Ganesh Bandana Bankevra Nagpuri (गनेस बंदना, बनकेवरा भाग -1 ,नागपुरी साहित्य )

       

      गनेस बंदना

       बनकेवरा भाग -1  ,नागपुरी साहित्य  
      रचनाकार –  हनुमान सिंह

      ” जय जय गज बदन बिनायक , सिधिदाता गनेस ॥ 

      फेरी बंदवो गुरू पावही , 

      तन मेटत कलेस महिसुर चरण मनावत , 

      सब छुटत अंदेस ” 


      ई गीत कर रचनाकार सिद्ध पुरूख हनुमान सिंह हेकयँ । भक्ति रस में रचल ‘ गनेस बंदना ‘ गीत में भगवान गनेस कर अस्तुति करल जाय हय । हिन्दू धरम कर मोताबिक भगवान गनेस कर पष्जा सउब ले पहिले होवेला । इनकर कयगो नाँव आहे , जेकर में गजबदन , बिनायक , सिधिदाता मुध नाँव हय | भगवान गनेस कर अस्तुति करल से सउब मइधका कर दुख – दरद , असांति आउर कलेस मेइट जायला । कबि बंदना / अस्तुति कर माध्यम से कवि विनम्र होय के भगवान गनेस कर आराधना करयँना जेकर से सउब मइधका कर पाप दोस मेइट जायला । कवि आपन उपर दया करेक कर बरदान मांगयँना ताकि भगवान गनेस कर बरदान से कवि कर जीवन कर जे मकसद हय उ पुरा होय सकोक । संगे – संग कवि शैलसुता यानी पार्वती माँय कर अराधना करना ताकि आपन संग – संग गोटा देस दुनिया कर मनुखमन उपरे उनकर असीम किरपा बनल रहोक आउर मनुखमन कर जीवन हमेसा खुसहाल बनल रईह सके ।

      नागपुरी कर प्रचीन कविमन में रघुनाथ नश्पति कर बादे दूसर ज्ञात कवि हेकयँ हनुमान सिंह । इनकर जनम अनुमान लगाल जायल कि 1765 ई . में चपका , घाघरा गुमला में होय रहे । हनुमान सिंह कर थोड़ेक गीत छोट आउर कलात्मक आहे तो थोड़ेक बड़ आउर बीहड़ हों । इनकर अधिकांश गीत अर्थ भाव एतना जटिल आहे कि बेस- बेस ज्ञानी गुनी मनकर दाँत अमताय जायल । फगुआ गीत कर पुछारी राग मूलतः दुइ विषारद गायक कर शास्त्रर्थ हेके । इनकर काव्य प्रतिभा उत्कृष्ट कोटि कर आहे । कहीं – कहीं इकर नागपुरी में पुरना हिन्दी कर छाप हों दिसेल । 

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