बंकिम चंद्र चटर्जी (Bankim Chandra Chatterjee)
- बंगाली के साहित्य सम्राट
- बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का जन्म 27 जून, 1838 को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के कांठलपाड़ा नामक गांव में हुआ था
- बंकिमचंद्र चन्द्र चट्टोपाध्याय का पहला उपन्यास ‘रायमोहन्स वाईफ’ अंग्रेजी में था.
- साल 1865 में उनकी प्रथम बांग्ला कृति ‘दुर्गेशनंदिनी’ प्रकाशित हुई.
- 1872 में मासिक पत्रिका ‘बंगदर्शन’ का भी प्रकाशन किया.
- बंकिमचंद्र चटर्जी को रवींद्रनाथ टैगोर अपना गुरु भी मानते थे.
- उनकी अगली रचनाएं कपालकुंडला, मृणालिनी, विषवृक्ष, चंद्रशेखर, रजनी, राजसिंह ,देवी चौधुरानी आईं.
- उन्होंने ‘सीताराम’, ‘कमला कांतेर दप्तर’, ‘कृष्ण कांतेर विल’, ‘विज्ञान रहस्य’, ‘लोकरहस्य’, ‘धर्मतत्व’ जैसे ग्रंथ भी लिखे.
राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम”
- बंकिम चंद्र चटर्जी के बाँग्ला उपन्यास आनंद मठ(1882) से वंदे मातरम को राष्ट्रगीत के रूप में 24 जनवरी 1950 को स्वीकार किया गया
- आनंदमठ उपन्यास अंग्रेजी शासन, जमींदारों के शोषण व प्राकृतिक प्रकोप (अकाल) से त्रस्त जनता द्वारा बंगाल में किए गए सन्यासी विद्रोह पर आधारित था।
- इसे सर्वप्रथम 1896 में कांग्रेस के कलकाता अधिवेशन में रवीन्द्र नाथ टैगोर ने गाया गया था जिसका अध्यक्षता रहीमतुल्ला सयानी के द्वारा किया गया था
- इस गीत को गाने का समय 65 सेकेंड है
- भारतीय संसद का अधिवेशन का प्रारंभ “जन गन मन” से और समापन “वंदे मातरम” से होता है
- वंदे मातरम् गीत के प्रथम दो पद संस्कृत में तथा शेष पद बांग्ला भाषा में थे।
- राष्ट्रकवि रवींद्रनाथ टैगोर ने इस गीत को compose किया
- अरबिंदो घोष ने इस गीत का अंग्रेज़ी में और आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने इसका उर्दू में अनुवाद किया।
- इस राष्ट्रगीत के प्रथम गायक पंडित ओमकारनाथ ठाकुर थे