पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी ‘वगीर’ की पहली समुद्री परीक्षण यात्रा
भारतीय नौसेना की नई पनडुब्बी, “वगीर (Vagir)” नामक छह फ्रांसीसी-डिज़ाइनस्कॉर्पीन-श्रेणी की पनडुब्बियों में से पांचवीं, अपनी पहली समुद्री उड़ान पर रवाना हुई । फ्रांस के मेसर्स नेवल ग्रुप / नौसेना समूह के सहयोग से मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा इसके निर्माण के दौरान पनडुब्बी-नामित “यार्ड 11879” को सेवा में शामिल होने के बाद “वगीर” नाम दिया जाएगा।भारतीय नौसेना की पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी (कलवरी-श्रेणी/Kalvari-class), जिसे प्रोजेक्ट 75 के हिस्से के रूप में बनाया गया हैस्कॉर्पीन-क्लास (पी-75) की छह पनडुब्बियों का निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड, मुंबई में किया जाना है।
- आईएनएस कलवरी(Kalvari)
- आईएनएस खंडेरी (Khanderi)
- INS करंज (Karanj)
- आईएनएस वेला (Vela)
- INS वगीर (Vagir)
- पनडुब्बी वाग्शीर
प्रोजेक्ट 75 इंडिया
वर्ष 2007 में स्वीकृत प्रोजेक्ट 75 इंडिया, स्वदेशी पनडुब्बी निर्माण के लिये भारतीय नौसेना की 30 वर्षीय योजना का हिस्सा है।
30 वर्षीय पनडुब्बी निर्माण कार्यक्रम :
जून 1999 में 30 वर्षीय पनडुब्बी निर्माण योजना को मंज़ूरी दी थी जिसमें वर्ष 2030 तक 24 पारंपरिक पनडुब्बियों का निर्माण करना शामिल था।P75 के तहत स्कॉर्पीन वर्ग (Scorpene class) पर आधारित कलवरी वर्ग (Kalvari class) की छह डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बियों का निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड (MDL) में किया जा रहा था।
2005 में, भारत और फ्रांस ने छह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के निर्माण के लिए 3.75 बिलियन डॉलर के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
भारत में बनने वाली कुल 24 पनडुब्बियों में से छह परमाणु ऊर्जा से संचालित होंगी। वर्तमान में भारत के पास केवल एक परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत (Arihant) है। INS अरिघाट (Arighat) एक परमाणु ऊर्जा से चलने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है।INS चक्र (Chakra) रूस से लीज पर ली गई एक परमाणु पनडुब्बी है।
रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC)
DAC की अध्यक्षता रक्षा मंत्री द्वारा की जाती है।2001 में रक्षा अधिग्रहण परिषद का गठन किया गया था।
स्कॉर्पीन-श्रेणी की पनडुब्बियां (Scorpene-class submarines)डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों का एक वर्ग है जिसे संयुक्त रूप से फ्रांसीसी नौसेना समूह और स्पेनिश कंपनी नवांटिया (Navantia) द्वारा विकसित किया गया है।