19. बथुड़ी जनजाति
- झारखण्ड की अल्पसंख्यक जनजाति
- बथुड़ी जनजाति स्वयं को जनजाति/ आदिवासी नहीं मानती है।
- ये स्वयं को बाहुतुली या बाहुबली कहते हैं
- अर्थ – क्षत्रिय
- इन्हे भुईया का पूर्वज माना जाता है।
- निवास स्थल – सिंहभूम क्षेत्र व ढालभूम की पहाड़ी क्षेत्र
- प्रजातीय संबंध – द्रविड़ समूह
- पितृसत्तात्मक सामाजिक व्यवस्था
- गोत्र की संख्या – पाँच
- सर्वाधिक प्रचलित विवाह – ‘आयोजित विवाह‘
- गांव का प्रमुख – प्रधान
- नृत्य-संगीत के शौकीन
- वाद्य यंत्र का प्रयोग – कहंगु, वंशी, झाल और मांदर
- पर्व – आषाढ़ी पूजा, शीतला पूजा, वंदना पूजा, धूलिया पूजा, सरोल पूजा, रस पूर्णिमा, मकर सक्रांति आदि
- प्रमुख पेशा – कृषि, वनोत्पादों का संग्रह एवं मजदूरी
- प्रमुख देवता – ग्राम देवता
- गांव का पुजारी – दिहुरी