उत्सर्जन तंत्र (Excretory system )

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उत्सर्जन तंत्र (Excretory System) 

  • मानव के उत्सर्जी तंत्र का मुख्य कार्य अपशिष्ट को शरीर से बाहर निकालना है। 
  • मनुष्य के उत्सर्जन तंत्र में निम्नलिखित अंग आते हैं
    • 1. वृक्क (Kidney) 
    • 2. फेफड़ा (Lung)
    • 3.त्वचा (Skin)
    • 4. यकृत (Liver) 
    • 5. बड़ी आँत (Large Intestine)

  • मनुष्य में मूत्राशय तंत्र (Urinary System) एक जोड़ी वृक्क (Kidney), एक जोड़ी मूत्र नलिका, एक मूत्राशय और एक मूत्र मार्ग का बना होता है। 

वृक्क(Kidney)

  • मनुष्य में वृक्क सेम के बीज की आकृति के गहरे भूरे लाल रंग के होते हैं। प्रत्येक वृक्क में लगभग 10 लाख सूक्ष्म एवं लंबी व कुंडलित नलिकाएँ पाई जाती हैं, जिन्हें वृक्काणु (नेफ्रान) कहते हैं। 
  • नेफ्रान वृक्क की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई होती है। 
  • यह वृक्क (गुर्दे) की निस्यंदन इकाई भी कहलाता है। 
  • वृक्क के दो मुख्य कार्य हैं- उत्सर्जन एवं परासरण नियमन
  • वृक्क में पथरी (Kidney Stone), यूरिक अम्ल (Uric Acid), कैल्शियम ऑक्सलेट (Calcium Oxalate) तथा कैल्शियम फॉस्फेट (Calcium Phosphate) के कारण बनती है।
  • मूत्र के स्रावण को डाइयूरेटिक औषधि द्वारा बढ़ाया जाता है। 

 

उत्सर्जन (Excretion) 

  • वृक्क यूरिया को पानी में घुले मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकालता है। 
  • यूरिया आदि उत्सर्जी पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने के लिये वृक्क ही मुख्य अंग है। यह रक्त का शुद्धिकरण करता है। रक्त के शुद्धिकरण की प्रक्रिया डायलिसिस कहलाती है।
  • इसका हल्का पीला रंग‘यूरोक्रोम’ नामक वर्णक के कारण होता है। 
  • मूत्र का सामान्य घटक जल, लवण, यूरिया व यूरिक अम्ल है। कीटोन और एल्ब्युमिन असामान्य घटक है।

परासरण नियमन (Osmoregulation) 

  • शरीर में लवण एवं जल की मात्रा का नियंत्रण वृक्कों का एक महत्त्वपूर्ण कार्य है। 

 

मनुष्य में अन्य उत्सर्जी अंग 

मनुष्य एवं सभी कशेरुकी प्राणियों में वृक्कों के अलावा अन्य अंग भी उत्सर्जन में मदद करते हैं। जैसे- यकृत, त्वचा, फेफड़े आदि। 

यकृत (Liver) 

  • यकृत विशेष एंजाइमों की सहायता से आवश्यकता से अधिक अमोनिया (NH3 ) को यूरिया में परिवर्तित कर देता है जो अमोनिया से कम हानिकारक होता है। 
  • यकृत में मृतक R.B.Cs के हीमोग्लोबीन के टूटने के कारण पित्त (Bile Pigment) का निर्माण होता है। 
  • पित्त वर्णक पित्त रस के साथ आंत्र में पहुँचकर विष्ठा के साथ शरीर से बाहर निकलते हैं।

त्वचा (Skin)

  • त्वचा की स्वेद ग्रंथियाँ रुधिर से जल, लवण एवं यूरिया लेकर हने के रूप में शरीर से बाहर निकलती है। साथ ही तैलीय ग्रंथियों स्रावित सीबम भी अनेक उत्सर्जी पदार्थों को बाहर निकालता है। 

फेफड़े (Lungs)

  • फेफड़े श्वसन क्रिया के अंतर्गत श्वास छोड़ने की प्रक्रिया में रुधिर में घुली CO2 , का उत्सर्जन करते हैं। साथ ही यह जलवाष्प का भी उत्सर्जन करते हैं।

Previous Years Questions: 

  • अल्कोहल के निराविसन  के लिए निम्नलिखित मानव अंगों में कौन उत्तरदाई है ? यकृत
  • एक स्वस्थ मनुष्य 1 दिन में कितनी मात्रा में पेशाब करता है ?  1.5 लीटर
  • मानव गुर्दे में पथरी किस की वजह से बनती है ?  कैलशियम ऑक्सलेट
  • मानव गुर्दे का प्रमुख कार्य : 
    • रक्त में जल की मात्रा का नियंत्रण
    • यूरिया को छान कर बाहर करना
    • कई हार्मोन का श्रावण करना
  • जब वृक्क  कार्य करना बंद कर देता है तो निम्न में से कौन सा पदार्थ जमा होता है ?  रक्त में नत्रजनित अपशिष्ट पदार्थ जैसे अमोनिया, यूरिया, यूरिक अम्ल इत्यादि
  • अपोहक (Dialyzer) जिसके कार्य संपादन हेतु प्रयुक्त होता है वह है ? वृक्क
  • वृक्क से प्रति मिनट रक्त प्रवाह होता है ?  1200  सीसी
  • मानव वृक्क प्रतिदिन कितना लीटर रक्त की शुद्धि करता है ?  1500 लीटर
  • मानव में गुर्दे निम्नलिखित में से किस प्रणाली का अंग है?  उत्सर्जन तंत्र (एक्स्क्रेशन)
  • यूरिया किसके द्वारा रक्त से पृथक किया जाता है ?  गुर्दा
  • डायलिसिस किससे संबंधित है?  वृक्क
  • शरीर में सारा रक्त किस के माध्यम से शुद्ध होता है ?  किडनी
  • मनुष्य शरीर में खून की शुद्धिकरण की प्रक्रिया को क्या कहते हैं ? डायलिसिस