मेहमानों का थूक कर स्वागत करने की प्रथा

मेहमानों का थूक कर स्वागत करने की प्रथा

थूकने की प्रथा

भारत में मेहमान को भगवान का रूप माना जाता है। घर पर मेहमान आने पर नए-नए पकवान बनाए जाते हैं और बहुत ही सम्मान से उनका स्वागत किया जाता है। 

कई जनजातियों में मेहमान का स्वागत बहुत अलग तरीके से किया जाता है। लेकिन हम आपको ऐसे समुदाय के लोगो से आज रूबरू करवाते है जो अपने मेहमान पर जम के थूकते है।

केन्या और तंजानिया में मसाई समुदाय(Masai community) के पुराने काबिले है। जहाँ पर मेहमान के आने के बाद पुरे परिवार के सदस्य उनपर जम के थूकते है।

घर में मेहमान के आने के बाद परिवार के हर सदस्य मेहमान से हाथ मिलाते है और एक दूसरे के हाथ पर थूक थूक के अपनी ख़ुशी को जताते है। और लोग इस प्रथा को शुभ मानते है और इस प्रथा को आज भी निभाया जाता है। थूकने की इस प्रथा में जन्म लिए बच्चे पर भी थूका जाता  है ।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चे पर थूकने से सभी पाप दूर हो जाते है। मसाई जनजाति के लोग लाल कपड़े पहनते हैं। 

मासाई एक नीलोटिक जातीय समुदाय(Nilotic ethnic community) है, जो मां भाषा(Maa language) बोलते हैं।

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