hamar bharat mahan re (हमर भारत महान रे – अंबुज कुमार ‘अंबुज –  बाराडीह, बोकारो)

 हमर भारत महान रे – अंबुज कुमार ‘अंबुज –  बाराडीह, बोकारो

भावार्थ 👍

हमारा भारत देश महान देश है।  यहां की सभ्यता और संस्कृति सबसे पहले विश्व में विकसित हुई थी।  यह एक समय विश्व गुरु के रूप में प्रतिष्ठित था।  हमारे पूर्वज गौतम बुध, भगवान महावीर, गांधी, विवेकानंद जैसे महान व्यक्तित्व हुए हैं।  जिन्होंने दुनिया को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया।  इस देश की आन बान शान की खातिर अनगिनत देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति भी दे दी है।  नेहरू अंबेडकर जी ने आजाद भारत को नए सिरे से गढ़ने का कार्य किया था।  देश के लिए देश की नारियों ने भी कम बलिदान नहीं दिया है – रानी लक्ष्मीबाई, सावित्रीबाई फुले, अरूणा आसफ अली, कस्तूरबा ,कईली-सिनगी  ,सरोजिनी नायडू, इंदिरा गांधी आदि कितनी वीरांगनाओं ने देश के लिए अनमोल योगदान दिया है।  इनका कितना भी वर्णन करें कम ही पड़ेंगे।  हमारी धरती में खान खनिज की कमी नहीं है- अपार संपत्ति है।  धरती की हरियाली और समृद्धि से दुनिया अचंभित है।  ऐसे देश में हमारा जन्म हुआ है, तो क्यों नहीं गुमान करें, गर्व करें।  इसलिए हम अपने स्वाभिमान को, राष्ट्रीय गौरव के चिन्ह तिरंगा ध्वज की तरह ऊंचा उठाकर रखेंगे  और कभी गिरने नहीं देना है। 

 

सभ्यताक किरन फुइटके जहाँ 

पहिले भेलइ बिहान रे-हाइरे.. 

दुनियाँक गुरु रूपें जानाइल 

हामर भारत महान रे 

दुनियाँक गुरु रूपें जानाइल 

हामर हिंदुस्तान रे।।

 

गौतम – गांधी हामर पुरखा 

दुनियाइँ पइला सम्मान रे- हाइरे… 

मानुसेक डहरें खातिर 

सबके करला आहान रे ।।

 

आजाद-सुभास-भगत- बिरसा 

देसेक खातिर देला जान रे, हाइरे… 

नेहरू- अंबेदकर लड़के अइला 

देखें नावाँ बिहान रे।।

 

बीर नारी लक्ष्मीबाई 

अरूणा – इंदिरा महान रे, हाइरे… 

कस्तूरबा – कोयली – सरोजिनी 

कतेक करिये बखान रे ।।

 

हामर माटी सोना झरे 

हीरा मोतिक हियाँ खान रे, हाइरे… 

हियाहारी हरियर धरती 

देख के चोकाइ जहान रे…

 

अइसन देसें जनम हामर 

काहे  नाइँ करों गुमान रे, हाइरे…. 

तिरंगा नियर ऊँचा राखब 

आपन स्वाभिमान रे ।।

 

Q. हामर भारत महान  के लिखबइया के लागथीन  ? अम्बुज कुमार

Q. अम्बुज कुमार के जन्मथान हकय   ? बाराडीह, बोकारो

 

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