रवींद्रनाथ टैगोर की जीवनी( Rabindranath Tagore Biography )
- उपनाम – बंगाल के बार्ड ,गुरुदेव, कविगुरु, विश्वकवि
- रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म – 07 मई, 1861, बंगाल प्रेसीडेंसी के कलकत्ता (अब कोलकाता) में
- रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती – 07 मई, 2023 (162 वीं)
- रवींद्रनाथ टैगोर के पिता का नाम – देबेंद्रनाथ टैगोर (1817–1905)
- रवींद्रनाथ टैगोर की माता का नाम – शारदा देवी
- रवींद्रनाथ टैगोर की पत्नी का नाम – मृणालिनी देवी
- रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई का नाम – सत्येंद्रनाथ टैगोर
- मृत्यु (रवींद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि) – 7 अगस्त 1941 (उम्र 80)
- रवींद्रनाथ टैगोर का बचपन का नाम – रोबिंद्रोनाथ ठाकुर
- रवींद्रनाथ टैगोर का पेशा – कवि, साहित्यकार, संगीतकार, कलाकार,दार्शनिक एवं आयुर्वेद-शोधकर्त्ता
- उन्होंने मात्र 8 वर्ष की आयु में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था
- 16 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संग्रह प्रकाशित हुआ था।
- रवींद्रनाथ टैगोर को उनकी काव्य रचना ‘गीतांजलि’ के लिये वर्ष 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया था
- ‘गीतांजलि’ को मूल रूप से बांग्ला भाषा में लिखा गया था तथा बाद में इसका अंग्रेज़ी में अनुवाद किया गया।
- रवींद्रनाथ टैगोर नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले गैर-यूरोपीय थे।
- रविन्द्रनाथ टैगोर नोबेल पुरस्कार जीतने वाले एशिया के प्रथम व्यक्ति है।
- रवींद्रनाथ टैगोर की अन्य रचना
- भारतीय राष्ट्रगान (जन गण मन)
- बांग्लादेश का राष्ट्रगान (आमार सोनार बांग्ला)
- श्रीलंका के राष्ट्रगान को भी उनकी रचनाओं से प्रेरित माना जाता है।
- गीतांजलि, घारे-बैर, गोरा, मानसी, बालका, सोनार तोरी
- उन्हें उनके गीत ‘एकला चलो रे’ (Ekla Chalo Re) के लिये भी याद किया जाता है।
- रवींद्रनाथ टैगोर ने ही महात्मा गांधी को ‘महात्मा’ की उपाधि दी थी।
- बड़े भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर पहले भारतीय थे जो 1864 में भारतीय सिविल सेवा अधिकारी बने
- रवींद्रनाथ टैगोर की जीवनी पर पुस्तक प्रभात कुमार मुखोपाध्याय ने लिखा है
- रवींद्रनाथ द्वारा अपनी छोटी उम्र में भानुसिंघा(Bhanusingha) नाम से साहित्य लिखा करते थे है।
- डब्लू.बी. येट्स (W.B Yeats) द्वारा रबींद्रनाथ टैगोर को आधुनिक भारत का एक उत्कृष्ट एवं रचनात्मक कलाकार कहा गया।
- उनके गीतों एवं संगीत को ‘रबींद्र संगीत’ (Rabindra Sangeet) कहा जाता है।
- उन्होंने वर्ष 1921 में विश्व भारती विश्वविद्यालय (Vishwa Bharati University-शांतिनिकेतन, पश्चिम बंगाल) की स्थापना की
- वर्ष 1915 में उन्हें ब्रिटिश किंग जॉर्ज पंचम (George V) द्वारा नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 1919 में जलियाँवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने नाइटहुड की उपाधि का त्याग कर दिया था ।
‘जन गण मन’ (राष्ट्रगान)
- मूल गीत ‘जन गण मन’ (राष्ट्रगान) बांग्ला में लिखा गया था।
- जन गण मन गीत का बांग्ला से अंग्रेज़ी में अनुवाद रबींद्रनाथ टैगोर ने ही बाद में किया था
- रबींद्रनाथ टैगोर ने आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले के मदनपल्ले में अपने प्रवास के दौरान इसका अंग्रेज़ी में अनुवाद किया।
- जन गण मन को 24 जनवरी, 1950 को भारत के राष्ट्रगान घोषित किया गया ।
रवींद्रनाथ ठाकुर
रबीन्द्रनाथ टैगोर का प्रारंभिक जीवन –
रविंद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में देवेंद्रनाथ टैगोर और शारदा देवी के सबसे छोटे बेटे के रूप में हुआ। उनके पिता देवेंद्रनाथ टैगोर ब्रह्म समाज के नेता थे। देवेंद्रनाथ बहुत ही सुलझे हुए और सामाजिक जीवन जीने वाले व्यक्ति थे। उनकी पत्नी शारदा देवी बहुत ही सीधी और घरेलू महिला थी। रविंद्रनाथ टैगोर घर में सबसे छोटे होने के कारण माता पिता का स्नेह और प्यार उन्हें ही सबसे ज्यादा प्राप्त हुआ। बचपन से ही उन्हें साहित्य और कविताओं में रुचि थी। 8 वर्ष की आयु में उन्होंने पहली बार कविता लिखी। रविंद्रनाथ टैगोर अपने आप में बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। 16 वर्ष की आयु से ही उन्होंने कहानियां और नाटक लिखना प्रारंभ कर दिया था।
रविंद्रनाथ टैगोर की शिक्षा
रविंद्रनाथ टैगोर की प्रारंभिक शिक्षा सेंट जेवियर नामक स्कूल में हुई। स्कूली शिक्षा के अलावा भी उन्होंने अपने घर में गृह शिक्षकों से विद्या प्राप्त की। गृह शिक्षक उन्हें साहित्य ,उपनिषद के साथ अन्य कई विषयों में शिक्षा देते थे। 17 वर्ष की आयु में वह लंदन चले गए जहां उन्होंने लंदन विश्वविद्यालय में 1 वर्ष तक अध्ययन किया। वह साल 1880 में अपनी शिक्षा पूरी किए बिना ही इंग्लैंड से वापस भारत आ गए। उसके बाद वे बंगाली में नियमित रूप से कविताएं,कहानियां और उपन्यास से जुड़े और इनका प्रकाशन भी किया। उनके इन्हीं कामों ने धीरे-धीरे बंगाली साहित्य को बदलना शुरू कर दिया।
विवाह
- सन् 1883 को रविंद्रनाथ टैगोर का विवाह मृणालिनी देवी से हुआ।
रचनाएं
जैसा कि हम जानते हैं कि रवींद्रनाथ टैगोर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनकी रुचि बहुत से विषयों में थी और हर क्षेत्र में उन्होंने अपनी ख्याति फैलाई। वे एक महान कवि, साहित्यकार, लेखक, चित्रकार और एक अच्छे समाजसेवी थे। उनकी रचनाओं और कविताओं से उनके प्रभावी व्यक्तित्व की झलक दिखाई पड़ती है। टैगोर ने अपनी पहली कविता 8 वर्ष की आयु में लिखी और 16 वर्ष की आयु से निरंतर साहित्य लेखन और नाटक लिखना जारी रखा। जो उनके जीवन के अंतिम दिनों तक अवैध रूप से चलता रहा। रविंद्र नाथ टैगोर ने लगभग 2200 गीतों की रचना की।
शांति निकेतन में रविंद्रनाथ टैगोर
साल 1901 में रविंद्रनाथ टैगोर शांति निकेतन आश्रम चले गए, जहां उन्होंने उपनिषदों से पारंपरिक गुरु शिष्य शिक्षण विधियों पर आधारित एक प्रायोगिक स्कूल शुरू किया। उन्हें यह आशा थी की शिक्षण के प्राचीन तरीके अंग्रेजों द्वारा दी जा रही आधुनिक शिक्षा प्रणाली की तुलना में छात्रों को अधिक फायदेमंद होंगे। शांतिनिकेतन में रहने के दौरान टैगोर ने कविता कहानियों और उपन्यासों की कई साहित्यक रचनाएं लिखी। उनकी रचनाओं को भारत के साथ-साथ विदेशों में भी अपार लोकप्रियता मिलने लगी। साल 1909 में रविंद्र नाथ टैगोर ने गीतांजलि लिखना शुरू किया और 1912 में दूसरी बार यूरोप गए। लंदन की यात्रा के दौरान उन्होंने गीतांजलि से अपनी कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद किया। सन 1912 में लंदन में इंडिया सोसाइटी द्वारा एक सीमित संस्करण प्रकाशित किया गया। 1913 में इस कविता संग्रह को साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। इस प्रकार रविंद्रनाथ टैगोर इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को प्राप्त करने वाले पहले गैर यूरोपीय व्यक्ति बन गए। इसके बाद सन् 1915 में टैगोर को किंग जॉर्ज पंचम द्वारा नाइटहुड की उपाधि से भी सम्मानित किया गया।
शिक्षाविद टैगोर
1921 में, रविंद्रनाथ टैगोर ने विश्वभारती विश्वविद्यालय की स्थापना की और नोबेल पुरस्कार से जीता अपना सारा धन और अपनी किताबों से सारी रॉयल्टी का पैसा इस विश्वविद्यालय को दे दिया। यह भारत के केंद्रीय विश्वविद्यालयो में से एक है। यह एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जिसके कुलपति प्रधानमंत्री हैं।
स्वतंत्रता आंदोलन में टैगोर
रविंद्र नाथ टैगोर ने समय-समय पर भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन में भाग लिया। टैगोर ने अपनी कविताओं और रचनाओं से अंग्रेजी हुकूमत का विरोध किया। उन्होंने कई विरोध सभाओं में भी सक्रिय भाग लिया। महात्मा गांधी जो कि आधुनिक भारत के राजनीतिक पिता थे, उनके एक काफी अच्छे मित्र थे। टैगोर को आधुनिक भारत के वास्तुकारों में से एक के रूप में पहचाना जाता है। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने “डिस्कवरी ऑफ इंडिया”नामक किताब में लिखा,टैगोर और गांधी निसंदेह बीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में दो उत्कृष्ट और प्रभावशाली व्यक्ति रहे हैं। टैगोर का प्रभाव भारत के मन पर और विशेष रूप से यहां की उभरती पीढ़ियों पर जबरदस्त रहा है। किसी भी अन्य भारतीय से अधिक उन्होंने पूर्व और पश्चिम के आदर्शों में सामंजस्य बिठाने में मदद की है और भारतीय राष्ट्रवाद के आधार को काफी व्यापक बनाया है। सन 1919 में जालियांवाला बाग हत्याकांड के बाद रविंद्रनाथ टैगोर ने इस कृत्य की निंदा करते हुए “नाइटहुड‘ उपाधि का त्याग कर दिया था। वह गांधी जी के समर्थक थे लेकिन वे राजनीति से काफी दूर रहे। वे सिद्धांत के रूप में राष्ट्रवाद और सैन्यवाद के विरोध में थे, और इसके बजाय आध्यात्मिक मूल्यों और बहुसंस्कृतिवाद, विविधता और सहिष्णुता में स्थापित एक नई विश्व संस्कृति के निर्माण को बढ़ावा दिया करते थे।
रविंद्रनाथ टैगोर की साहित्यिक कृतियां
रविंद्र नाथ टैगोर ने अपने जीवन काल में अनेकों रचनाएं,साहित्य और कविताएं लिखी। जिनमें से कुछ कविताएं इस प्रकार है-
रविंद्रनाथ टैगोर के प्रमुख नाटक हैं-
मृत्यु –
- 17 अगस्त, 1941 को टैगोर की मृत्यु उनके निवास स्थान में हुआ जहां उन्होंने अपना बचपन व्यतीत किया था।
2 देशों के राष्ट्र गानों के रचयिता –
- रविंद्र नाथ टैगोर ने भारत का राष्ट्रगान ‘ जन गण मन ‘ और बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान ‘ आमार सोनार बांग्ला’ की रचना की।
रविंद्र नाथ टैगोर से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न इस प्रकार है –
1. रविंद्रनाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार कब मिला था ?
उत्तर – रविंद्र नाथ टैगोर को वर्ष 1913 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार मिला था।
2. रविंद्रनाथ टैगोर ने कौन से विद्यालय की स्थापना की ?
उत्तर -रविंद्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1921 में ”शांति निकेतन ” विद्यालय की स्थापना की।
3. रविंद्रनाथ टैगोर को भारत रत्न कब मिला था ?
उत्तर -रविंद्रनाथ टैगोर को “भारत रत्न” वर्ष 1954 में मिला था।
4. रविंद्र नाथ टैगोर ने किन दो देशों का राष्ट्रीय गान लिखा हैं ?
उत्तर – भारत और बांग्लादेश।
5. रविंद्रनाथ टैगोर को नाइटहुड की उपाधि कब दी गई थी?
उत्तर – वर्ष 1915 में ब्रिटिश सरकार की ओर से उन्हें “नाइटहुड” की उपाधि दी गई थी।
6. रविंद्रनाथ टैगोर ने राष्ट्रगान कब लिखा था ?
उत्तर – 27 दिसंबर, 1911 को ” जन गण मन” को पहली बार रविंद्रनाथ टैगोर ने गाया था और 24 जनवरी 1950 को इसे राष्ट्रीय गान के रूप में अपनाया गया था।
7. रवींद्रनाथ टैगोर की मृत्यु कब हुई थी ?
उत्तर – रविंद्र नाथ टैगोर की मृत्यु 7 अगस्त, 1941 को हुई थी।