छागइर गोरखिया आर केतकी फुल (Chhagar Gorkhia R Ketki Phool)

8. छागइर गोरखिया आर केतकी फुल – (लेखक – सावित्री देवी)

  • पुस्तक – खोरठा लोकसाहित्
  • प्रकाशक – झारखण्ड जनजातीय कल्याण शोध सस्थान ,मोरहाबादी ,रांची ,कल्याण विभाग झारखण्ड सरकार 
    • प्रथम संस्करण – 2012   “©www.sarkarilibrary.in”
  • संपादक – 
    • प्रधान संपादकए. के. झा
    • अन्य संपादक
      • गिरिधारी गोस्वामी आकाशखूंटी 
      • दिनेश दिनमणि
      • बी एन ओहदार
      • श्याम सुन्दर महतो श्याम 
      • शिवनाथ प्रमाणिक
      • चितरंजन महतो “चित्रा’
  • रूपांकनगिरिधारी गोस्वामी आकाशखूंटी
  • मुद्रक – सेतु प्रिंटर्स , मोरहाबादी ,रांची 

 

KeyPoints

  • राजा नीलकमल राइजें –  छागइर गोरखिया (टेपा), नदीं, केतकी फुल, राजाक गोबर डींगें, राजाक नोकरानी, राजाक बेटी, एक-दू पइला चिउड़ा, आधा राइज
  • बोन – राकसिन (मोसी), राजाक छोट बेटी, एबो बाँडी हाथनी आर एगो हाथिक खड़ग
  • दोसर राइज – राजाक बेटा मोइर गेल,  डाकिन-किचिन,जड़ी, राजाक  बेटी, सोनाक मुंगरा
  • अड़कुजल बोनें – राकसिनेक बेटी  “©www.sarkarilibrary.in”

 

एक समय के बात लागे, राजा नीलकमलेक राइजें एगो छागइर गोरखिया रह हलक । ओकर नाम रहइ टेपा। मेंतुक ओकरों छागइर  गोरखियाक नाम्हीं लोक जानथ । एक दिन गोरखिया नदी धारीं गोरखी करइत-करतइ नदीं एगो फुल बोहाइल आइतें देखलइ । ओकर मन नाँइ मानलंइ आर ऊ नदीं झांप दइ फुलवा उठाइ लेलइ । ऊ केतकी फुल रहइ जे जेतना देखे में सुन्दर ओतने सुन्दर ओकर महक। टेपा दिन भइर ऊ फुल के संगें राखलइ मेंतुक तनिको मलिन नाँइ भेलइ । सांइझ पहर जखन घर घुरे लागल तखन फुलवा राजाक गोबर डींगें गाइड देइ। दोसर दिन बिहान्हीं डींगवें गोरखी जाइत समय ऊ फुलवा उठाइ लेइ । दिन भइर संगे राखल बाद सांइझ पहर घुरेक समय राजाक गोबर डींगवें फइर गाइड़ देइ ।

एक दिन ऊ फुल के राजाक गोबर डींगवें नाइ पाइल ऊ दिन राजाक नोकरानी टेपा से पहिले गोबर डींगवें गेली आर केतकी फुल के उठाइ लइ गेली । टेपाक फुल चोरीक कोन्हों पछोर नाइ । ऊ आपन | कामे (गोरखि) करे चइल गेल ।  “©www.sarkarilibrary.in”

राजा केतकी फुल देइख मोहीत भइ गेल आर पुछलइ तो नोकरानी कही देली जे ई फुल हामें तोहर गोबर डींगवें पाइल हों। राजा सब लोक के एक-एक कर पुछल मेंतुक केउ नाइ कहला जे ऊ फुल के राखल हे । राजाक ठीन सब तो अइला मेंतुक टेपा नाँइ गेल हल। राजाक लोक टेपाक डाइक आनला तो टेपा कहलइ जे ओहे | केतकी फुल राखल रहे। राजा टेपाक कहलइ जे- जउ ई फुलेक जोड़ लइ आन । फुलेक जोड़ नाँइ आने पारलें तोरा राइज से निकाइल देबउ, आर जोदि अइसने दोसर फुल आने पारबें तो आधा राइज दइ देबउ आर आपन बेटी से बिहा देबउ जोउ एक-दू पइला चिउड़ा लइ ले भंडार से रास्ता खरच खातिर ।

टेपा राजाक हुकुम काटे नाँइ पारल आर ऊ चलल आहे नदीक धारी-धारीं । चलते-चलते एगो बोन पावाइल जहाँ पहरेदार ओकराँ जाइ ले रोइक देला कहला जे आगु जाना खतरा हो । बोने एगो राकसिन ही जे तोरों खाइ जितोउ। टेपा कहलइ हामरा मोरेक डर नखे । घुरब तो राजा नाँइ छोड़त एकर से बेस कामेक आगुक परयासें मोरों। एतना कही टेपा आगु बाइढ़ जाहे ।  “©www.sarkarilibrary.in”

थोडे धुर गेल परें एगो राकसिन डोका फाइर खाइले दउड़ल ही। टेपा राकसिन के कहलइ – मोसी हामें लागों, तोंय नाइ चिन्हें पारलें ? देख माय तोर खातिर चिउड़ा पठवल होउ । तखन राकसिन कहली- नाय चिन्हें पारलों बेटा हामें तो तोराँ चुम्मा लिये जा हलियउ । एतना कहीकें ऊ चिउड़ाक गाँइठ उठाइ मुहें भोरे खोजो ही एतने में टेपा उठवल टांगा आर लगवल चोटवे राकसिनेक गरदन में आर राकसिन मोइर गेली। टेपा ओकर कानवां काइट लेल आर आगु चलल ।

जखन ऊ देसेक राजा राकसिन के मारल के खबर पाइल आर ई बिसवास भइ गेलइ जे राकसिन के टेपे हे मारल हे तखन ऊ खुस भइ आपन छोट बेटी से ओकर बिहा दइ देहे। टेपा बिदाइ नाइ लइ राजा से कहे हे जे हामें केतकी फुल लइ घुरब तकर बाद बिदाइ ले ।

चलते-चलते एगो दोसर राइज पोंहचे हे तो देखे हे जे सब काइँद रहल हथ । ऊ राइजेक राजाक बेटा मोइर गेल हे । ढिंढोरा पिटाइ रहल हइ जे, जे केउ ओकर बेटा के बाँचाइ देतइ ओकराँ एक हिंसारा राइज देबइ आर आपन बेटी संग बिहा देबइ । आर नाँइ पारलें ऊ बइद के जान से माइर देल जितइ। टेपा सोंचल हामरौँ तो मोरेके हे, हिंया मोरों चाहे आपन राजा मोरवे! फेर परयास करलों नुकसान की। ऊ राजा के आपन जोजना बतवलइ आर से मोताबिक राज कुमार सोसान में तोइप देल जा हे। टेपा एगो कांसाक डुभा आर एगो ठूठना लइ नुकाइ रहे हे।  “©www.sarkarilibrary.in”

आधा राती डाकिन-किचिन सब आव-हथ आर ऊ राजकुमार के गाढ़ा से बाहराइ साफ-सुथर कइर एगो जड़ी सुंघाइ बचाइ दे हथ । ओकर से खेलल बाद फेर दोसर जड़ी सुंघाइ मोराइ फेर गाढ़ें तोइप दे हथ । टेपा नुकाइ के दूनो जड़िया चोराइ ले हे। आर लगवे हे कांसाक डुभा जोर-जोर से बजवे। डाकिन-किचिन सब डरें भाइग जा हथ । टेपा राजकुमार के जीयाइ देहे। राजा खुस भइ आपन वेटी संग ओकर बिहा दइ देहे। मेंतुक टेपा बिदाइ नाय ले हे आर आगु वाइढ़ जा हे ।

चलते चलते एगो अड़कुजल बोनें पहूँइच जा हे। उहाँ देखे हे एगो सुन्दर बेटी छउवा ढेलुवा झुंक-ऽ ही आर ओकरे ठिन केतकी फुल हइ । ऊ बुझे पारे हे जे ऊ बेटी छउवा राकसिनेक बेटी लागी। आब करत की आखिर ओकर मोरेक तो हइये हइ, चाहें ई राकसिन मोरवे चाहें आपन राजा । ऊ बेटी छउवा ठिन जाहे तो ऊ टेपाक देइख मोहित भइ जा ही आर ओकर सें बिहा करे खोजो ही । राकस-राकसिन आव-हथ तखन ओकर बेटी गाहना -गुरिया सब लइ टेपाक संग भाइग जा ही। टेपा आपन बुधी से दूइयो राकस – राकसिन के माइर देहे आर केतकी फुल संग राकसिन के सुन्दर बेटीक संग घुरे हे ।  “©www.sarkarilibrary.in”

राजाक बेटी ओकराँ सलाह देही जे ओकर बाप ठिन ए गो सोनाक मुंगरा हइ, सेटा बिदाइ समय मांइग लिहें। टेपा बिदाइ समय ओहे सोनाक मुंगरा मांगे हे आर बिदाइ कइर घुरे हे। फेर दोसर राजाक ठिन जा हे । ओकर बेटी कह-ही जे ओकर बाप ठिन एबो बाँडी हाथनी हइ आर एगो हाथिक खड़ग सेटा माइंग लिहें। टेपा ओइसने राजा सें बिदाइ समय बाँड़ी हाँथनी आर हाथिक खड़ग लइ चाइरो झन हथनिक उपर बइस आपन राइज घुर हथ। राजा केतकी फुल पाइ खुस हवे हे आर आपन बेटी संग बिहा दइ आधा राइज दइ दे हे । टेपा आपन बुधी-बल आर हिम्मत से सब जघऽ सफल भेल जा हे। आर तीनों बहु संग हाँसी-खुसी रहे लागो हे।

  • Q.राजा नीलकमल कौन लोककथा के पात्र लागे ? छागइर गोरखिया आर केतकी फुल 
  • Q.छागइर गोरखिया आर केतकी फुल लोककथा के  छागइर गोरखिया के नाम की रहइ ?  टेपा
  • Q.टेपा के लोके की नाम से  जानथ हलथिन ?  गोरखिया
  • Q.टेपाय नदी धारीं गोरखी करइत-करतइ नदीं की बोहाइल आइतें देखलइ ? एगो फुल  “©www.sarkarilibrary.in”
  • Q.टेपाय नदी धारीं गोरखी करइत-करतइ नदीं कौन फुल की बोहाइल आइतें देखलइ ? केतकी फुल
  • Q.टेपा सांइझ पहर जखन घर घुरे लागल तखन केतकी फुल के कँहा गाइड देइ ?   राजाक गोबर डींगें
  • Q.टेपा सांइझ पहर जखन घर घुरे लागल तखन केतकी फुल के कोकर गोबर डींगें गाइड देइ ?  राजाक गोबर डींगें
  • Q.गोबर डींगें गाडल  केतकी फुल के के दोसर दिन टेपा से पहिले उठाइ लइ गेली ? राजाक नोकरानी
  • Q.राजा के  केतकी फुल कोकर से मिलल ? नोकरानी से 
  • Q.राजाय टेपाक की आने ले कहलइ ? केतकी फुलेक जोड़ 
  • Q.केतकी फुलेक जोड़ नाय आणले राजाय टेपाक की सजा देतय ? राइज से निकाइल देतय
  • Q.केतकी फुलेक जोड़ नाय राजाय टेपाक की देतय ? आधा राइज आर आपन बेटी से बिहा 
  • Q.केतकी फुलेक जोड़ जखन टेपा खोजे जाय लॉगले ,तखन रास्ताय खाय खातिर राजाय की देले ? एक-दू पइला चिउड़ा
  • Q.चलते-चलते एगो बोन पावाइल जहाँ पहरेदार टेपा के  जाइ ले की ले रोइक देला ? बोने एगो राकसिन ही जे टेपा के खाइ जितोउ। 
  • Q.टेपा बोनेक राकसिन के की से मारलय ? टांगा से   “©www.sarkarilibrary.in”
  • Q.राकसिन के मारलय बाद टेपा राक्सिन के कौन अंग काटल र आगु चलल ? कानवां
  • Q.टेपा राकसिन के मारलय बाद जखन दोसर राइज पोंहचे हे तो हुवाक लोग किले सब काइँद रहल हथ ? राइजेक राजाक बेटा मोइर गेल हे
  • Q.जे राजाक मोरल बेटा के जिन्दा करतय ओकरा राजय की देते ? एक हिंसारा राइज आर आपन बेटी संग बिहा
  • Q.जे बइदे राजाक मोरल बेटा के जिन्दा नाय करे परतय ओकरा राजाय की सजा देते ? मृत्युदंड 
  • Q.राजाक मोरल बेटा के जिन्दा करेले टेपा की करलय ? राज कुमार सोसान में तोइप देल 
  • Q.टेपा के कई गो बहु है ? तीन
  • Q.टेपा के बिहा में की की मिलल ? सोनाक मुंगरा, एबो बाँडी हाथनी, हाथिक खड़ग

 

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