गुप्तकालीन हस्तशिल्प

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 गुप्तकालीन हस्तशिल्प (Gupta Period Handicrafts)

  • गुप्तकाल, कला के अन्य क्षेत्रों की भाँति हस्तशिल्प कला के विकास की दृष्टि से भी उल्लेखनीय रहा है। 

  • गुप्तकाल में कला की विविध विधाओं में उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिलती है, जैसे वस्त्र-निर्माण, स्थापत्य कला, चित्रकला एवं मृद्भांड कला आदि। 

  • इस काल में वस्त्र-निर्माण काफी उन्नत अवस्था में मौजूद था। लोग रंगाई, बुनाई, कढ़ाई की कला से परिचित थे। 

  • वस्त्र-निर्माण कला के साथ ही हाथी दाँत, मूर्तिकला एवं चित्रकलाइस काल में प्रचलित मुख्य शिल्प थे। 

  • इस काल में धातु कर्म से संबंधित कार्य प्रचुर मात्रा में किये जाते था धातु से कई तरह की वस्तुओं का निर्माण करने वाले कारीगरों द्वारा विभिन्न प्रकार के पात्रों, टेराकोटा मूर्तियों, मुद्राओं आदि कां निर्माण किया जाता था।