Booba ego kahani kahi de बूबा एगो कहनी कही दे

 

Booba ego kahani kahi de 

बूबा एगो कहनी कही दे 
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 4 – बूबा एगो कहनी कही दे

छॉइहर(कहानी संग्रह/गोछ )

लेखक – चितरंजन महतो “चित्रा’

प्रकाशक -खोरठा भाषा साहित्य संस्कृति अकैडमी, रामगढ़

प्रकाशन वर्ष -2007 

कहानी संग्रह – 10

  • अगहन महीने का समय है धान को काटने के बाद खलिहान में रखा जा रहा है और खलिहान की रखवाली करने के लिए सांझ के समय लोग खलिहान में पहरा देते  हैं

  • आज पहरेदारी में एक बूढ़ा व्यक्ति जिसका नाम गंगाराम है और कई सारे उसे उम्र में छोटे लोग है.गंगाराम हंसमुख स्वभाव का व्यक्ति है

  • खलिहान की रखवाली करने वाले लोग गंगाराम को बूबाकहते थे

  • लोग गंगाराम से कहानी सुनाने को कहते है तभी गंगाराम कहानी की शुरुआत करता है

  • उसके द्वारा दो कहानी सुनाया जाता है

पहला कहानी 

  • बात अंग्रेजों के जमाने की है, चार जमींदार थे

स्थान 

जमींदार

भदुआगढ़ा 

दीनानाथ भंडारी 

देपचूड़ टांड 

सहज देव  चौधरी

बाघलता 

फागू मांझी

सियारडीह 

तीरथा  मुंडा

  • सभी जमींदार गलत ढंग से पैसा कमाते थे और उससे ऐसो आराम में खर्च करते थे, जैसे कि मांस, मछली, दारु आदि में दिन प्रतिदिन उनका खर्चा बढ़ने लगा और अपनी बेटियों के शादी में अपनी जमीन रयतो या किसी दूसरे जमींदार को बेचने लगे

  • सहज देव चौधरी शराबी बन गया तथा फागू मांझी और तीरथ मुंडा का हाल बहुत खराब हो गया और उनकी जमीनदारी भी खत्म हो गया

  • लेकिन दीनानाथ भंडारी के बच्चे चालक थे वे  गांव छोड़ कर चले गए हैं और नौकरी करने लगे

  • सहज देव  चौधरी के बच्चे खेती करने लगे जबकि फागू मांझी और तीरथ मुंडा अजगर सांप के जैसे लेटे रहते थे, ये दोनों एवं उनके बच्चे  दीनानाथ भंडारी के यहां खेतों में मिट्टी काटते थे, 2 दिन काम करते तो 2 दिन सोते रहते,  इस तरह उनके बच्चे भी मिट्टी काटने लगे

दूसरा कहानी

  • इस कहानी के पात्र हैं – गंगला आजा, धनिया काका, रमुआ दा।  वह भी पहले कहानी की तरह शराबी थे

  • जब वे शराब पीते तो बड़ा बड़ा डिंग हांकते और दूसरों से झगड़ा करते

  • बेटियों के विवाह में उन्होंने भी अपने खेतों को बेच दिया

गंगला आजा

दो खेत और एक टांड बेचा

धनिया काका

कई सारे खेत और टांड बेचा

रमुआ दा

दो खेत ,सड़क किनारे की एक टांड, पम्प बेचा

निष्कर्ष – शराब नहीं पीना चाहिए 

बूबा’ एगो कहनी कही दे Questions

1Q.बूबा एगो कहनी कही दे कहनी केकर लिखल लागे? 

ANS- चितरंजन महतो “चित्रा’ 

2Q.बूबा एगो कहनी कही दे कहनी किस पुस्तक में संकलित है?

ANS-छॉइहर कहानी संग्रह

3Q.बूबा एगो कहनी कही दे कहनी प्रयुक्त बिंड़ा क्या है ? 

ANS- धान को काटने के बाद गुच्छे में बांधा जाता है उसी को बिंड़ा कहा जाता है

4Q.बूबा एगो कहनी कही दे कहनी प्रयुक्त खरई क्या है ? 

ANS- स्थान जंहा बिंड़ा रखा जाता है 

5Q.बूबा एगो कहनी कही दे कहनी प्रयुक्त कुम्बा – कुरिया क्या है ?

ANS-  अस्थाई समय के लिए पहरेदारी हेतु बनाया गया विचाली का झोपड़ा

6Q.गंगाराम नामक व्यक्ति का जिक्र किस कहानी में है ? 

ANS- बूबा एगो कहनी कही दे

7Q.बूढ़ा गंगाराम स्वभाव से किस प्रकार का व्यक्ति था ?  हंसमुख

8Q.बूबा एगो कहनी कही दे कहनी में कहानी कौन सुनाता है ? गंगाराम

9Q.अंग्रेज राजा रजवाड़ों से क्या वसूलते थे ? मालगुजारी 

10Q.राजा रजवाड़ा अंग्रेजों को मालगुजारी देने के लिए मालगुजारी किससे वसूलते थे ? रैयत से

11Q.रैयत से मालगुजारी किसके माध्यम से राजा रजवाड़ों के द्वारा वसूला जाता था ?  गांव के जिमिदार केमाध्यम से   

12Q. प्रत्येक गांव के जमीन वन जंगल पत्थर सभी का मालिक कौन होता था ? गांव का जिमिदार

13Q. जमींदार द्वारा मालगुजारी के वसूली में उसके सहायक कौन कौन थे ?  गोड़ायत,  चौकीदार

14Q. भदुआगढ़ा का जमींदार कौन था ?  दीनानाथ भंडारी

15Q. देपचूड़ टांड का जमींदार कौन था ? सहज देव  चौधरी

16Q. बाघलता का जमींदार कौन था ? फागू मांझी

17Q. सियारडीह का जमींदार कौन था ? तीरथा  मुंडा

18Q. बूबा एगो कहनी कही दे कहनी में कौन जमींदार के बेटा बेटी गांव छोड़ कर शहर जाकर नौकरी करने लगे थे ? दीनानाथ भंडारी के

19Q. “डोरा पोइर गेलाक ओकर ऐठन नाय गेलाक “यह कहावत चेहर पुस्तक के किस कहानी में प्रयोग किया गया है ? बूबा एगो कहनी कही दे

20Q. फागू मांझी और तीरथ मुंडा ये दोनों एवं उनके बच्चे किसके खेतों में मिट्टी काटते थे ? 

दीनानाथ भंडारी

21Q.“बूबा’ एगो कहनी कही दे’ कहनी में रमुआ के कितने बेटी का जिक्र है ?  2 

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