Khortha Ke Bal Geet (खोरठा के बाल गीत – 1)
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      गीदर-भुला 1

      खीर घाँटों खीर घाँटों

      एकरौँ देलिये, ओकराँ देलिये

      कानी, मुनी, रेवा, रेपो

      सब के देलियइ

      ठेपो के देलिये ठेपो धाराइ

      घोड़वा चलले जाइ

      दुध-भात खाइल जाइ

      छल गुदू-छल गुदू…!

      गीदर-भुला 2

      ताय- ताय- ताय

      नुनु मामु घार जाय

      मामुक पिंडें छिछि करे

      मामी पोंछे जाइ ।

      मामु मारे, ठाइ ! ठाइ !

      अरसन परसन गोड़ परसन

      बुढ़वा गेल हाट

      हाट से आनल पात

      दू हाँडी भात!

      गीदर-भुला 3

      अकनी ढकनी पुरइन पात

      राजा घरेक बेल पात

      काली गइया हँकदल आवे

      तकर दुधवा के खाय ?

      हामर नुनू / नुनी खाय !

      गीदर-भुला4

       

      झिम झिमालो – झिमालो

      सालुक लाता -पाता लो

      मायें बापें खइलो,

      हामरो नाय देला

      कोन पेरवा झाँप देइ

      गजर घुम पाटा थुम !

      • बच्चों द्वारा गाया जाने वाला यह गीत का अर्थ है कि भूखे बच्चे भूख से परेशान हैं पर उनके माता-पिता को अपना ही सूझता है वह तो झूमर खेलने में व्यस्त हैं।  

      गीदर-भुला5

       

      उदूम दूदूम दूम सुपाड़ी

      कंगला मारे ताड़ा-ताड़ी !

      रेल गाड़ी झमा झम

      पेटें फुले आलूक दम !

      बाबु मांगे साबु दाना

      गोला पती फूल !

       

      गीदर-भुला6

       

      घू—घू चूँ-2 पाँडूक चू

      सासेक सुख पूतोक दूख

      भाइग गेलें बड़ी दूख

      सिसिक तेल माखाइ देल

      लोहो लीली हो ओ लोहो लीली…!

      (सामंती जमानाक छाप, हालेक गीत)

       

      गीदर-भुला7

       

      घुघुचू-घुघुचू घुमेलिया

      अरवा चार के डेलिय

      सास बइठल मइचला में

      ननद बइठल खटिया में

      घुरा-धुरा भोजी घुरा हो

      नाँइ घुरबो नूनू हो !

      हामर नइहर में चंदन के गाछा

      झुकी झुकी देखबइ

      भइयाक आस!

       

      गीदर-भुला8

       

      घुघुचू-घुघुचू पाँडुक बोले

      एते राती केकर छउवा कांदे

      छउवा के माय के लाजो नाञ लागे

      दुवारी बइस गाल मारे ।

       

      गीदर-भुला9

       

      सुत मइवाँ सुत गे

      बपा गेलउ हार जोते

      मइया गेलउ भुंजा दिये

      सुत मइवाँ सुत गे।

       

      गीदर-भुला10

       

      सुता – सुता रे बेटा होरीला

      तोर बापा बांस काटे गेलउ

      मइया उड़ीस मारे गेलउ !

       

      गीदर-भुला11

       

      चाँद मामु चाँद मामु

      हँसुआ दाय!

      सेहे हँसूआ काहे ले

      घसीया कटावे ले

      सेहे घसीया काहे ले

      गइया के खियावे ले

      सेहे गइया काहे ले

      दूधवा दूहावे ले

      सेहो दूधवा काहे ले

      खिरिया पकावे ले सेहे खिरिया काहे ले

      बाबू के गुट-गुट खिलावे ले।

       

      गीदर-भुला12

      अटकन- चटकन दही चटाकन

      बड़ फुले बरेला से

      सावन मास करेला से

      हे बेटी तोंय गंगा जउ

      गंगा से कसइलि आन

      कचा कचा नेर के दे

      नेर बेचारा चोरिया

      धर कान ममोरिया ।

       

      गीदर-भुला13

       

      रोद पानी ऑधी पानी

      सियार केर बिहा

      राम धनुक उइग गेलो

      देइख सुइन कें जिहा

      पच्छिम बाटें पानी भेलो

      पूरूब बाटें धनुक

      आम झाइर कें चइल गेलो,

      लेलें आवें झिनुक, 

      संगें तनीनुन मरिच लाल लाल दिहा ।

      सियार केर बिहा केर भोज खाय लिहा ।

       

      गीदर-भुला14

      रोद पानी-रोद पानी

      सियार के बिहा

      एक चुटकी अन नाञ

      कइसें देबइ बिहा!

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