेयक की परिभाषा 
  • अनुच्छेद 200 -विधेयकों पर अनुमति 
  • अनुच्छेद 202 -वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट) 
  • अनुच्छेद 204 -विनियोग विधेयक 
  • अनुच्छेद 205 – अनुपूरक, अतिरिक्त तथा अधिक अनुदान 
  • अनुच्छेद 206 – लेखानुदान, प्रत्ययानुदान तथा अपवादानुदान 
  • अनुच्छेद 212 – न्यायालय द्वारा विधानसभा की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना 
  • अनुच्छेद 213 -राज्यपाल की अध्यादेश निकालने की शक्ति 
  • अनुच्छेद 214 – उच्च न्यायालय का प्रावधान 
  • अनुच्छेद 215 – उच्च न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना 
  • अनुच्छेद 216 – उच्च न्यायालय का गठन 
  • अनुच्छेद 217 – उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति और उनके पात्रता की शर्तें 
  • अनुच्छेद 222 -न्यायाधीशों का अन्य उच्च न्यायालयों में स्थानांतरण 
  • अनुच्छेद 223 – कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति 
  • अनुच्छेद 225 – उच्च न्यायालय की अधिकारिता 
  • अनुच्छेद 226 -रिट जारी करने की उच्च न्यायालय शक्ति

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को अनुच्छेद 124 (4) के तहत ठीक उसी विधि से हटाया जा सकता है जिस विधि से उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है।

जनजातीय सुरक्षा एवं विकास संबंधी प्रमख संवैधानिक उपबंध 

  • अनुच्छेद 15 (4) – सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक हितों का संवर्द्धन 
  • अनुच्छेद 16 (4) – नौकरी एवं सेवाओं में आरक्षण का प्रावधान
  • अनुच्छेद 19 (5) – संपत्ति में जनजातीय हितों की सुरक्षा का प्रावधान 
  • अनुच्छेद 23 – मानव के दुर्व्यापार एवं बलात् श्रम का प्रतिषेध
  • अनुच्छेद 29 – अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण
  • अनुच्छेद 46 – अनुसूचित जनजातियों के हितों का संवर्द्धन 
  • अनुच्छेद 164 (1) – जनजातीय कल्याण मंत्री की नियुक्ति का प्रावधान
  • अनुच्छेद 330 – लोकसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण का प्रावधान
  • अनुच्छेद 332 – राज्य की विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण का प्रावधान 
  • अनुच्छेद 335 – सेवाओं तथा पदों के लिए अनुसूचित जनजातियों के दावे
  • अनुच्छेद 338 (क) – अनुसूचित जनजातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग का प्रावधान 
  • अनुच्छेद 339 – अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में संघ का नियंत्रण

 

  • पांचवी अनुसूची में अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उपबंध किया गया है)

 

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